क्यों कुछ पुरुषों को खटकती है पत्नी की तरक्की? सिर्फ Male Ego नहीं, 5 वजहें कर देती हैं इनसिक्योर
कभी-कभी कुछ पुरुषों को अपनी पत्नी की तरक्की से इनसिक्योरिटी महसूस होती है। जी हां समाज अक्सर इसे Male Ego मान लेता है लेकिन इसके पीछे सिर्फ यही एक वजह नहीं होती। आइए जानते हैं 5 कारण जो पुरुषों को अपनी पत्नी की तरक्की से असुरक्षित महसूस करवाने का काम करते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आपने कभी सोचा है कि जब पत्नी कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ती है, तो कुछ पतियों को यह बात हजम क्यों नहीं होती? अक्सर लोग इसे सीधा 'Male Ego' का नाम दे देते हैं, जैसे बस यहीं आकर सारी कहानी खत्म हो गई हो। मगर क्या वाकई यह इतना सीधा मामला है?
जवाब है- नहीं! असल में इसके पीछे ईगो से कहीं गहरे, कुछ ऐसे अनकहे डर और इनसिक्योरिटी छिपी होती हैं, जो पुरुषों को अंदर ही अंदर परेशान करती हैं। आइए, आज उन 5 छिपी हुई वजहों (Male Ego And Wife's Success) को उजागर करते हैं, जो पुरुष को अपनी ही पत्नी की तरक्की से इनसिक्योर फील करवाती हैं।
खुद की पहचान का संकट
कई पुरुषों को बचपन से सिखाया जाता है कि घर का मुखिया और कमाने वाला वही है। जब पत्नी उनसे ज्यादा या उनके बराबर कमाने लगती है, तो उनके मन में अपनी पारंपरिक भूमिका को लेकर एक पहचान का संकट पैदा हो सकता है। उन्हें लगता है कि शायद अब उनकी उतनी जरूरत नहीं रही या उनका महत्व कम हो गया है। यह भावना उन्हें असुरक्षित कर सकती है।
तुलना और सामाजिक दबाव
पुरुष अक्सर समाज में अपनी 'सफलता' को अपनी कमाई से जोड़कर देखते हैं। जब उनकी पत्नी उनसे ज्यादा सफल होती है, तो उन्हें अपने दोस्तों, परिवार या समाज के सामने खुद को कमतर महसूस हो सकता है। उन्हें डर होता है कि लोग क्या कहेंगे या उनकी मर्दानगी पर सवाल उठाएंगे। यह बाहरी दबाव उन्हें अंदर से कमजोर कर देता है।
कंट्रोल खोने का डर
पैसा और करियर अक्सर पावर और कंट्रोल से जुड़े होते हैं। अगर पति हमेशा से घर के आर्थिक फैसले लेता आया है, तो पत्नी की बढ़ती आय उसे यह महसूस करवा सकती है कि उसका कंट्रोल कम हो रहा है। यह डर कई बार जलन में बदल जाता है, खासकर अगर पति को लगता है कि वह अब घर के मामलों में अपनी मनमर्जी नहीं चला पाएगा।
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इनसिक्योरिटी और आत्म-सम्मान में कमी
अगर किसी पुरुष का आत्म-सम्मान पहले से ही कम है या वह अपने करियर में स्ट्रगल कर रहा है, तो पत्नी की सफलता उसकी इनसिक्योरिटी को और बढ़ा सकती है। उसे लगने लगता है कि वह अपनी पत्नी के लेवल का नहीं है या वह उसे 'डिजर्व' नहीं करता। यह फीलिंग उसे लगातार परेशान करती है और रिश्तों में दरार डाल सकती है।
भविष्य की चिंता और जिम्मेदारियों का डर
कुछ पुरुषों को पत्नी की तरक्की के साथ भविष्य में आने वाले बदलावों से डर लगता है। उन्हें लगता है कि अगर पत्नी ज्यादा कामयाब हो गई, तो घर की जिम्मेदारियां या बच्चों की देखभाल में उनकी भूमिका बदल जाएगी। वे इस नए 'बैलेंस' को लेकर चिंतित हो सकते हैं या उन्हें यह भी डर लग सकता है कि अगर पत्नी इतनी सफल हो गई तो वह उन्हें छोड़ न दे।
क्या है एक्सपर्ट की राय?
सर गंगा राम अस्पताल, दिल्ली के मनोरोग विभाग में सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर आरती आनंद का कहना है, "भारतीय समाज में आज भी पुरुषों को घर का मुखिया और कमाने वाला माना जाता है। यह एक पुरानी सोच है जहां पुरुषों की पहचान अक्सर उनके काम और समाज में उनकी जगह से जुड़ी होती है।
हालांकि, जब पत्नी पति से ज्यादा कमाने लगती है या समाज में उसे ज्यादा सम्मान मिलता है, तो यह पारंपरिक सोच कमजोर पड़ने लगती है। ऐसे में, कई पतियों को लगता है कि उनकी अहमियत कम हो गई है। उन्हें अपनी काबिलीयत पर शक होने लगता है और मन में यह डर बैठ जाता है कि अगर पत्नी उनसे बेहतर है, तो शायद वे खुद कमतर हैं।"
डॉक्टर आरती आगे बताती हैं कि इस सोच से असुरक्षा बढ़ती है। पति-पत्नी को एक-दूसरे का साथ देना चाहिए और एक टीम की तरह काम करना चाहिए, लेकिन कई बार उनके बीच तुलना शुरू हो जाती है। इसके अलावा, समाज का दबाव भी इसमें एक बड़ी भूमिका निभाता है, क्योंकि अक्सर यह सवाल उठने लगता है कि "लोग क्या कहेंगे अगर पत्नी आगे है और पति पीछे?" ये बातें पुरुषों के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाती हैं।

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