आपको पता चल जाए Relationship में है आपका बच्चा तो भूलकर न करें यह काम, कर बैठेंगे बड़ा नुकसान
मौजूदा समय में बच्चों का रिलेशिनशिप में रहना कोई बहुत बड़ी बात नहीं रह गई है। पहले के जमाने में माता पिता बच्चों की शादियां खुद से तय कर देते थे। लेकिन वक्त बदलने के साथ रिश्तों को लेकर भी काफी बदलाव आए हैं। बच्चे अब अपना जीवनसाथी खुद ही चुनते हैं। हालांकि कई बार बच्चों के फैसले गलत भी साबित होते हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। अगर आपको यह पता चले कि आपका बेटा या बेटी रिलेशनशिप में है तो आप क्या करेंगे? इस सवाल को सुनने के बाद स्वाभाविक है कि आपको पलभर के लिए गुस्सा भी आएगा और फिर आप अपने बच्चे के बारे में तरह-तरह के सवाल भी दिमाग में लाएंगे। लेकिन आपको ऐसा कुछ भी नहीं करना है। ऐसा करने से आप अपने बच्चों के लिए थोड़ी मुश्किल पैदा कर सकते हैं साथ ही हालात को और मुश्किल बना सकते हैं।
दिमाग को रखें ठंडा
जैसे ही आपको किसी भी रूप से यह खबर पता चले या जानकारी मिले कि आपका बेटा या बेटी किसी दूसरे के साथ रिलेशनशिप में है तो आप यह जानने के बाद अपने दिमाग को काबू में रखें।
आपका पहला काम है कि आप अपने दिमाग पर संतुलन बनाए रखें और ऐसे हालत में ओवर रिएक्ट न करें। अगर आपका पहला ही रिएक्शन बहुत निगेटिव हुआ तो आपका बच्चा गुस्से में आकर कोई भी गलत कदम उठा सकता है।
यह भी पढ़ें : Adventure Lovers के लिए ही परफेक्ट हैं ये 5 सिटीज, कमजोर दिल वाले न करें ट्रैवल
प्यार से समझाएं अपनी बात
आप सबसे पहले अपने बच्चों से कहें कि यह सब करने की उम्र नहीं है, बेहतर है कि तुम अपने करियर या पढ़ाई में फोकस करो। इसके बाद इन सब के लिए बहुत समय है।
अगर आप बच्चे को इस तरह से समझाते हैं तो स्वाभाविक है कि वह आपकी बात सुनने को राज़ी होगा और जो कुछ आप उसको समझाएंगें वह उसपर गौर करेगा। लेकिन पहले ही रिएक्शन में आप बच्चों को डांट लगाते हैं तो बात बिगड़ सकती है। अगर आप अपने बच्चों को प्यार से अपनी बात समझाने में कामयाब हो जाते हैं तो जाहिर सी बात है कि वह आपकी बात को सुनने के बाद अपन फैसले बदल सकते हैं।
गाइड करें, कंट्रोल करने से बचें
आप बच्चों को उनके भविष्य के लिए क्या अच्छा है क्या बुरा यह बताएं। बच्चों को आप कई लोगों के उदाहरण देकर समझा सकते हैं। गाइड करने का यह बेहतर तरीका है। वहीं इसके विपरीत आप बच्चों को कंट्रोल करने की कोशिश करेंगे तो मुमकिन है कि वह आपको अपना दुश्मन मान बैठें। इसलिए ऐसी परिस्थितियों में बच्चों को गाइड करने की कोशिश करें न कि उन पर सख्ती करें। ज्यादा सख्ती करने से कई बार आपके बच्चे आपकी मर्जी के खिलाफ कदम उठा सकते हैं। ऐसे में उन्हें गाइड करने का हमेशा प्रयास करें।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।