Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Marriage Trends 2025: शादी करने से क्यों कतराने लगी हैं महिलाएं? किन वजहों से चुन रहीं सिंगल रहना

    Updated: Wed, 02 Apr 2025 10:38 AM (IST)

    हमें बताया जाता था कि शादी जीवन का एक अहम हिस्सा है और इस बंधन में बंधना जरूरी है। लेकिन आज की महिलाएं ऐसा नहीं मानती हैं (Marriage Trends 2025)। ये किसी के साथ बंधन में बंधने से ज्यादा सिंगल रहना पसंद कर रही हैं। ऐसा होने के पीछे कई कारण जिम्मेदार हैं जिनके बारे में हम इस आर्टिकल में बताने वाले हैं।

    Hero Image
    शादी के बंधन में क्यों बंधने से कतरा रही हैं महिलाएं? (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। कुछ साल पहले तक की भी बात करें, तो शादी को जीवन का अहम पड़ाव माना जाता था। "सही उम्र" में शादी करने के लिए मां-बाप दबाव बनाना शुरू कर देते थे, खासकर महिलाओं पर। लेकिन आज के दौर में एक बड़ी संख्या में महिलाएं शादी से दूर भाग रही हैं और सिंगल लाइफ को अपनी प्रायोरिटी बना रही हैं (Marriage Trends 2025)।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अब महिलाएं शादी को सिर्फ एक ऑप्शन के रूप में देखती हैं। इसकी अनिवार्यता उनके लिए खत्म हो चुकी है।  लेकिन ऐसा क्यों हो रहा है (Why Women Avoide Marriage)? क्या वजह है कि आज के जमाने की महिलाएं शादी से पीछे हट रही हैं? आइए, सीनियर साइकोलॉजिस्ट मोनिका शर्मा से इसके पीछे के कारणों को समझते हैं (Single Women Trends)।

    महिलाएं क्यों नहीं करना चाह रही हैं सिगंल? (Why Women Avoide Marriage)

    आत्मनिर्भरता और आर्थिक स्वतंत्रता

    पहले के जमाने में महिलाओं के पास आर्थिक सुरक्षा के लिए शादी ही एकमात्र विकल्प था, लेकिन आज शिक्षा और करियर के नए अवसरों ने उन्हें आत्मनिर्भर बना दिया है। अब वे अपने फैसले खुद ले सकती हैं और बिना किसी पर निर्भर हुए अपनी जिंदगी जी सकती हैं। आर्थिक स्वतंत्रता ने उन्हें यह चुनने की आजादी दी है कि वे शादी करना चाहती हैं या नहीं।

    यह भी पढ़ें: किस तरह शादी के मायने बदल रहे हैं Millennials? पढ़ें बदलते वक्त के साथ क्यों है यह जरूरी?

    ट्रेडिशनल रोल्स से मुक्ति

    शादी के बाद महिलाओं से अक्सर घर और बच्चों की देखभाल की उम्मीद की जाती है, जबकि पुरुषों पर आर्थिक जिम्मेदारियां डाल दी जाती हैं। आज की महिलाएं इन भूमिकाओं में बंधना नहीं चाहतीं। वे चाहती हैं कि उनकी पहचान सिर्फ एक पत्नी या मां तक सीमित न रहे, बल्कि वे अपने सपनों को भी पूरा कर सकें।

    रिश्तों में समानता की चाह

    आज की महिलाएं ऐसे रिश्ते चाहती हैं जहां समानता हो, जहां उनकी भावनाओं और सपनों को समझा जाए। अगर उन्हें लगता है कि शादी के बाद उन्हें अपनी आजादी या पहचान खोनी पड़ेगी, तो वे इसे टालना बेहतर समझती हैं। वे ऐसे पार्टनर की तलाश करती हैं जो उनका साथ दे, न कि उन पर नियंत्रण रखने वाला।

    मानसिक शांति और स्वतंत्रता

    कई बार रिश्तों में तनाव, अपेक्षाएं और समझौते महिलाओं के लिए मानसिक बोझ बन जाते हैं। आज की महिलाएं अपनी शांति और खुशी को सबसे ऊपर रखती हैं। अगर उन्हें लगता है कि शादी उनकी जिंदगी में तनाव लाएगी, तो वे अकेले रहना ही बेहतर समझती हैं।

    सोशल प्रेशर से मुक्ति

    पहले शादी न करने को एक तरह की असफलता माना जाता था, लेकिन अब महिलाएं सामाजिक दबाव को नजरअंदाज कर रही हैं। वे समझ चुकी हैं कि शादी जीवन का एक ऑप्शन है, न कि कोई कम्पल्शन। अब वे अपनी खुशी के लिए जीना चाहती हैं, न कि दूसरों की उम्मीदों पर खरी उतरने के लिए।

    दोस्ती और सोशल कनेक्शन का महत्व

    महिलाएं पुरुषों की तुलना में अकेलेपन को कम महसूस करती हैं, क्योंकि उनके मजबूत सोशल कनेक्शन होते हैं। उनकी दोस्तों और परिवार के साथ गहरे रिश्ते उन्हें इमोशनल सपोर्ट देते हैं, जिससे शादी की जल्दबाजी नहीं होती।

    यह भी पढ़ें: युवाओं ने ढूंढ निकाला शादी से बचने का नया तरीका! किराए पर ले रहे हैं गर्लफ्रेंड और ब्वॉयफ्रेंड

    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

    comedy show banner
    comedy show banner