क्या आपका बच्चा भी देता है पलटकर जवाब? डांटने से पहले जान लें इसके 10 मनोवैज्ञानिक कारण
बच्चों का पलटकर जवाब देना सिर्फ बदतमीजी नहीं बल्कि कई गहरे कारणों का परिणाम होता है। कभी यह सेल्फ-डिफेंस की फीलिंग होती है तो कभी जरूरत से ज्यादा डिसिप्लिन या इमोशनल नेगलेक्ट इसके पीछे होती है। कई बार वे अपनी बात रखने की कोशिश करते हैं लेकिन तरीका गलत होता है। आइए आसान भाषा में समझते हैं इसके बारे में।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बचपन एक ऐसा दौर होता है जहां व्यक्तित्व आकार लेता है। इस दौरान बच्चों का व्यवहार कई बार ऐसा होता है जो पेरेंट्स और अन्य फैमिली को हैरान कर देता है। "पलटकर जवाब देना" भी ऐसा ही एक व्यवहार है जिसे अक्सर बदतमीजी या अनुशासन की कमी समझा जाता है, लेकिन इसके पीछे केवल जीद या उद्दंडता नहीं, बल्कि कई गहरे मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कारण भी हो सकते हैं। जिन्हें समझकर ही हम अपने बच्चों को सही गाइडेंस दे सकते हैं। आइए जानते हैं इन कारणों के बारे में।
आत्म-सुरक्षा की भावना
जब बच्चा खुद को अनसेफ, अपमानित या दबा हुआ महसूस करता है, तो वह पलटकर बोलता है, जिससे वह अपनी स्थिति को स्पष्ट कर सके या खुद को डिफेंड कर सके।
कठोर अनुशासन
बहुत ज्यादा सख्ती और आजादी की कमी बच्चों को विद्रोही बना देती है। ऐसे में वे अपने विचार जोर से और विरोध में जताते हैं।
भावनात्मक उपेक्षा
अगर पेरेंट्स बच्चे को पर्याप्त इमोशनल हेल्प नहीं करते या प्यार नहीं देते, तो बच्चा उपेक्षित महसूस करता है और गुस्से या चिड़चिड़ेपन के रूप में पलटकर रिएक्ट करते हैं।
रोल मॉडल का प्रभाव
बच्चे जैसा देखते हैं, वैसा ही सीखते हैं। अगर वे अपने आसपास पलटकर बोलने वाले बड़ों को देखते हैं, तो वे भी वही व्यवहार अपनाते हैं।
संवाद की कमी
जब बच्चों की बातें सुनी नहीं जातीं और केवल उन्हें आदेश दिए जाते हैं, तो वे विरोध में पलटकर बोलने लगते हैं।
उम्र के बदलाव
किशोरावस्था में होने वाले हार्मोनल बदलावों के कारण भी किशोर बच्चे अधिक सेंसिटिव, इमोशनल और तर्कशील हो जाते हैं। ऐसे में वे हर बात पर प्रतिक्रिया देने लगते हैं।
बाहरी दबाव और स्ट्रेस
स्कूल, साथियों या अन्य बाहरी दबावों के कारण जब बच्चा मानसिक तनाव में होता है, तो वह घर में पलटकर बोलकर अपना गुस्सा निकालता है।
सीमाओं की कमी
अगर बच्चों को हर बात की छूट दी जाए और अनुशासन न सिखाया जाए, तो वे पलटकर बोलने को सामान्य मानने लगते हैं और जवाब देने लगते हैं।
अपनी राय रखने की कोशिश
बच्चे भी अपने विचार रखते हैं। जब उन्हें बोलने का मौका नहीं मिलता, तो वे जिद्दी तरीके से अपनी बात कहने लगते हैं।
माता-पिता की प्रतिक्रिया
अगर बच्चे की असहमति जताने पर माता-पिता ज्यादा गुस्सा दिखाते हैं, तो बच्चा पलटकर बोलना अपनी प्रतिक्रिया मान लेता है।
बच्चों का पलटकर जवाब देना केवल डिसिप्लीन का मुद्दा नहीं है, बल्कि ये एक संकेत है कि उन्हें समझने और उनसे बात करने की जरूरत है। ऐसे में, अगर माता-पिता पेशेंस, प्यार और समझदारी से काम लें, तो बच्चों का बिहेवियर अच्छा बनाया जा सकता है।
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