कीड़ा चट कर गया मेहनत
विटामिन सी तथा औषधीय गुणों से भरपूर अमरूद की पैदावार पर फ्रूट फ्लाई बीमारी की मार पड़
विटामिन सी तथा औषधीय गुणों से भरपूर अमरूद की पैदावार पर फ्रूट फ्लाई बीमारी की मार पड़ गई है। इससे बागवान चिंतित हैं और उन्हें भविष्य की चिंता सताने लगी है। जरा सा पकने पर फल के बीच कीड़े पड़ जा रहे हैं। बीमारी का कहर इतना है कि पैदावार साल दर साल घट रही है। उद्योग विभाग भी इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा पा रहा है।
जिलेभर में स्थिति यह है कि अमरूद में कीड़े पड़ने से यह खाने लायक नहीं रह रहा है। हालांकि उद्यान विभाग समय-समय पर लोगों को जागरूक करता है लेकिन नतीजों का अध्ययन करें तो परिणाम शून्य से आगे नहीं बढ़ पा रहा है। पिछले आठ साल की अमरूद उत्पादन की रिपोर्ट पर जाएं तो पैदावार लगातार कम होती जा रही है। फ्रूट फ्लाई एक कीड़ा होता है जो कि फल के बनते ही उसमें प्रवेश कर जाता है। पकने के समय कीड़ों की संख्या काफी अधिक हो जाती है और फल खराब हो जाता है।
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क्या हैं अमरूद के फायदे
विटामिन सी की भरपूर मात्रा होने के कारण अमरूद में एंटी ऑक्सीडेंट बहुत अधिक होता है। इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत बनाने के साथ सिर दर्द, कब्ज, खांसी, जुकाम, मुंह के रोगों, दांत दर्द, हृदय रोगों, बुखार, एसिडिटी व उल्टी रोकने में अमरूद सहायक होता है।
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विभाग अमरूद उत्पादन के लिए शिवा प्रोजेक्ट के तहत बागवानों को प्रोत्साहित कर रहा है। समय-समय पर उत्पादकों को इस बीमारी से अमरूद को बचाने के नुस्खे दिए जाते हैं। अमरूद को बचाने के लिए पानी की बोतल में टेबलेट्स डालकर फ्लाई ट्रैप्स पेड़ों पर टांगने चाहिए। फ्लावरिग के समय मासबान स्प्रे गुड़ में डालकर करनी चाहिए। सप्ताह में तीन बार यह स्प्रे करनी चाहिए।
-दौलत राम, जिला उद्यान अधिकारी
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लंबे समय से अमरूद के फलों में कीड़े पड़ रहे हैं। हर साल अमरूद जानवरों को डाल देते हैं। कीड़े से अमरूद को बचाने के लिए किसी ने उपाय नहीं बताया।
अली मोहम्मद ।
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मेरे बगीचे में कई पेड़ अमरूद के हैं लेकिन सभी फलों में कीड़े पड़ गए हैं। जरा सा पकने पर अमरूद कीड़ों से भर जाता है। विभाग लोगों को जागरूक करे।
मोहन लाल।
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कुछ साल पहले अमरूद को बाजार में पहुंचाकर कुछ पैसा कमा लेता था, लेकिन अब बीमारी के कारण ऐसा नहीं हो रहा है। अब फल खाने योग्य नहीं है।
सुरेश शर्मा ।
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हर साल सीजन में फलदार पौधे लगाता हूं। अमरूद की फसल इस दफा सारी बर्बाद हो गई है। न खा सकते हैं और न ही किसी को दे सकते हैं। विभाग को जागरूकता शिविर लगाए चाहिए।
-राजिदर शर्मा
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आठ साल में अमरूद उत्पादन की स्थिति
साल उत्पादन (मीट्रिक टन में)
2012-13 918.0
2013-14 823.5
2014-15 756.5
2015-16 615.0
2016-17 514.3
2017-18 510.9
2018-19 781.51
2019-20 382.12 प्रस्तुति: प्रवीण कुमार शर्मा, ज्वालामुखी