अब तेजी से घरों को लौटेंगे कामगार, दूसरे प्रदेशों से एनओसी की जरूरत नहीं

हरियाणा से अब अन्‍य राज्‍यों के मरीजों को भेजने में तेजी आएगी और उनको जल्‍द भेजा जा सकेगा। श्रमिकोें को उनके घर भेजने के लिए अब संबंधित राज्‍यों के एनओसी की जरूरत नहीं होगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Thu, 21 May 2020 02:25 PM (IST) Updated:Thu, 21 May 2020 02:25 PM (IST)
अब तेजी से घरों को लौटेंगे कामगार, दूसरे प्रदेशों से एनओसी की जरूरत नहीं
अब तेजी से घरों को लौटेंगे कामगार, दूसरे प्रदेशों से एनओसी की जरूरत नहीं

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा से बाहर अपने प्रदेशों को जाने वाले कामगारों का इंतजार अब खत्म हो गया है। अब यह कामगार जल्द ही अपने घरों को लौट सकेंगे, क्योंकि विभिन्न प्रदेशों से अब हरियाणा सरकार को किसी तरह के अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की जरूरत नहीं है। हरियाणा सरकार बार-बार दावा कर रही थी कि विभिन्न प्रदेश इन श्रमिकों को लेने के लिए एनओसी नहीं दे रहे हैं। अब हरियाणा बिना एनओसी के इन मजदूरों को उनके राज्यों में छोड़कर आएगा। ऐसा इसलिए भी किया जा रहा है, क्योंकि अधिकतर मजदूर पैदल ही निकल पड़े और उन्हेंं रोका जा सके। अपने प्रदेश नहीं जाने की वजह से इन श्रमिकों की चिंता बढ़ रही है।

हरियाणा सरकार करेगी बसों व रेलगाडिय़ों का इंतजाम, रेल मंत्रालय से मांगी अतिरिक्त ट्रेनें

हरियाणा सरकार ने श्रमिकों से भी कहा है कि अब वे पैदल न चलें, क्योंकि अब उन्हेंं अपने राज्यों में जाने के लिए हरियाणा सरकार को किसी तरह की एनओसी की जरूरत नहीं है। जितने भी श्रमिक आएंगे, सभी को उनके प्रदेशों में भेज दिया जाएगा। सरकार के इस निर्णय से अब मजदूरों का पैदल पलायन काफी हद तक रूक जाएगा। सभी की ट्रेनों या बसों से घर जाने की बारी आएगी। इस संदर्भ में बुधवार को सीएम मनोहर लाल व गृह मंत्री अनिल विज के बीच चंडीगढ़ में बातचीत भी हुई है।

रोडवेज बसों से उत्तर प्रदेश भेजे जाएंगे लोग, बिहार व एमपी के लिए रेलगाडिय़ां चलेंगी

गृह मंत्री अनिल विज के अनुसार उत्तर प्रदेश के श्रमिकों को बसों के जरिये भेजा जाएगा, जबकि बिहार व मध्य प्रदेश के श्रमिकों को ट्रेनों से भेजा जाना है। उत्तर प्रदेश के जो मजदूर दूर जाने वाले हैं, सरकार उनके लिए ट्रेन भी उपलब्ध करा सकती है।

हरियाणा सरकार ने इसके लिए रेलवे मंत्रालय को लिखा है कि उन्हेंं अतिरिक्त रेल गाडिय़ां उपलब्ध कराई जाएं, ताकि श्रमिकों को उनके प्रदेशों में भेजा जा सके। अब तक रोजाना तीन से चार रेल गाडिय़ां ही बिहार या अन्य प्रदेशों के लिए जा रही थी, लेकिन अब यह आंकड़ा तेजी से बढऩे लगेगा। अब तक हरियाणा से करीब 2.06 लाख श्रमिक अपने प्रदेशों में जा चुके हैं और और करीब छह लाख अभी बाकी हैं।

(अंबाला-पानीपत से गईं 100-100 बसें

बुधवार को अंबाला और पानीपत से 100-100 बसों में श्रमिक उत्तर प्रदेश के लिए रवाना किए गए। बृहस्‍पतिवार को भी यह क्रम जारी है। अब हरियाणा से उत्तर प्रदेश श्रमिकों को लेकर जाने वाली बसों की संख्या भी बढ़ाई जा सकेगी। अनिल विज के अनुसार अब जिसे जाना है तो उसे हर हाल में भेजा जाएगा। सरकार पहले भी बड़ी संख्या में बसें भेज चुकी है। कई बार बसें उत्तर प्रदेश से लौटा भी दी गई थी।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने श्रमिकों का आहवान किया है कि जो भी श्रमिक अपने घरों को लौटना चाहते हैं वे सड़कों पर न उतरें और न ही पैदल यात्रा करें। वे संबंधित जिले में खुद को पंजीकृत कराएं। हर किसी को सरकार भेजेगी। शेल्टर होम में रहें। उनके खाने-पीने व ठहरने आदि के इंतजाम प्रशासन करेगा।

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