कोरोना संक्रमित के डायलिसिस के लिए आइजीएमसी से आया नेफ्रोलाजी विशेषज्ञ

जागरण संवाददाता टांडा चंबा जिला निवासी योगराज के डायलिसिस के लिए आइजीएमसी शिमला से नेफ्र

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Oct 2020 05:38 PM (IST) Updated:Tue, 13 Oct 2020 05:38 PM (IST)
कोरोना संक्रमित के डायलिसिस के लिए आइजीएमसी से आया नेफ्रोलाजी विशेषज्ञ
कोरोना संक्रमित के डायलिसिस के लिए आइजीएमसी से आया नेफ्रोलाजी विशेषज्ञ

जागरण संवाददाता, टांडा : चंबा जिला निवासी योगराज के डायलिसिस के लिए आइजीएमसी शिमला से नेफ्रोलाजी विशेषज्ञ टांडा मेडिकल कालेज पहुंचे हैं। योगराज चंबा जिला भाजपा के अध्यक्ष हैं। वह करीब 10 दिन पहले कोरोना से संक्रमित हुए हैं जिन्हें मधुमेह व गुर्दा रोग की भी शिकायत है। कोरोना से संक्रमित होने के अगले ही दिन उन्हें टांडा मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया था।

टांडा में समस्या यह थी कि यहां दो साल से डायलिसिस ही नहीं हो रहे हैं क्योंकि नेफ्रोलाजी विशेषज्ञ नहीं है। सर गंगा राम अस्पताल नई दिल्ली से प्रशिक्षण प्राप्त कर टांडा मेडिकल कालेज में डायलिसिस करने वाले डा. पंकज गुप्ता का दो साल पहले चंबा मेडिकल कालेज के लिए तबादला कर दिया गया है।

किडनी, मधुमेह व अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ितों को कोरोना का ज्यादा खतरा है इसलिए सरकार सतर्क है। योगराज भाग्यशाली हैं कि उनकी बात सुन ली गई। पहले चंबा मेडिकल कालेज से मेडिसिन विशेषज्ञ डा. पंकज गुप्ता को टांडा मेडिकल कालेज भेजा गया। अब आइजीएमसी से नेफ्रोलाजी विशेषज्ञ डा. आशीष को अस्थायी रूप से टांडा भेजा गया है। योगराज की सेहत में लगातार सुधार हो रहा है। अभी उन्हें डायलिसिस की जरूरत नहीं है। विशेषज्ञ लगातार उनके स्वास्थ्य पर नजर रखे हुए हैं।

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टांडा में नेफ्रोलाजी विशेषज्ञ की सख्त जरूरत

टांडा मेडिकल कालेज में नेफ्रोलाजी विशेषज्ञ की सख्त जरूरत है। हिमाचल के छह जिलों के मरीज स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए निर्भर हैं। योगराज ही नहीं, अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं पर हर व्यक्ति का अधिकार है इसलिए सरकार को टांडा मेडिकल कालेज में विशेषज्ञों की कमी को जल्द पूरा करना चाहिए।

इस विषय में स्वास्थ्य सचिव से लगातार संपर्क करने का प्रयास किया गया किंतु वह व्यस्तता के कारण उपलब्ध नहीं हो पाए।

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