RBI Survey: महंगाई पर लोगों की राय ले रहा RBI, क्या EMI के मोर्चे पर मिल सकती है राहत?
रिजर्व बैंक अपनी अगली मौद्रिक नीति की मीटिंग से पहले सर्वे कर रहा है। इसमें वह उपभोक्ताओं से महंगाई पर उनकी राय जानना चाहता है। केंद्रीय बैंक जानना चाहता है कि मुद्रास्फीति का लोगों की खरीद क्षमता पर क्या असर पड़ रहा है। ये सर्वे आरबीआई की अगली द्विमासिक मौद्रिक नीति के लिए महत्वपूर्ण इनपुट देंगे। अगली द्विमासिक मौद्रिक नीति 5-7 जून के बीच होने वाली है।
पीटीआई, मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को 'Inflation Expectations Survey of Households' और 'Consumer Confidence Survey' शुरू करने की घोषणा की। ये दोनों ही सर्वे आरबीआई की अगली द्विमासिक मौद्रिक नीति के लिए महत्वपूर्ण इनपुट देंगे। अगली द्विमासिक मौद्रिक नीति 5-7 जून के बीच होने वाली है।
मुद्रास्फीति पर लोगों की राय
आरबीआई ने एक आधिकारिक बयान में कहा, 'हमारे 'इंडियन एक्सपेक्टेशन सर्वे ऑफ हाउसहोल्ड्स' का मकसद गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, कोलकाता, लखनऊ और तिरुवनंतपुरम सहित 19 शहरों में उपभोक्ताओं का राय लेना है। इससे पता चलेगा कि व्यक्तिगत रूप से उन पर मुद्रास्फीति का क्या असर पड़ा है।'
इस सर्वे में आरबीआई से लोगों से पूछता है कि किसी उत्पाद की कीमतों में बदलाव का उनकी खरीद क्षमता पर क्या असर पड़ सकता है। इस आधार पर आरबीआई को व्यक्तिगत स्तर पर महंगाई का आकलन करने में मदद मिलती है। यह मौजूदा, तीन महीने आगे और एक साल आगे की मुद्रास्फीति दरों पर क्वांटिटिव रिस्पॉन्स भी मांगता है।
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आय और खर्च की जानकारी
केंद्रीय बैंक ने एक अन्य विज्ञप्ति में कहा, 'कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे सामान्य आर्थिक स्थिति, रोजगार परिदृश्य, मूल्य स्तर, परिवारों की आय और खर्च पर उनकी भावनाओं के संबंध में परिवारों से क्वांटिटिव रिस्पॉन्स मांगता है। यह सर्वे अहमदाबाद, बेंगलुरु, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई और दिल्ली सहित 19 शहरों में होता है।'
आरबीआई ने कहा कि सर्वेक्षण के नतीजे मौद्रिक नीति के लिए उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। आरबीआई ने पिछले साल फरवरी के बाद से ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले दिनों कहा था कि केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में कोई बदलाव करने से पहले महंगाई को काबू में लाना चाहता है।
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