कारोबार की राह आसान लालफीताशाही पर चोट

कारोबार शुरू करने की प्रक्रिया को आसान बनाने की दिशा में कदम उठाते हुए सरकार लालफीताशाही पर चोट करने जा रही है। सरकार एक ऐसा कानून बनाने जा रही है जिसके बाद किसी भी कारोबारी को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं

By Rajesh NiranjanEdited By: Publish:Sun, 01 Mar 2015 06:05 AM (IST) Updated:Sun, 01 Mar 2015 06:12 AM (IST)
कारोबार की राह आसान लालफीताशाही पर चोट

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कारोबार शुरू करने की प्रक्रिया को आसान बनाने की दिशा में कदम उठाते हुए सरकार लालफीताशाही पर चोट करने जा रही है। सरकार एक ऐसा कानून बनाने जा रही है जिसके बाद किसी भी कारोबारी को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। साथ ही कारोबार शुरू करने की प्रक्रिया में सरकारी अधिकारियों की भूमिका भी कम हो जाएगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को आम बजट 2015-16 पेश करते हुए इस बात का एलान किया। वित्त मंत्री ने इस कानून का मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति के गठन की घोषणा भी की।

वित्त मंत्री ने कहा कि भारत में कारोबार शुरू करने में लोगों को वर्षों लग जाते हैं और कई विभागों से अनुमति लेनी पड़ती है। इस प्रक्रिया में निवेशकों का काफी समय और धन जाया होता है। इसलिए सरकार कारोबार शुरू करने की प्रक्रिया को आसान बनाने की दिशा में अहम कदम बढ़ाते हुए एक समिति का गठन करेगी। यह समिति एक कानून बनाने के लिए विधेयक का मसौदा तैयार करेगी जिसके लागू होने पर विभिन्न प्रकार की मंजूरियां लेने की आवश्यकता नहीं होगी। यह कानून बनने के बाद एक नियामक तंत्र बन जाएगा जिसके तहत बिना कोई मंजूरी लिए ही उद्योग शुरू किया जा सकेगा।

वित्त मंत्री ने बताया कि हाल में सरकार ने कई ऐसे कदम उठाए हैं जिससे कारोबार शुरू करने की प्रक्रिया पूर्व की तुलना में आसान हुई है। उन्होंने कहा कि इसी संबंध में हाल में सरकार ने एक ई-बिज पोर्टल शुरू किया है जिस पर 14 प्रकार की विभिन्न मंजूरियां एक ही जगह मिल सकती हैं।

उल्लेखनीय है कि विश्व बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर ताजा रिपोर्ट में भारत 189 देशों की सूची में 142वें स्थान पर है। राजग सरकार का कहना है कि उसका लक्ष्य भारत को इस सूची में प्रथम 50 देशों में शामिल कराना है।

जेटली ने कहा कि सरकार भारत को निवेशकों के लिए आकर्षक बनाना चाहती है ताकि यहां औद्योगिक गतिविधियां बढ़ने से रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो।

कई मंजूरियों के झंझट से छळ्टकारा

* यह समिति एक कानून बनाने के लिए विधेयक का मसौदा तैयार करेगी जिसके लागू होने पर विभिन्न प्रकार की मंजूरियां लेने की आवश्यकता नहीं होगी।

पढ़ेः बजट 2015: जेटली बोले, स्किल इंडिया और मैक इन इंडिया में तालमेल की जरूरतआम बजट 2015: जानिए क्या हैं खास बातें

पढ़ेः 'मोदी' नहीं 'प्रभु' का है यह रेल बजट

chat bot
आपका साथी