शादी के लिए कर रहे हैं किसी को डेट, तो रिश्ते पर मुहर लगाने से पहले रखें इन बातों का ध्यान
शादी जिंदगीभर का एक रिश्ता (Relationship Tips) होता है जिसके लिए सोच-समझकर फैसला लेना चाहिए। खासकर जब बात लाइफ पार्टनर को चुनने की हो तो कई बातों का ध्यान रखना जरूरी है। अगर आप शादी के इरादे से किसी को डेट कर रहे हैं तो कुछ बातें ऐसी हैं जिन्हें फॉलो करना जरूरी है। आइए जानते हैं कौन-सी हैं वो बातें।
लाइफस्टाइल डेस्क,नई दिल्ली। शादी एक जिम्मेदारी भरा रिश्ता होता है, जिसके लिए सोच-विचार बेहद जरूरी है। खासकर जब बात लाइफ पार्टनर की आती है, तो किसी को भी अपना हमसफर चुनने से पहले एक नहीं सौ बार सोचना और उसे परखना जरूरी है। शादी जिंदगीभर का रिश्ता होता है, जिसमें किसी भी तरह की गलती की कोई गुंजाइश नहीं होती, क्योंकि एक छोटी-सी गलती या गलत फैसला न सिर्फ आपका रिश्ता खराब कर सकता है, बल्कि जिंदगी भी बर्बाद कर सकता है।
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इन बातों का रखें ध्यान-
- शादी चाहे अरेंज हो या लव, इन बातों का ध्यान दोनों की कंडीशन में रखना जरूरी है। खासकर अगर आप शादी के इरादे से किसी को डेट कर रहे हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखना सबसे ज्यादा जरूरी है। आइए जानते हैं इन जरूरी बातों के बारे में-
- शादी के बारे में कोई भी फैसला करने से पहले एक-दूसरे से अच्छे जान लें। इसके लिए न तो बहुत कम समय लें न ही बहुत ज्यादा समय लगाएं। शादी करने के लिए 3-6 महीने का डेटिंग रूल जरूर फॉलो करें।
- जब तक आप अपने रिश्ते को लेकर आश्वत न हो और इसे कोई ऑफिशियल स्टेटस न मिल जाए, तब तक शारीरिक संबंध न बनाएं।
- अगर आप किसी रिश्ते में हैं, तो हेल्दी फ्लर्ट आम बात है, लेकिन ज्यादा फ्लर्ट न करें या सेक्सटिंग में शामिल न हों।
- अपने पार्टनर से बात करते समय किसी अपेक्षा न रखें। साथ ही अपनी डेस्पिरेशन पर भी काबू रखें।
- अपने रिश्ते को सीरियस स्टेज पर ले जाने के लिए 10-12 डेट्स के बाद पेरेंट्स को इसमें शामिल करें। आप चाहें कॉल, वीडियो कॉल कर सकते हैं या फिर उनसे पर्सनली मिल सकते हैं। आप चाहें तो इसके बाद कुछ समय ले सकते हैं।
- सिर्फ चैटिंग करने की बजाय ऑफलाइन मिलें, क्योंकि यह जरूरी है। साथ ही एक-दूसरे को बेहतर तरीके से जानने के लिए चैटिंग से ज्यादा कॉल और वीडियो कॉल का सहारा लें।
- अगर आप लॉन्ग डिस्टेंस में हैं, तो कम से कम 3 से 6 महीने में 8-10 बार मिलें, जब तक कि आप कोई फैसला न ले लें। अगर आप आप एक ही शहर में हैं, तो 3-6 महीने तक हर हफ्ते कम से कम एक बार मिलें, ताकि फैसला लेने से पहले आप एक-दूसरे को समझ सकें।
- मीटिंग कैजुअल कॉफी डेट की तरह नहीं होनी चाहिए। घंटे-दो घंटे बैठकर कुछ खा-पीकर वापस घर चले जाने से एक-दूसरे को समझने में मदद नहीं मिलेगी। इसके लिए आपको कम से कम आधे दिन साथ रहना चाहिए। आप इसके लिए किसी पार्क, संग्रहालय, चिड़ियाघर, समुद्र तट, पहाड़, मंदिर या किसी अन्य स्थान पर एक-साथ समय बिता सकते हैं।
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