दिल्ली में AAP-कांग्रेस के बीच गठबंधन होना तय, CM केजरीवाल ने दिया बड़ा संकेत

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भाजपा को हराने के लिए वह कुछ भी करने को तैयार हैं। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर अंदरखाने गठबंधन की कोशिशें जारी रहने की चर्चा होने लगी है।

By JP YadavEdited By: Publish:Mon, 15 Apr 2019 07:56 AM (IST) Updated:Mon, 15 Apr 2019 08:47 AM (IST)
दिल्ली में AAP-कांग्रेस के बीच गठबंधन होना तय, CM केजरीवाल ने दिया बड़ा संकेत
दिल्ली में AAP-कांग्रेस के बीच गठबंधन होना तय, CM केजरीवाल ने दिया बड़ा संकेत

नई दिल्ली, जेएनएन। Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव-2019 की प्रक्रिया की कड़ी में 12 मई दिल्ली में मतदान होना है और 16 अप्रैल यानी मंगलवार से उम्मीदवारों का नामांकन शुरू हो जाएगा। इस बीच आम आदमी पार्टी (AAM AADMI PARTY) और कांग्रेस (Congress) के बीच दिल्ली में गठबंधन की उम्मीदें एक बार फिर से जाग उठी हैं। दरअसल मनीष सिसोदिया के बाद रविवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी गठबंधन के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा को हराने के लिए वह कुछ भी करने को तैयार हैं। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर अंदरखाने गठबंधन की कोशिशें जारी रहने की चर्चा होने लगी है।

रविवार को कांस्टीट्यूशन क्लब में संयुक्त विपक्ष की प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया। इसमें कांग्रेस के साथ दिल्ली में गठबंधन के मुद्दे पर AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश खतरे में है। नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी से देश को बचाने के लिए और भाजपा को हराने के लिए जो भी करने की जरूरत होगी, उसे हम करने के लिए तैयार हैं। अरविंद केजरीवाल के इस बयान के बाद कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन की अटकलें फिर से तेज हो गई हैं।

गौरतलब है कि कुछ वक्त से कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन पर अनिश्चितता बनी हुई है। हालांकि, इस दौरान AAP ने हरियाणा में जननायक जनता पार्टी (जजपा) के साथ गठबंधन की घोषणा कर दी है, लेकिन सीट शेयरिंग पर बात होनी अभी बाकी है। इससे पहले दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी शनिवार को कहा था कि अब यह कांग्रेस को तय करना है कि इस समय उसकी प्राथमिकता मोदी और शाह की जोड़ी को हराना है या ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का रिकॉर्ड बनाना है। इस दौरान केजरीवाल ने कहा कि सिर्फ एक पार्टी है, जो वीवीपैट के खिलाफ है, क्योंकि ईवीएम से उस पार्टी को मदद मिल रही है। पिछले पांच साल में जब भी कोई ईवीएम खराब हुई है, तो उसका फायदा केवल भाजपा को मिला है।

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