Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कनाडा में फहरी राम पताका, हिंदू हेरिटेज सेंटर में स्थापित हुई 51 फुट ऊंची श्रीराम की मूर्ति

    By YASHA MATHUREdited By: Swati Sharma
    Updated: Tue, 14 Oct 2025 09:38 AM (IST)

    कनाडा में प्रभु श्रीराम की 51 फुट ऊंची भव्य मूर्ति इन दिनों हिंदू धर्मिक आस्था का नया केंद्र बन चुकी है। इसे टोरंटो के नजदीकी शहर मिसिसागा के हिंदू हेरिटेज सेंटर में स्थापित किया गया है। भारत में बनी यह विशाल मूर्ति उत्तरी अमेरिका के भूभाग में पहली है। 

    Hero Image

    कनाडा में है श्रीराम की 51 फीट ऊंची मूर्ति (Picture Courtesy: Instagram)

    यशा माथुर, नई दिल्ली। कई दिनों से घर में चर्चा थी कि मिसिसागा, ओंटारियो में बहुत ऊंची भव्य श्रीराम प्रतिमा लगाई गई है और लोग उसे देखने जा रहे हैं। एक दिन जब किसी काम से मिसिसागा जाने का कार्यक्रम बना तो तय हुआ कि सबसे पहले श्रीराम की अद्भुत कही जा रही प्रतिमा के दर्शन के लिए चलेंगे। तुरंत ही सबकी सहमति बन गई कि वहां के हिंदू हेरिटेज सेंटर  मंदिर खुलने के टाइम के बीच पहुचेंगे और श्रीराम की मूर्ति के दर्शन के साथ मंदिर में भी प्रार्थना, पूजा, अर्चना करेंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दूसरे दिन हम परिवार के लोग उत्साह से तैयार हुए और करीब 12 बजे मिसिसागा के हिंदू हेरिटेज सेंटर के मंदिर परिसर में दाखिल हुए। दरअसल हम हेमिल्टन के पास एनकेस्टर (ओंटारियो) क्षेत्र में रहते हैं और आमतौर पर हमारे घर से मंदिर तक पहुंचने का सफर एक घंटे के करीब है, लेकिन आजकल वर्क फ्राम होम का प्रचलन कम होने और लोगों के आफिस जाने के दिन बढ़ने के कारण टोरंटो की तरफ जाने-आने वाले हाई-वे के ट्रैफिक का भी समय के अनुसार अनुमान लगाना पड़ता है। 

    Shri Ram Statue in Canada

    (Picture Courtesy: Instagram)

    झलकता है श्रीराम का तेज

    उत्तरी अमेरिका में सबसे ऊंची श्रीराम प्रतिमा कही जा रही इस मूर्ति के दाहिने हाथ में धनुष और बाएं हाथ में बाण हैं। धनुष-बाण पर बारीक नक्काशी की गई है, जिससे यह केवल शस्त्र नहीं लगते बल्कि धर्म और न्याय के प्रतीक के रूप में झलकते हैं। भगवान राम का तेज और शौर्य झलकता रहे इसलिए इस प्रतिमा को फाइबरग्लास पर विशेष कोटिंग देकर चांदी के रंग में सजाया गया है। 

    यह दूर से भी चमकदार और दिव्य दिखाई देती है। चेहरे पर मोहक मुस्कान और आंखों में करुणा व तेज लिए श्रीराम जब नजरों के सामने आते हैं तो आत्मिक शांति देते प्रतीत होते हैं। सोने जैसी आभा लिए सुनहरी रंग से उकेरे गए आभूषणों और केसरिया रंग के अंगवस्त्र का आभास इन्हें अलौकिक दिखाता है। सुनहरे रंग का पारंपरिक शैली में बनाया गया श्रीराम का मुकुट विशेष आकर्षण उत्पन्न करता है। मूर्ति में उकेरी गई वेशभूषा पर जड़ाऊ रत्नों जैसी कारीगरी की गई है जिससे इनके आभूषण दिव्य और राजसी प्रतीत होते हैं। गले में स्वर्ण माला और बाजुओं पर कंगन से सजावट की गई है। 

