बच्चे अकेले घर पर? अब छोड़ दीजिए चिंता, ये सेफ्टी टिप्स बनेंगे आपकी तीसरी आंख
इन दिनों ज्यादातर पेरेंट्स काम के सिलसिले में घर से बाहर रहते हैं। ऐसे में अक्सर काम करते समय पेरेंट्स को घर पर मौजूद अपने बच्चों की चिंता सताती रहती है। अगर आप एक वर्किंग पेरेंट हैं और अक्सर काम के सिलसिले में घर से बाहर रहते हैं तो इन टिप्स की मदद से आप घर में बच्चों की सुरक्षा का इंतजाम कर सकते हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। काम के सिलसिले में या कई अन्य वजहों से अक्सर माता-पिता घर से बाहर रहते हैं। ऐसे में पेरेंट्स की गैर-मौजूदगी में बच्चों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। इन दिनों बाजार में कई ऐसे डिवाइस मिलते हैं, जो आपके पीछे से बच्चों की सुरक्षा का ध्यान रखते हैं। आज इस आर्टिकल में हम कुछ ऐसे ही डिवाइजेस के बारे में बताएंगे।
दरवाजों और दराजों के लिए स्ट्रैप व लैच
इस तरह के डिवाइस शरारती या चंचल बच्चों को किचन और बाथरूम के केबिनेट तथा दराजों से दूर रखने के लिए बेहद जरूरी हैं। इन जगहों पर अक्सर बच्चों के लिए खतरा मानी जाने वाली चीजें रखी, जैसे फ्लोर क्लीनर, माचिस, दवाइयां, लाइटर, चाकू रहती हैं। ऐसे स्ट्रैप और लैचेस लगाकर इन खतरनाक चीजों को बच्चों की पहुंच से दूर रखा जा सकता है।
स्मोक अलार्म
घर में बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए ये भी बेहद जरूरी डिवाइस है। घर के हर कमरे और आग लगने के खतरे वाली जगहों में इसे लगवाएं। ये जितने कारगर हैं, उतने ही किफायती भी। स्मोक अलार्म सही तरीके से काम कर रहा है या नहीं, हर महीने इसे चेक करें और साल में एक बार इनकी बैक्ट्री जरूर बदल दें।
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उपकरणों को करें लॉक
कई बार बच्चे खेल-खेल में रेफ्रिजरेटर के अंदर छुपने की कोशिश करते हैं या फिर किसी दूसरे अप्लायंस या उपकरण को चलाने की कोशिश करते हैं। ऐसी एक्टिविटीज उनकी जान जोखिम में डाल सकती है, इसलिए बाजार में मिलने वाले अप्लायंस लॉक लगाएं। ये लॉक स्ट्रैप के रूप में आते हैं, जो इन डिवाइस के कॉर्नर में आसानी से लगाए जा सकते हैं। इससे फ्रीजर, रेफ्रिजरेटर, माइक्रोवेव या डिशवॉशर को लॉक रखने में मदद मिलती है।
खिड़कियों और बालकनी के लिए सेफ्टी नेट
खिड़कियों को कभी भी चार से पांच इंच से ज्यादा खुलने की गुंजाइश न रखें, ऐसा ही उन पर लगी ग्रिल के साथ भी करें। इसे सुरक्षित बनाने के लिए सेफ्टी नेट का इस्तेमाल करें। खिड़कियों को सेफ करने के दौरान इस बात का ध्यान रखें कि हर कमरे में एक खिड़की ऐसी हो, जो किसी आपात स्थिति में बाहर निकलने के लिए काम आ सके। बालकनी में भी कोई भी ऐसी जगह खुली न रखें, जिससे बच्चे के गिरने का डर हो।
किनारों से करें सुरक्षा
बच्चे घर में बेतहाशा भागते-दौड़ते हैं ऐसे में किसी फर्नीचर या ऐसे ही किसी शार्प कॉर्नर से उन्हें चोट लगने का डर रहता है। ऐसे नुकीले कॉर्नर पर सॉफ्ट बम्पर्स लगाएं। इन्हें आसानी से कॉर्नर में चिपकाया जा सकता है और जब जरूरत न हो आप इसे निकाल भी सकते हैं। ये कस्टमाइज रूप में आते हैं, बस जरूरत के हिसाब से काटकर लगा लें।
दीवार पर हैंग न करें
ऐसे फर्नीचर न रखें जिन्हें बच्चा आसानी से खिसका सकें या बच्चे के ऊपर इनके गिरने का खतरा हो। फर्नीचर और अप्लायंस को फ्लोर पर रखें या फिर उन्हें दीवार पर टांगने का ऑप्शन चुनें।
बिजली के झटकों से बचाएगा
घर में कई सारे स्विचेस कम ऊंचाई पर लगे होते हैं, जहां बच्चों के हाथ आसानी से पहुंच जाते हैं। उन्हें इस खतरे से बचाने के लिए आउटलेट कवर और प्लेट डिवाइस का इस्तेमाल कर सकते हैं। बस इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे आसानी से सुरक्षा देने वाले आउटलेट प्रोटेक्टर्स को निकाल न पाएं।
शावर और नल के कवर
अपने शावर और नल के सिरे को कवर करने वाले डिवाइस लगाएं। साथ ही आपके बाथरूम के हीटर का टेम्परेचर सेट किया हो, जिससे गर्म पानी से बच्चों को जलने का खतरा न रहे।
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