प्रीमियम कारें कितनी सेफ? कहीं साइबर अटैक का खतरा तो नहीं; ऑटो इंडस्ट्री की इस पर क्या है तैयारी

थर्ड पार्टी से माध्यम से आने की वजह से सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की इंटरफ्रेसिंग में और बाकी चीज़ों की कम्युनिकेशन में बहुत सारे लूप होल्स रह जाने की संभावना रहती है। यही वजह है कि कई बार साइबर सुरक्षा के साथ कॉम्प्रोमाइज करवा देती है।

By Atul YadavEdited By: Publish:Wed, 07 Dec 2022 10:15 AM (IST) Updated:Wed, 07 Dec 2022 10:15 AM (IST)
प्रीमियम कारें कितनी सेफ? कहीं साइबर अटैक का खतरा तो नहीं; ऑटो इंडस्ट्री की इस पर क्या है तैयारी
ऑटो इंडस्ट्री बचाव के लिए क्या कदम उठा रही ?

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। पहले से गाड़ियों के दाम काफी महंगे हुए हैं, क्योंकि जब से इंटरनेट यूजर्स की संख्या बढ़ी है तब से हर कोई ग्लोबल टेक्नोलॉजी से रूबरू है। यही वजह है कि ग्राहकों के अनुभव को और भी लाजवाब बनाने के लिए ऑटो इंडस्ट्री आए दिन नई-नई टेक्नोलॉजी से लैस गाड़ियां बना रही है। इस समय कई ऐसे कारें हैं, जिसमें इंटरनेट कनेक्टिविटी और इस पर अधारित फीचर्स आने लगे हैं। इंटरनेट की बाद जहां आती है साइबर अटैक जैसे खतरों को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। आज हम बात करने जो रहे हैं इंटरनेट कनेक्टिविटी से लैस गाड़ियां कितनी सेफ हैं। इसको खरीदना सही है या नहीं?

इनकी गलतियों की वजह से बन सकता है खतरा

दरअसल, वाहन बनाने वाली कंपनियां गाड़ी में लगने वाले कई पार्ट्स को Original equipment manufacturer (OEM) के माध्यम से मंगवाती हैं, जो थर्ड पार्टी के अंतर्गत आता है। जैसे जैसे साइबर कार में टेक्नोलॉजी का एड ऑन हो रहा है उससे हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर आपस में कनेक्ट हो रहे हैं।

थर्ड पार्टी से माध्यम से आने की वजह से सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की इंटरफ्रेसिंग में और बाकी चीज़ों की कम्युनिकेशन में बहुत सारे लूप होल्स रह जाने की संभावना रहती है। यही वजह है कि कई बार साइबर सुरक्षा के साथ कॉम्प्रोमाइज करवा देती है। ऐसी एडवांस गाड़ियों में IT के कम्युनिकेशन का इनक्रिप्शन होना बहुत ज़रूरी है। ताकि, गाड़ियों पर कायदे से निगरानी रखा जा सकें।

ऑटो इंडस्ट्री बचाव के लिए क्या कदम उठा रही ?

दुनिया भर में ऑटोमोटिव प्लेयर्स साइबर सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीकों जैसे ब्लॉकचेन, 5 जी, आर्टीफिशियल इंटेलीजेन्स आदि को अपना रहे हैं, ताकि साइबर हमलों तथा सुरक्षा में जोखिम की संभावना को कम किया जा सके। हालांकि, नई तकनीकों के विकास के साथ साइबर सुरक्षा में भी क्रिप्टोग्राफिक हैश फंक्शन्स का इस्तेमाल देखा जा रहा है, जिससे सार्वजनिक और निजी ब्लॉकचेन को बेहतर सुरक्षा मिल पाती है। मतलब साफ है कि इंटरनेट कनेक्टिविटी वाली गाड़ियां अभी सेफ हैं। इसको खरीदना फायदे का सौदा हो सकता है।

कारों के लिए साइबर सुरक्षा क्यों जरूरी है?

गाड़ियों के सेफ्टी के लिए साइबर सुरक्षा बेहद जरूरी है। यह बाहरी खतरों के खिलाफ सभी इलेक्ट्रॉनिक्स, संचार प्रणालियों, डेटा, सॉफ्टवेयर और एल्गोरिदम की आवश्यक सुरक्षा है। यह कार और ड्राइवर को हमलों और संभावित हेरफेर से बचाने में मदद करता है।

यह भी पढ़ें

Royal Enfield Electra 350 CI: रॉयल एनफील्ड इलेक्ट्रा दिखने में सबसे अलग नहीं लगेगी कभी जंग! जानें क्या कुछ नया

Nissan EV: भारत में कब लॉन्च होगा निसान की पहली ईवी? कंपनी ने शेयर किया प्लान

chat bot
आपका साथी