5G से आपका फोन ही नहीं कार भी हो जाएगी हाइटेक, बदल जाएगा पूरा ड्राइविंग एक्सपीरियंस
5G का इस्तेमाल स्मार्टफोन्स के साथ-साथ आपकी कारों के लिए भी बहुत फायदेमंद हो सकता है। इन दिनों कारों को हाइटेक बनाने के लिए कई लेटेस्ट सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा रहा हैजिसमें 5G एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। 5G Connection with Car: आज हर तरफ 5G कनेक्टिविटी की बात हो रही है। यह आपके स्मार्टफोन में इंटरनेट कनेक्टिविटी को कई गुना तेज कर सकता है और आपको बेहतर सर्फिंग का अनुभव देता है। लेकिन क्या आपको पता है कि 5G नेटवर्क का कनेक्शन आपकी कार से भी है। जी हां, आपने सही सुना। 5G कनेक्शन कार में लगे बहुत से फीचर्स के साथ कनेक्ट होकर आपके ड्राइविंग एक्सपीरियंस को बहुत बेहतर बना सकता है। तो चलिए इसके बारे में जानते है।
ADAS फीचर में करता है मदद
एडवांस ड्राइविंग असिस्टेंस सिस्टम या ADAS फीचर एक ऑन-बोर्ड सेंसर है जो सड़क पर आने वाले तीखे मोड, गड्ढे, दुर्घटना की आशंका या ट्रैफिक जाम के बारे में डेटा इकट्ठा करता है और ड्राइवर को इसके बारे में जानकारी देता है। इसके लिए यह या तो क्लाउड के साथ कनेक्ट होता है, या दूसरे वाहनों द्वारा इकट्ठा की गई डेटा को क्लाउड से लेता है।
इन डेटा को लेने के लिए यह नेटवर्क कनेक्टिविटी की मदद लेता है, जिसके लिए फिलहाल 4G कनेक्टिविटी का इस्तेमाल किया जा रहा है। चूंकि इस बड़े एरिया की सर्विस कवरेज के लिए एक निर्बाध कनेक्टेड नेटवर्क की जरूरत होती है। ऐसे में 5G क्वालिटी ऑफ सर्विस ( QoS)डेटा ट्रैफ़िक के लिए गारंटी देता है।
ऑटोनोमस ड्राइविंग (AD) में होगा बहुत मददगार
ऑटोमोटिव ड्राइविंग (AD) ड्राइवर को बिना स्टीयरिंग व्हील पर हाथ रखे, कार चलाने की अनुमति देता है। इसे सही तरह से काम करने एक लिए ऑनबोर्ड सॉफ़्टवेयर के बड़े हिस्से को बार-बार अपडेट करने की जरूरत होती है। ऐसे में 5G के साथ ज्यादा स्पीड वाले नेटवर्क के मिलने से सॉफ्टवेयर अपडेट के लिए क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर से जरूरी इनफॉर्मेशन को आसानी से लिया जा सकता है।
साथ ही इसकी मदद से बेहतर नेविगेशन के साथ एचडी डायनेमिक मैप्स और ऑन-बोर्ड सेंसर को बेहतर बनाया जा सकता है।
सॉफ्टवेयर लोडेड वाहनों के लिए वरदान
ज्यादातर लग्जरी कारें इन दिनों बहुत से लेटेस्ट सॉफ्टवेयर से लैस होती हैं। इन कारों में कनेक्टिविटी, सेंसर और प्रोसेसिंग पावर के लिए लगातार मिलने वाले नेटवर्क कनेक्टिविटी की जरूरत होती है। फिलहाल इन सर्विस के लिए सेलुलर नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन 5G के आने के बाद इसकी ओर स्पेक्ट्रम का लगातार ट्रांसफर, क्यूओएस, नेटवर्क स्लाइसिंग, डायनेमिक पॉलिसी और एज क्लाउड जैसी विभिन्न सेवाओं को संबोधित कर सकती हैं।
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