शहीदों की शहादत से बड़ा हो गया खेल!

मुनीष गारिया, धर्मशाला एक ओर देश की सीमा पर भारत व पाकिस्तान की रिश्तों में लगातार बढ़ रही खटास

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 May 2017 01:01 AM (IST) Updated:Sat, 27 May 2017 01:01 AM (IST)
शहीदों की शहादत से बड़ा हो गया खेल!
शहीदों की शहादत से बड़ा हो गया खेल!

मुनीष गारिया, धर्मशाला

एक ओर देश की सीमा पर भारत व पाकिस्तान की रिश्तों में लगातार बढ़ रही खटास और दूसरा आगामी चार जून को चैंपियन ट्राफी में दोनों देशों की टीमों के बीच होने वाले मैच की बात काफी हद तक लोगों की गले से नहीं उतर पा रही है। लोगों को मलाल इस बात का है कि क्या देश की सरकार इतनी संवेदनहीन हो गई हैं कि वो एक मैच के लिए अपनी देश के शहीदों की कुर्बानियां ही भूल गई। क्या पाकिस्तान द्वारा भारतीय सैनिकों के साथ की गई बर्बरता भी उसे याद नहीं रही?

दोनों देशों की टीमों के बीच होने वाले इस मैच के विरोध में आवाज बुलंद होना शुरू हो गई है। लोगों का कहना है कि जब दोनों देशों के क्रिकेट खिलाड़ी मैच से पहले और मैच के बाद आपस में गले मिलेंगे तो शहीदों के परिवारों के दिलों पर क्या गुजरेगी, इस बात का कोई अंदाजा नहीं?

मैच के विरोध में शहीदों के परिवार, पूर्व सैनिक व समाजसेवियों ने बीसीसीआइ व भारत सरकार को सवालों के कटघेरे में खड़ा कर दिया है। कारगिल शहीद परिवारों के परिजनों का कहना है कि जिस देश की शुरू से भारत के प्रति गलत व नकारात्मक सोच व रवैया रहा हो, उससे क्या मैच खेलना।

भूतपूर्व सैनिकों व समाजसेवियों का कहना है कि वर्तमान में दोनों देशों के हालात को ध्यान रखते हुए ही सरकार को मैच के संबंध में निर्णय लेना चाहिए। साथ ही उन्होंने सभी लोगों से इस मैच को न देखने की अपील की है।

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इससे पहले भी हो चुका है भारत-पाक मैच का विरोध

इससे पूर्व 17 मार्च 2016 को टी-20 भारत बनाम पाकिस्तान क्रिकेट मैच क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला में निर्धारित किया गया था, जिसकी टिकटें भी बिक चुकी थी। मैच निर्धारित होने के साथ ही पूर्व सैनिकों समेत धर्मशाला में अन्य कई संगठनों ने विरोध किया था और धरना भी दिया था। कई दिन तक चले विरोध के बाद यह मैच धर्मशाला में शिफ्ट करना पड़ा था।

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मैच से होने वाली कमाई के चक्कर में बीसीसीआइ ने ऐसी स्थिति में भी मैच तय करके बता दिया है उसे शहीदों की शहादत से कुछ भी लेना-देना नहीं है। विरोध के बावजूद यदि मैच रद न किया गया तो इस मैच को नहीं देखेंगे और सभी देशवासियों से अपील है कि मैच न देखें।

कर्नल जय गणेश, मुख्य सलाहकार राज्य शहीद स्मारक समिति।

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बीसीसीआइ शायद पाक द्वारा काटे गए शहीदों के सिर की वाक्या भूल गई है। इन हालात में भी यदि मैच होता है तो मैच के दौरान शहीदों के परिवारों के दिलों पर क्या गुजरेगी। पाकिस्तान के साथ भारत को सभी रिश्ते समाप्त कर देने चाहिए, यह मैच तो किसी भी हालत में नहीं होना चाहिए।

विनय शर्मा, उप महाअधिवक्ता।

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दोनों देशों के खराब संबंधों के कारण एक तो मैच भी निर्धारित नहीं करना चाहिए था और भारतीय खिलाड़ियों को भी स्वयं पाक के खिलाफ मैच नहीं खेलना चाहिए।

डॉ. नरेंद्र अवस्थी, शिक्षाविद।

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देश व देशवासियों के भावनाओं से बढ़कर दोनों देशों का मैच नहीं है। अंतरराष्ट्रीय स्तर के मुद्दे पर भारत सरकार को विचार करना चाहिए।

संजय शर्मा, प्रवक्ता एचपीसीए।

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भारत के प्रति पाक का शुरू से ही नकारात्मक रवैया रहा है। जब तक आतंकियों को आश्रय देने व उन्हें सहायता देना बंद नहीं कर देता, तब तक मैच तो क्या दूर-दूर तक पाक से किसी भी तरह का संपर्क नहीं रखना चाहिए।

एनके कालिया, कारगिल शहीद सौरभ कालिया के पिता।

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यदि भारत-पाक के साथ मैच नहीं खेलेगा तो अंक कम नहीं होंगे। हमारे देश के बेटों को मारने वाले इस पाकिस्तान देश से किसी भी तरह का संबंध नहीं रखना चाहिए, क्योंकि पाक की सोच कभी नहीं बदल सकती।

जीएल बतरा, कारगिल शहीद विक्रम बतरा के पिता।

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