ढाई माह बाद जोगेंद्रनगर पठानकोट रेलमार्ग बहाल
आखिरकार ढाई महीने की कड़ी मशक्कत के बाद रेलवे विभाग ने कोपरलाहड़ के पास क्षतिग्रस्त रेल पटरी की मरम्मत कर इस ट्रैक को
संवाद सहयोगी, पपरोला : आखिरकार ढाई महीने की कड़ी मशक्कत के बाद बुधवार को जोगेंद्रनगर-पठानकोट ट्रैक पर सीधी रेल सेवा शुरू कर दी। सुबह करीब 7.30 बजे पपरोला से ट्रेन पठानकोट के लिए रवाना हुई, लेकिन पठानकोट से आने वाली पहली रेलगाड़ी जो नौ बजे पपरोला पहुंचती थी, कुछ समय के लिए लेट हो गई। इस कारण पपरोला से पठानकोट रवाना पहली रेलगाड़ी को मारंडा रेलवे स्टेशन में एक घंटे का इंतजार करना पड़ा। पपरोला रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के बाद ही दूसरी ट्रेन को यहां से रवाना किया जा सका।
छह फरवरी को पपरोला से एक्सप्रेस ट्रेन को सीएम जयराम ठाकुर ने हरी झंडी दिखाई थी। रेलगाड़ी रात को निर्धारित सवा पांच घंटे में पठानकोट पहुंच गई थी, लेकिन इसी रात हुई बारिश के कारण ट्रैक कोपरलाहड़ के पास क्षतिग्रस्त हो गया था। इस कारण ट्रैक सीधी सेवा के लिए बंद करना पड़ा था। पपरोला से छह गाड़ियां पठानकोट के लिए अप-डाउन होती हैं, लेकिन रास्ता बंद होने से सिर्फ तीन ही कोपरलाहड़ तक चल सकी थीं लेकिन अब सीधे यातायात के बहाल होने से ट्रेनें पठानकोट तक जाएंगी। उल्लेखनीय है कि पिछले माह ही रेल विभाग के डिविजनल मैनेजर (डीआरएम फिरोजपुर) विवेक कुमार ने ट्रैक का निरीक्षण किया था और जल्दी ट्रैक बहाल करने का आश्वासन दिया था। सभी रेलगाड़ियों को बहाल होने में एक-दो दिन लग सकते हैं। पपरोला के स्टेशन मास्टर रविद्र रावत ने बताया कि बुधवार को चार गाड़ियों का परिचालन अप और डाउन हुआ है। एक्सप्रेस ट्रेन एक या दो दिन बाद चलाई जाएगी। उधर, ट्रेन में रोजाना सफर करने वाले अक्षय चौधरी ने कहा कि रेलगाड़ियां कांगड़ा घाटी की लाइफलाइन हैं। कहा कि गाड़ियां अगर बंद हो जाएं तो लोगों को परेशानी होती है। छात्र अभिषेक ठाकुर ने बताया कि रेल सेवा सुचारू होने से उन्हें बहुत खुशी हुई है। छात्र अमोल का कहना है कि रेल यातायात काफी सस्ता है। रेलसेवा के बंद होने से लोगों को भरकम किराया खर्च करना पड़ता है। विभाग को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है। आत्मा राम ने कहा कि बार-बार ट्रैक के बाधित होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। चेतन का कहना है कि हम ट्रैक को ब्रॉडगेज करने के सपने देख रहे हैं, जबकि विभाग से नैरोगेज लाइन ही नहीं संभल रही है।