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    अगर आपको भी है हर छोटी-बड़ी बात पर Sorry कहने की आदत, तो यहां जानें इससे छुटकारा पाने के तरीके

    Updated: Fri, 04 Apr 2025 04:28 PM (IST)

    क्या आपको भी जरूरत से ज्यादा Sorry कहने की आदत है? छोटी-छोटी बातों पर माफी मांगना जैसे- किसी से कोई साधारण सवाल पूछना किसी से रास्ता मांगना या किसी मामूली गलती पर बार-बार ‘सॉरी’ कह देना। बता दें यह आदत अक्सर हमारे कॉन्फिडेंस को कम कर देती है ऐसे में आइए यहां आपको बताते हैं इसपर काबू पाने के टिप्स (How to Stop Saying Sorry)।

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    How to Stop Saying Sorry: बात-बात पर 'सॉरी' बोलने की आदत से हैं परेशान? (Image Source: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। How to Stop Saying Sorry: क्या आपको भी हर छोटी-बड़ी बात पर 'सॉरी' कहने की आदत है? चाहे गलती हो या न हो, सामने वाले को खुश करने या किसी भी सिचुएशन से बचने के लिए अक्सर हम 'सॉरी' बोल देते हैं। यह आदत शुरुआत में सामान्य लग सकती है, लेकिन ज्यादा सॉरी कहना आपके आत्मविश्वास (Self-Confidence) और व्यक्तित्व (Personality) पर बुरा असर डाल सकता है।

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    अगर आप भी इस आदत से परेशान हैं और इससे छुटकारा पाना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। आइए जानते हैं इस आदत से उबरने के कुछ आसान और असरदार तरीके (Tips to stop over-apologizing)।

    हर चीज के लिए माफी जरूरी नहीं

    कुछ सिचुएशन्स ऐसी होती हैं, जिनमें ‘सॉरी’ कहना जरूरी नहीं होता। अगर आप किसी की असुविधा की वजह नहीं बने हैं, तो माफी मांगने की जरूरत नहीं। खुद से सवाल करें- “क्या मैंने सच में कुछ गलत किया है?”

    ‘सॉरी’ की जगह थैंक्स कहें

    अगर आप किसी की मदद लेते हैं, तो ‘सॉरी’ कहने के बजाय ‘थैंक यू’ कहें। जैसे-

    “सॉरी, आपको परेशान किया।”

    “थैंक्स, आपने मेरी मदद की।”

    इससे आपका कॉन्फिडेंस भी बढ़ेगा और सामने वाले को भी पॉजिटिव महसूस होगा।

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    कॉन्फिडेंस पर करें काम

    बार-बार ‘सॉरी’ कहने की आदत कहीं न कहीं आपकी झिझक और सेल्फ-डाउट को दिखाती है। कॉन्फिडेंस बढ़ाने के लिए खुद पर भरोसा करें और अपने शब्दों को लेकर बेफिक्र रहें।

    अपनी भाषा और शब्दों को सुधारें

    अगर किसी स्थिति में आपको सच में माफी मांगनी हो, तो ‘सॉरी’ कहने का एक दूसरा तरीका अपनाएं। उदाहरण के लिए-

    “सॉरी, मैं लेट हो गया।”

    “मुझे देर हो गई, अगली बार ध्यान रखूंगा।”

    इससे आपकी बात जिम्मेदारी के साथ सामने आएगी और बार-बार ‘सॉरी’ कहने की आदत कम होगी।

    अपनी आदतों पर ध्यान दें

    अगर आपको अहसास होता है कि आप अनावश्यक रूप से ‘सॉरी’ कह रहे हैं, तो इसे रोकने की कोशिश करें। एक बार जब आप इस पर ध्यान देने लगेंगे, तो धीरे-धीरे यह आदत बदल जाएगी।

    ‘सॉरी’ को मजबूती से बदलें

    अगर आप हमेशा दूसरों को खुश करने के लिए माफी मांगते रहते हैं, तो इस सोच को बदलें। अपनी फैसलों पर भरोसा करें और खुद को गलत साबित करने की बिल्कुल भी कोशिश न करें।

    ‘सॉरी’ कहना बुरा नहीं है, लेकिन जब यह आदत बन जाए और हर बात में माफी मांगना आपके कॉन्फिडेंस को कम करने लगे, तो इसे बदलना जरूरी है। अगली बार जब आपका मन ‘सॉरी’ कहने का करे, तो सोचें- क्या यह सच में जरूरी है? अगर नहीं, तो कॉन्फिडेंस से अपनी बात कहें और आगे बढ़ें।

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