प्लाजो पहली पसंद, कुर्ता-पायजामे से दूरी
70 के दशक में भी इस तरह का फैशन काफी चला था, जो अब नए रूप में आ रहा है। फैशन डिजाइनर भी इसे नए तरीके से पेश कर रहे हैं।
पालमपुर, मुकेश मेहरा। कभी पहाड़ी लिबास की दीवानी प्रदेश की महिलाओं को अब नए फैशन में प्लाजो खूब भा रहा है। ऐसे में वह कुर्ता और पायजामे से दूरी बना रही हैं। बदलते दौर में फैशन भी बदल रहा है। पालमपुर क्षेत्र के ज्यादातर बुटीक में प्लाजो सिलवाने के ऑर्डर ही आ रहे हैं। युवतियों के साथ बुजुर्ग महिलाओं में इसका क्रेज काफी देखा गया है। दुकानदार भी महिलाओं के फैशन को देख वैसा ही सामान ला रहे हैं। रेडीमेड कपड़ों की दुकानों पर भी महिलाएं इस तरह के कपड़ों की मांग करती देखी जा रही हैं।
पालमपुर शहर में बुटीक चलाने वाली अनिता ने बताया कि उनके पास सिलाई के लिए आने वाले अधिकतर सूटों में महिलाएं व युवतियां प्लाजो की ही मांग करती हैं। प्लाजो में भी दो प्रकार हैं, एक पैंट प्लाजो और दूसरा शरारा। पैंट प्लाजो नीचे से पैंट की तरह होता है और शरारा बिल्कुल खुला। अधिकतर महिलाएं पैंट प्लाजो की डिमांड करती हैं। प्लाजो शूट की सिलाई 300 से 500 रुपये तक ली जा रही है। अनिता बताती हैं कि प्लाजो के साथ शरारा का क्रेज भी बढ़ा है।
मात्र दस फीसद ही ऐसी महिलाएं होती हैं जो सिंपल कुर्ता-पायजामा सिलवाने के लिए आती हैं। हालांकि प्लाजो का फैशन नया नहीं है। 70 के दशक में भी इस तरह का फैशन काफी चला था, जो अब नए रूप में आ रहा है। फैशन डिजाइनर भी इसे नए तरीके से पेश कर रहे हैं। उसी तरीके को बुटीक वाले अपनाकर महिलाओं की डिमांड पूरी कर रहे हैं। यूं लौटा फैशन 70 के दशक का प्लाजो बीच में गायब हो गया था, लेकिन कुछ समय पहले बॉलीवुड की हीरोइनें प्लाजो को नए लुक में पहनकर फोटो शूट करवाती नजर आई। उसके बाद फिर से 70 के दशक का यह प्लाजो ट्रेंड में आ गया। पहले सिंपल कट वाले प्लाजो होते थे, लेकिन अब इन्हें नया लुक दिया जा रहा है। इसमें शरारा सबसे अधिक डिमांड वाला स्टाइल बन गया है।