एसएमसी भर्तियों पर बिफरा अध्यापक संघ
स्कूल प्रबंधन समिति के माध्यम से शिक्षकों की भर्ती को लेकर अध्यापक संघ विफर गया है।
संवाद सूत्र, राजा का तालाब : प्रदेश सरकार के स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) के माध्यम से शिक्षकों की भर्ती के फैसले पर अध्यापक संघ बिफर गया है। प्रदेश राजकीय अध्यापक जिला संघ का कहना है कि सरकार दूरदराज के क्षेत्रों की आड़ में फिर से एसएमसी के माध्यम से शिक्षकों की भर्ती करने जा रही है, जो गलत व निंदनीय है। ऐसी भर्तियों से न सिर्फ पारदर्शिता में कमी आती है बल्कि बेरोजगारों के साथ अन्याय है। सरकार ने अपने घोषणा पत्र में अध्यापकों की नियुक्तियां बैचवाइज या कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से करने की बात कही थी। हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के जिलाध्यक्ष नरेश कुमार का कहना है कि 2006 से 2018 तक विभिन्न अस्थायी नीतियों के तहत नियुक्त करीब 15 हजार अध्यापक अपने भविष्य के लिए ¨चतित हैं। सरकार आज तक ऐसे अस्थायी अध्यापकों के लिए कोई ठोस नीति नहीं बना पाई है और न्यायालय में मुकदमा चल रहा है।
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ जिला कागड़ा की आपातकालीन बैठक के दौरान जिला प्रधान नरेश कुमार, महासचिव निर्मल ¨सह, वित्त सचिव संतोष पराशर, महिला विंग प्रधान रश्मि ठाकुर, मुख्य संरक्षक किशोर लाल, संरक्षक सुभाष चंद्र, घनश्याम ¨सह, खंड प्रधान नरदेव, सचिन, कुलदीप, कुलभूषण, बृजभूषण, पंकज पुरी, सुनील पराशर, अरुण पठानिया, विवेक, राकेश ने संयुक्त वक्तव्य में अध्यापकों की एसएमसी भर्ती का विरोध किया है। उन्होंने अध्यापकों की नियुक्ति बैचवाइज और आयोग के माध्यम से ही करने की मांग की है। संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि शिक्षा विभाग में नियुक्तियां भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत ही हों।