अगर आपका बच्चा भी देता है हर बात का उल्टा जवाब, तो सुधारने के लिए आजमाएं 5 Parenting Tips
क्या आपका बच्चा भी आपको हर बात पर उल्टे जवाब देने लगता है? क्या हां कहने की जगह नहीं कहना उसकी आदत बन गई है? अगर हां तो इस आर्टिकल में बताए जा रहे 5 Parenting Tips आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इन टिप्स की मदद से आप इस सिचुएशन को हैंडल कर सकते हैं और बच्चे के साथ एक दोबारा अच्छी बातचीत शुरू कर सकते हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बच्चों का ऐसा बरताव कई बार उनकी उम्र, इमोशनल चेंजेस या ध्यान खींचने की कोशिश का हिस्सा होता है, लेकिन अगर समय रहते इसे संभाला न जाए, तो यही आदत आगे चलकर जिद्दी स्वभाव का रूप ले सकती है।
"चलो पढ़ाई शुरू करो"
"नहीं करूंगा!"
"खाना खा लो बेटा"
"अभी नहीं!"
अगर आपके घर में भी ऐसी बातचीत रोज होती है और आपका बच्चा हर बात का उल्टा जवाब देता है, तो घबराने की बात नहीं है। ये एक आम समस्या है जिसे समझदारी और सही पेरेंटिंग से सुलझाया जा सकता है। आज हम आपको बता रहे हैं 5 Parenting Tips, जो इस तरह के बिहेवियर को सुधारने में आपकी मदद करेंगे, वो भी बिना डांट-फटकार के।
पहले सुनें, फिर समझाएं
बच्चे जब उल्टा जवाब देते हैं, तो अक्सर हम तुरंत नाराज होकर डांटने लगते हैं, लेकिन अगर आप थोड़ा धैर्य रखें और पहले उनकी बात पूरी सुनें, तो आपको उनके व्यवहार की जड़ तक पहुंचने में मदद मिलेगी।
कभी-कभी बच्चे अपनी बात मनवाने के लिए ऐसा करते हैं। अगर आप उन्हें ध्यान से सुनेंगे, तो वे भी आपकी बात सुनने के लिए तैयार होंगे।
ऑर्डर नहीं, ऑप्शन दें
बच्चों को हर वक्त “ये करो, वो मत करो” सुनना अच्छा नहीं लगता। अगर आप हर चीज ऑर्डर की तरह कहेंगे, तो वे स्वाभाविक रूप से विरोध करेंगे। उदाहरण के लिए: "अभी होमवर्क करो!" की जगह आप कह सकते हैं- "तुम पहले होमवर्क करना चाहोगे या पहले नाश्ता?" इससे बच्चे को लगेगा कि उसे चुनाव की आजादी है, और वह कम उल्टा जवाब देगा।
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पॉजिटिव लैंग्वेज का यूज करें
बातचीत में अगर आप पॉजिटिव शब्दों का यूज करते हैं, तो बच्चा ज्यादा खुले दिल से रिएक्शन देता है। उसे बार-बार “नहीं करो, मत करो, गलत है” कहने की जगह आप कहें: "ऐसे करने से तुम्हें ज्यादा मजा आएगा", "क्या हम इसे थोड़ा और अच्छे से कर सकते हैं?"
सजा देने से बचें
गलती करने पर तुरंत सजा देना बच्चों को और विद्रोही बना सकता है। इसके बजाय उन्हें नरम तरीके से उनके बिहेवियर के रिजल्ट समझाएं। जैसे- "अगर तुम अपना खिलौना फेंकोगे, तो वो टूट सकता है और फिर तुम्हें पसंद नहीं आएगा।" इस तरह का कम्युनिकेशन उन्हें सोचने की आदत डालेगा, जो लंबे समय में बेहद फायदेमंद होता है।
प्यार से लें काम
कई बार बच्चे उल्टा जवाब इसलिए भी देते हैं क्योंकि वे चाहते हैं कि आप उन्हें और ज्यादा नोटिस करें। उनके साथ रोज कुछ वक्त बिताएं, खेलें-कूदें और उनकी बातें सुनें। जब बच्चे को महसूस होता है कि उसके माता-पिता उससे जुड़े हुए हैं, तो वह खुद-ब-खुद सपोर्टिव बनता है।
खुद भी रहें शांत
- बच्चों के साथ बहस में उलझने से बेहतर है कि आप खुद को शांत रखें।
- बच्चे आपको देखकर सीखते हैं। अगर आप हर बार गुस्से से जवाब देंगे, तो वह भी यही सीखेगा।
- आपका शांत रहना उसकी सीख का सबसे असरदार तरीका हो सकता है।
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