ब्रेकअप से पहले ही पहचान लें ये 3 बड़े संकेत, दर्द कम करने में मिलेगी मदद
जर्नल ऑफ पर्सनालिटी एंड सोशल साइकोलॉजी में प्रकाशित 2025 की स्टडी बताती है कि रिश्ते अचानक नहीं टूटते यह धीरे-धीरे होता है। दरअसल असल ब्रेकअप के कुछ महीनों पहले से ही उसके लक्षण नजर आने लगते हैं जिन पर कपल्स का ध्यान नहीं जाता। ऐसे में किसी दिन अचानक अलग हो जाने वाले लोगों को गहरा सदमा लगता है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। रिश्तों का टूटना तकलीफदेह, दिल पर गहरी चोट पहुंचाने वाला होता है, लेकिन क्या आपको पता है यह प्रक्रिया एक दिन की नहीं है। एक स्टडी बताती है कि जब तक रिश्तों में गंभीर रूप से दरारें नहीं आ जातीं या बहुत देरी नहीं हो जाती, कपल्स इस बारे में जान भी नहीं पाते।
रिश्ता जब आखिरी सांसें ले रहा होता है तो कपल्स के बीच स्पार्क भी खत्म होने लगता है, जिसके लक्षणों को समय रहते पहचान लेने पर तकलीफ कम की जा सकती है।
उसके बिना जिंदगी ज्यादा सुकूनभरी महसूस होती है
रिश्तों में साथ होना ही उसकी सबसे बड़ी ताकत होती है, लेकिन जब किसी एक पार्टनर को लगने लगे कि उसकी जिंदगी अकेले ही ज्यादा बेहतर हो सकती है तो यह रिश्ते के अंत की शुरुआत है। वो अपने पार्टनर के बिना एक बेहतर भविष्य की कल्पना करने लगे और उसके जाने के बारे में सोच कर ही हल्का महसूस होने लगे तो यह ब्रेकअप के पहले के संकेत हो सकते हैं।
हर समय रहते हैं चिढ़े-चिढ़े
भले ही आपका दिमाग यह स्वीकार ना कर पा रहा हो कि आपका रिश्ता ब्रेकअप की तरफ बढ़ रहा है लेकिन आपका शरीर पहले ही उसके संकेत देने लगता है। साल 2023 में फैमिली रिलेशन में प्रकाशित स्टडी बताती है कि यदि किसी कपल में कोई एक इमोशन का बोझ ज्यादा ढो रहा होता है या अपनी तरफ से रिश्ते में ज्यादा प्रयास कर रहा होता है तो वह हर समय थका-थका या चिड़चिड़ा नजर आता है। यदि कोई रिश्ता तोड़ भी ना पा रहा हो और उसे झेल भी ना पा रहा हो तो ऐसी स्थिति बन सकती है।
यही ख्याल बार–बार आता है
ब्रेकअप से पहले आप मन-ही–मन यही विचार करते रहते हैं कि आखिर आपने एक साथ रहने का फैसला क्यों किया। आप मौजूदा बुरे पलों को भुलाने के लिए पुराने अच्छे पलों को बटोरते और याद करते हैं। अपने पार्टनर की गलतियों को भुलाकर एक सुनहरे भविष्य का सपना देखने की कोशिश करते हैं। लेकिन आपके अंदर यह एहसास बढ़ने लगता है कि इस रिश्ते में आप अकेले ही प्रयास कर रहे हैं।
आपको बीतते दिनों के साथ अकेलापन और उदासी महसूस होने लगती है। साल 2024 में इमोशन में प्रकाशित रिपोर्ट बताती है कि जो लोग लगातार इस तरह की दुविधा भरी सोच में जीते रहते हैं उनकी मानसिक सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
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