Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    काश मेरे पास...क्या आपके दोस्त भी ऐसे मांगते हैं मदद? सावधान! हो सकते हैं ड्राई बैगिंग के शिकार

    By Niharika PandeyEdited By: Harshita Saxena
    Updated: Thu, 18 Dec 2025 08:10 PM (IST)

    ड्राई बैगिंग इमोशनल मेनिपुलेशन का ही एक रूप है, जिसमें मदद मांगी तो जाती है लेकिन शब्दों का मायाजाल बनाकर। ज्यादातर लोग ऐसी ड्राई बैगिंग के चंगुल में ...और पढ़ें

    Hero Image

    ड्राई बैगिंग से रहें सावधान, जानें बचने के तरीके (Picture Credit- AI Generated)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। कोई आपसे कहे कि मेरे घर पर तो काफी सारे मेहमान आ रहे हैं, अब मैं दोस्तों के लिए हाउस पार्टी कैसे अरेंज करूं या मुझे तो बहुत दिन हो गए ये डिश खाए, काश मेरे पास इतना समय होता कि मैं इसे बना पाता। इसे ड्राई बैगिंग कहते हैं जोकि मदद मांगने का ही एक तरीका है, जिसमें बातों को घुमा-फिरा कहा जाता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अगर आप बार-बार इसके शिकार हो रहे हैं तो संभल जाएं, क्योंकि आप ना चाहते हुए भी एक ऐसे जाल में फंसते चले जा रहे हैं, जिससे निकल पाना आसान नहीं। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि ड्राई बैगिंग क्या होती है और इसकी पहचान करके कैसे आप इससे बच सकते हैं।

    लोग क्यों करते हैं ड्राई बैगिंग

    • उन्हें मना कर दिए जाने का डर रहता है।
    • कम्युनिकेशन का तरीका नहीं आता, जिससे वे सीधे अपनी बात नहीं कह पाते।
    • इमोशनल मेनिपुलेशन करते हैं और सामने वाले को गिल्ट महसूस करा कर अपना काम पूरा करवाने की कोशिश करते हैं।
    • यह परवरिश का भी हिस्सा हो सकता है, जिसमें काफी सारे लोग सीधे तौर पर मदद मांगना नहीं जानते या सीख पाते।

    ऐसे में क्या करें

    • तुरंत न हो जाएं तैयार: मदद की बात सुनते ही आप झटपट तैयार ना हो जाएं। अगर मदद मांगने का उसका यही पैटर्न है तो उसे तोड़ने की जरूरत है।
    • सीधे करें सवाल: कोई आपसे घुमा-फिरा कर अपना काम करवाना चाह रहा है तो उससे सीधे पूछें। इससे ड्राई बैगिंग करने वाला व्यक्ति इस आदत से बचने की कोशिश करेगा।
    • जरूरत समझें: ऐसा नहीं है कि किसी ने आपको मदद के नाम पर अपनी बातों में उलझा लिया है तो आप उससे निकल नहीं सकते। पहले स्थिति को अच्छी तरह समझें, उसके बाद ही मदद का हाथ बढ़ाएं।
    • न कहना भी सीखें: इस बात को स्पष्ट रूप से समझें कि आप किसी के लिए क्या कर सकते हैं और क्या नहीं। अगर संभव ना हो तो गिल्ट में आकर मदद का हाथ ना बढ़ाएं, ना कहना भी जरूरी है।  

    यह भी पढ़ें- पति नहीं, घर में है 'एक और बच्चा'? पढ़िए क्या है 'मैनकीपिंग' जो रिश्तों को कर रही है खोखला