पौंग बांध विस्थापितों को दिवाली पर झटका

राजस्थान सरकार ने हिमाचल के पौंग बांध विस्थापितों को दिवाली पर जोर का झटका दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 06 Nov 2018 08:24 PM (IST) Updated:Tue, 06 Nov 2018 08:24 PM (IST)
पौंग बांध विस्थापितों
को दिवाली पर झटका
पौंग बांध विस्थापितों को दिवाली पर झटका

यादवेन्द्र शर्मा, शिमला

राजस्थान सरकार ने हिमाचल के पौंग बांध विस्थापितों को दिवाली पर जोर का झटका दिया है। हजारों पौंग बांध विस्थापितों को राजस्थान सरकार ने जमीन व मुआवजा देने से इन्कार कर दिया है। प्रदेश के 5442 प्रभावितों के आवेदनों को रद कर दिया गया है। यह भी नहीं बताया है कि किस आधार पर आवेदन रद किए गए हैं।

नई दिल्ली में शुक्रवार को केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के सचिव व पौंध बांध विस्थापित हाई पावर कमेटी के अध्यक्ष यूपी सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें हिमाचल प्रदेश से अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) मनीषा नंदा, राजस्थान के सचिव अश्रि्वनी शर्मा व अन्य अधिकारी मौजूद थे। पौंग बांध विस्थापितों की हाई पावर कमेटी की बैठक में राजस्थान के सचिव ने कहा कि हिमाचल के जिन किसानों के आवेदन आए हैं, उनमें से 5442 आवेदन रद कर दिए गए हैं। राजस्थान सरकार द्वारा हिमाचल के 251 आवेदन कम बताए जा रहे हैं। ऐसे में हजारों परिवारों के पौंग बांध के कारण उजड़ने के जख्म आज भी हरे हैं। हालांकि हिमाचल सरकार ने अपने दावे की पुष्टि के लिए राजस्थान सरकार को पुराने खाते भी उपलब्ध करवाए हैं। सरकार ने आवेदन रद करने पर मांगा जवाब

हिमाचल सरकार ने राजस्थान सरकार से हजारों आवेदनों को रद करने का जवाब मांगा है। यह पूछा गया है कि किस आधार पर आवेदनों को रद किया गया है। इसके लिए राजस्थान सरकार कोई ठोस आधार नहीं दे सकी लेकिन अपने निर्णय पर कायम रही। पौंग बांध विस्थापितों ने जमीन व मुआवजे के लिए आवेदन किए थे। राजस्थान सरकार ने यह भी दावा किया कि 8009 पौंग बांध विस्थापितों को राजस्थान के रामगढ़, जैसलमेर, मोहनगढ़, नाचना व पुगल में जहां जमीनें दी गई हैं वहां सभी मूलभूत सुविधाएं, स्कूल व अस्पताल हैं। 339 गांवों के 20722 परिवार प्रभावित

पौंग बांध बनने के कारण 339 गांवों के 20722 परिवार प्रभावित हुए थे। प्रभावितों की दी गई जमीनों को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। जमीन दूरदराज के क्षेत्र में दी गई है। अभी भी जिन्हें हक नहीं मिला है, ऐसे 16352 लोग बताए जा रहे हैं।

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