    विराट प्रतिमा और नई पीढ़ी

    जैसे ही हम एक घंटे के करीब हाई-वे का सफर कर मंदिर प्रांगण में दाखिल हुए बच्चे कार से ही चिल्लाए, देखिए वह रहे राम जी। प्रवेश के साथ ही हमें श्रीराम की विशाल प्रतिमा के दर्शन हो गए। मुख्य द्वार के सामने ही प्रभु श्रीराम हाथ में तीर-कमान लिए अपने विराट रूप में खड़े दिखाई दिए। दरअसल यहां कनाडा में रहने वाले हिंदू समाज के लिए अपनी अगली पीढ़ी को अपने धर्म और जड़ों से जोड़े रखना अहम माना जाता है और इस कड़ी में मंदिर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 

    बच्चे वहां जाकर देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को देखकर ढेरों सवाल पूछते हैं और माता-पिता विस्तार के साथ उनकी जिज्ञासा को शांत करते हैं। बच्चों को रीति अनुसार पूजा व प्रार्थना करना सिखाते हैं। देवताओं की कहानियां तो वह उन्हें पहले ही घर में बता देते हैं ताकि बच्चों को मंदिर में मूर्तियां पहचानने में कोई मुश्किल नहीं आए और धीरे-धीरे वह अपने धर्म से परिचित होते रहते हैं।

    Shri Ram Statue in Canada (1)

    (Picture Courtesy: Instagram)

    समय और मौसम से परे

    अगस्त माह में अनावरित हुई मर्यादा पुरुषोत्तम राम की यह प्रतिमा 51 फुट ऊंची है, जिसे सात फुट ऊंचे पोडियम पर स्थापित किया गया है। कनाडा के सर्दियों के मौसम में तेज हवा और भारी बर्फबारी के चलते किसी भी आउटडोर स्ट्रक्चर को विशेष रूप से डिजाइन किया जाता है। इस मूर्ति में भी फाइबरग्लास के भीतर एक मजबूत स्टील का फ्रेम है, जो करीब 200 किलोमीटर प्रति घंटा की तेज हवाओं को झेलने की क्षमता देता है। 

    इसकी उम्र 100 साल तक रहने का अनुमान है। इसके चारों ओर बना फूलों और हरियाली से भरा गार्डन दिन में खूबसूरती बढ़ाता है। रात में जब चारों ओर लगाई गई एलईडी और स्पाटलाइट्स जलती हैं और इनकी रोशनी प्रतिमा पर पड़ती है तो यह सुनहरी आभा से जगमगा उठती है, जिसे दूर से भी देखा जा सकता है। 

    भारतीयों के हाथों भारत में हुआ निर्माण

    बताते हैं इस प्रतिमा का प्रेरणा स्रोत अयोध्या स्थिति श्रीराम जन्मभूमि मंदिर है। भारत के प्रसिद्ध मूर्तिकार नरेश कुमार कुमावत द्वारा इसे तैयार किया गया है। यह गुरुग्राम स्थित उनके मातु राम आर्ट सेंटर में विशेष स्टील फ्रेम पर तैयार की गई और इसे मिसिसागा में जोड़कर अंतिम रूप दिया गया। 

    इसके अनावरण का मुहूर्त इस प्रकार चुना गया कि यह धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से शुभ हो और सदियों तक शक्ति-सौभाग्य का प्रतीक बनी रहे। भारत में चार साल तक भारतीय मूर्तिकार के हाथों बनाई गई यह प्रतिमा कलात्मक उत्कृष्टता, धार्मिक आस्था और आधुनिक तकनीक का सुंदर संगम है और वैश्विक संस्कृति में एक नए अध्याय को जोड़ती है।