बच्चों के साथ बना रहे हैं घूमने का प्लान, तो इन बातों का रखें खास ख्याल
कुछ ही दिनों में बच्चों के विंटर वेकेशन शुरू होने वाले हैं। ऐसे में कहीं आस-पास घूमने के लिए मिल जाएंगे तो मौज-मजे से छुट्टियां कटती हैं। मगर जब साथ जा रहे हों बच्चे तो तैयारी भी होती है कुछ खास। बच्चों (Parenting Tips) के साथ घूमने निकलें तो किन बातों का रखें ध्यान बता रही हैं तारा शर्मा सलूजा।

नई दिल्ली, तारा शर्मा सलूजा। जब हमारे बच्चे नवजात थे और यहां तक कि जब मैं गर्भवती थी, तो मुझे अक्सर ऐसी बातें बताई जाती थीं कि अब मुझे कहीं घूमने नहीं जाना चाहिए या जितनी मर्जी हो, बच्चे होने से पहले घूम लो, क्योंकि बच्चे होने के बाद आप छुट्टियों पर नहीं जा पाएंगे, या आपकी यात्रा का अनुभव बहुत अलग होगा, और यह एक सुझाव से ज्यादा डरावना अंदाज था। मेरा मानना है कि हम सभी माता-पिता अपनी पूरी कोशिश करते हैं कि बच्चों को हर तरह के अनुभव दिए जाएं। जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते जाते हैं, हर उम्र में यात्रा पर जाने से पहले की तैयारी और अनुभव थोड़े अलग होते हैं। मेरे बच्चे अब किशोर हैं मगर बच्चों के साथ वेकेशन पर जाने का अनुभव उनकी उम्र के हिसाब से हर बार अलग होता था। ऐसे में मेरे पास साझा करने को कई अनुभव हैं।
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कंफर्ट को दें प्राथमिकता
मेरा बेटा जब नवजात शिशु था, तब ट्रेन या हवाई जहाज की अपेक्षा कार से की गई लंबी यात्राएं ज्यादा सुविधाजनक रहती थीं। बेटे को फीड कराने के लिए मैं आरामदायक कपड़े जैसे पोंचो आदि पहनना पसंद करती थी। हम दोनों छोटी-छोटी झपकी मारकर अपनी नींद पूरी कर लेते थे। जब मेरा बेटा जाग जाता था तो हम वो एक्टिविटी करते थे, जिसमें बच्चों को मजा आए। आस-पास घूमना, नई-नई जगह को एक्सप्लोर करना एक बेहतरीन अनुभव देता था। इस दौरान स्ट्रालर या बेबी कैरियर बैग काफी सहायक रहते थे। इस आयुवर्ग में बच्चे अपनी ही दिनचर्या को फालो करते हैं। आप किसी भी इवेंट में चले जाएं, उन्हें नींद आएगी तो वो तुरंत सो जाएंगे। उन्हें जगाकर रखने के बजाय इसे बरकरार रखें।
देखें बच्चों की नजर से
छोटे बच्चों के साथ यात्रा करने का अनुभव व्यस्त रखने वाला होता है। कभी-कभी मुश्किल भी हो जाती थी, जब बच्चे चिड़चिड़े या जिद करने लग जाते थे। यह इस उम्र का एक स्वाभाविक लक्षण है, इसलिए हम उनके कुछ पसंदीदा खिलौने और स्नैक्स ले जाना सुनिश्चित करते थे और उन जगहों को चुनते थे जहां उनके लिए मस्ती करने के विकल्प हों। जरूरी नहीं कि आप कोई बड़े हाई-फाई डेस्टिनेशन चुनें, कोई भी जगह, जहां परिवार के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिता सकें, उसे चुनें। इस उम्र के बच्चे स्वाभाविक रूप से बाहर दौड़ने-भागने जैसी गतिविधियों का आनंद लेते हैा। समुद्र तटों से लेकर जंगल सफारी तक, प्राकृतिक जगहों और बच्चों के लिए रोचक गतिविधियों वाले गंतव्य यहां आपकी मदद कर सकते हैं। ओपेन पार्क, दिलचस्प संग्रहालय और मजेदार राइड पार्क आदि भी जा सकते हैं। मैं मानती हूं कि इस उम्र के बच्चों के साथ लंबी यात्राएं कभी-कभी मुश्किल हो जाती हैं, खासकर अगर भाई-बहन लड़ रहे हों, लेकिन तब उन्हें फटकारने के बजाय कुछ मजेदार खेल खेलें, यहउन्हें व्यस्त रखेगा और झगड़े से ध्यान भी भटकाएगा।
उनकी खुशी में हमारी खुशी
बच्चे जब किशोरावस्था में आते हैं तो कई बातों की तरह घूमने की जगह चुनने के लिए भी उनके पास अपनी राय होती है। वे योजना बनाने में काफी सक्रिय रहते हैं। अगर आप उनकी राय को अपनी ट्रिप का हिस्सा बनाएं तो यकीन मानिए, इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि सभी को मजा आएगा। हालांकि, यह भी सच है कि हम हमेशा उनकी इच्छाओं के अनुसार नहीं चल पाते। बजट आदि कई चीजें भी मायने रखती हैं, लेकिन हम उन जगहों का चुनाव करने की कोशिश करते हैं जहां सभी की राय एक बिंदु पर मिले। इस उम्र के बच्चों को ज्यादा दर्शनीय स्थलों पर ले जाना उन्हें बोर कर सकता है। इसलिए, अगर आप किसी ऐतिहासिक और दर्शनीय स्थल पर जा रहे हैं तो इसे मजेदार और आरामदायक बनाएं। बच्चे जब बड़े हो रहे होते हैं तो उनकी प्राथमिकताएं परिवार से ज्यादा दोस्तों की ओर झुकती हैं, फिर भी सुनिश्चित करें कि साल में एक या दो छुट्टियां ऐसी जरूर हों, जो फैमिली बांड को मजबूत करें। ये छुट्टियां लंबी या दूर नहीं होनी चाहिए, बस एक साथ अच्छा समय बिताने और मस्ती करने का मौका होना चाहिए।
मंजिल से ज्यादा सफर है मजेदार
बच्चों के साथ यात्रा का अनुभव मुझे यह सिखाता है कि गंतव्य से ज्यादा जरूरी है सफर के दौरान एक सकारात्मक सोच रखना। इससे हम किसी भी जगह या उस तक पहुंचने की यात्रा का पूरा मजा ले सकते हैं और एक साथ अच्छा समय बिता सकते हैं। सर्दियों की छुट्टियां नजदीक हैं, तो एक ऐसा गंतव्य चुनें जो सबको पसंद आए। अगर ठंडी जगह पर जा रहे हैं, तो गर्म कपड़े जरूर पैक करें और बोर्ड गेम या ऐसी इनडोर एक्टविटी के विकल्प जरूर साथ रखें या फिर एक गर्म जगह का प्लान बनाएं। कुल मिलाकर एक शानदार ब्रेक का मजा लें! कोशिश करें कि ऐसा स्थान चुनें जहां परिवार के सभी सदस्य खुश रहें। चाहे वो जगह भव्य हो या साधारण, नजदीक हो या दूर, याद रखें कि यात्रा हमेशा कुछ नया सिखाती है और रिश्तों को मजबूत बनाती है। ...और हां, छुट्टियों के बाद घर लौटना भी हमेशा अच्छा लगता है!
(लेखिका अभिनेत्री-उद्यमी तथा द तारा शर्मा शो की प्रस्तोता हैं)
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