एचआरटीसी में ठेके पर रखे जाएंगे कंडक्टर

एचआरटीसी में आउटसोर्स से कंडक्टर भर्ती की तैयारी की जा रही है, बेरोजगार स्थायी रोजगार की मांग कर रहे हैं, पर एचआरटीसी प्रबंधन ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा देने में लगा है।

By Edited By: Publish:Thu, 13 Sep 2018 09:36 PM (IST) Updated:Fri, 14 Sep 2018 08:29 AM (IST)
एचआरटीसी में ठेके पर रखे जाएंगे कंडक्टर
एचआरटीसी में ठेके पर रखे जाएंगे कंडक्टर

 शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) में अब आउटसोर्स से कंडक्टर भर्ती की तैयारी की जा रही है। सूत्रों के अनुसार भर्ती प्रक्रिया को गुपचुप तरीके से आगे बढ़ाया गया है। इससे 11734 प्रशिक्षु कंडक्टरों के हित दरकिनार किए गए हैं। निजी एजेंसी से टेंडर कॉल करने पर अब विवाद खड़ा हो गया है। बेरोजगार सरकार से स्थायी रोजगार की मांग कर रहे हैं, पर एचआरटीसी प्रबंधन ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा देने पर तुला हुआ है। 25 अगस्त को ही प्रशिक्षित बेरोजगार कंडक्टरों ने आमरण अनमशन तोड़ा। ये स्थायी रोजगार देने की मांग कर रहे थे। प्रशिक्षित महिला कंडक्टरों ने तो राज्य सचिवालय में परिवहन मंत्री तक का घेराव किया था। इसमें से करीब 21 हड़ताली आइजीएमसी अस्तपाल पहुंच गए थे।

कितने हैं प्रशिक्षित कंडक्टर

कौशल विकास योजना के तहत 2015 से 11734 युवाओं को परिचालक का प्रशिक्षण दिया गया। अभी 219 प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, लेकिन 1703 प्रशिक्षुओं को पॉलिसी से बाहर कर दिया। आरोप है कि इन्होंने एचआरटीसी की बसों में टांका लगाया। सवारियों ने तो किराया दिया, पर इन्होंने इसके बदले टिकट नहीं काटा।

भर्ती पर उठाए सवाल

बेरोजगार प्रशिक्षित परिचालक एकता मंच के अध्यक्ष नरेश कुमार पठानिया ने प्रस्तावित आउटसोर्स भर्ती पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि ठेकेदारी प्रथा सही नहीं है। इससे कंडक्टरों का शोषण होगा। सरकार ने बेरोजगारी दूर करने का वादा किया था, पर अब वादा भूल गई है।

विवादों में रही भर्ती

कंडक्टरों की भर्ती विवादों में रही है। पूर्व कांग्रेस सरकार में इन भर्तियों में धांधलियां बरतने के भी आरोप लगे। पिछले साल के अंत में हुई लिखित परीक्षा, साक्षात्कार का नतीजे पर मौजूदा सरकार ने पहले रोक लगाई। बाद में कैबिनेट में इसे हरी झंडी दी। इससे करीब 1200 पदों को भरा गया। उधर, आउटसोर्स भर्ती पर कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है।

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