वो कहते हैं देशद्रोह कानून हटाएंगे, हम सत्ता में दोबारा आए तो और सख्त करेंगे कानून: राजनाथ

Lok Sabha Election 2019 गुजरात में जनसभा को संबोधित करते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर हमारी सरकार सत्ता में दोबारा आती है तो हम देशद्रोह कानून को और ज्यादा सख्त करेंगे।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Sat, 13 Apr 2019 08:35 AM (IST) Updated:Sat, 13 Apr 2019 03:12 PM (IST)
वो कहते हैं देशद्रोह कानून हटाएंगे, हम सत्ता में दोबारा आए तो और सख्त करेंगे कानून: राजनाथ
वो कहते हैं देशद्रोह कानून हटाएंगे, हम सत्ता में दोबारा आए तो और सख्त करेंगे कानून: राजनाथ

अहमदाबाद, एएनआइ। अहमदाबाद। केंद्रीय ग्रहमंत्री राजनाथ सिंह ने चुनावी घोषणा पत्र में सत्ता में आने पर राजद्रोह कानून को खत्म करने के वादे पर कांग्रेस को आड़े हाथ लिया है। राजनाथ बोले- बस चला तो राजद्रोह कानून को ओर सख्त बनाएंगे। कश्मीर के लिए प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू को जिम्मेदार बताते हुए राजनाथ बोले- सरदार पटेल को यह काम सौंपा गया होता तो तभी समाधान हो गया होता।

गुजरात में तीसरे चरण के लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार को आए केंद्रीय ग्रहमंत्री राजनाथ ने कच्छ व भावनगर में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा सरकार का बस चला तो राजद्रोह जैसा कानून और सख्त बनाया जाऐगा, ताकि कानून के इन प्रावधानों का ख्याल आते ही ऐसे लोगों की रूह कांप जाए।

राजनाथ ने कांग्रेस से सवाल किया की क्या वे उन राष्ट्र विरोधियों को माफ कर सकते हैं जो देश की एकता और सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। राजनाथ देश में प्रधानमंत्री वाले बयान के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारुख अब्दुहल्ला पर भी बरसे और कहा कि ऐसी मांग उठाते रहे तो कश्मीर में धारा 370 व 35ए को हटाने के अलावा उनके पास दूसरा कोई विकल्पी नहीं बचेगा।

कश्मीर समस्या के लिए राजनाथ ने भी सीधे-सीधे देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को ही जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा यह काम भी सरदार पटेल के अधिकार में होता तो उस वक्त ही इसका समाधान हो गया होता। पुलवामा में सीआरपीएफ के 44 जवानों की शहादत व मिसाइल से सैटेलाइट तोडने जैसे मुद्दों को उठाते हुए राजनाथे बोले की केंद्र सरकार ने जवानों की शहादत का 13 दिन के भीतर पाकिस्ताय में घुसकर बदला लिया है।

पाकिस्तान की धरती पर आतंकियों का सफाया
कांग्रेस सेना व जवानों के शौर्य व बलिदान पर भी सवालिया निशान लगा रही है ऐसा स्वीकार्य नहीं है। राजनाथ बोले जब अमेरिका व रसिया जैसी एंटी सैटेलाइट मिसाइल की ताकत आज भारत के पास भी है। जब भारत के पास 2007 में इसकी क्षमता थी तो तत्कालीन मनमोहन सरकार ने क्यों इसके परीक्षण की इजाजत नहीं दी। आखिर भारत को किन देशों की चिंता थी, जब मोदी को मौका मिला तो उन्होंने वैज्ञानिकों को इसके परीक्षण की तत्काल इजाजत दे दी। 

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