कोई बुरी आदत नहीं, बल्कि रिश्तों को मजबूत करने का तरीका है गॉसिप; पढ़ें क्या कहती है नई स्टडी
अक्सर हम गॉसिप को बुरी नजर से देखते हैं, इसे समय की बर्बादी या किसी की बुराई करने का जरिया मानते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह हमारी मेंटल हेल्थ के लिए फायदेमंद भी हो सकती है? कई मनोवैज्ञानिक और समाजशास्त्रियों ने गॉसिप पर शोध किया है और चौंकाने वाले निष्कर्ष निकाले हैं।

जानें कैसे गॉसिप से मजबूत होता है रिश्ता (Image Source: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हमेशा से यह माना जाता रहा है कि गॉसिप करना एक बुरी आदत है, पर अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि जो कपल्स हल्के-फुल्के अंदाज में एक-दूसरे के साथ गॉसिप करते हैं, वे ज्यादा खुश और एक-दूसरे के करीब महसूस करते हैं।
स्टडी में 76 कपल्स की रोजाना की बातचीत को रिकॉर्ड किया गया। इसमें पाया गया कि ये कपल्स हर दिन औसतन 38 मिनट गॉसिप करते थे, जिसमें से 29 मिनट वे एक साथ गॉसिप करते थे। जिन कपल्स ने इस तरह के हल्के-फुल्के पल एक-दूसरे के साथ शेयर किए, वे रिश्ते में ज्यादा खुश और कनकटे लगे।
हेल्दी रिश्ते का साइन है गॉसिप
अध्ययन के मुताबिक, यहां गोसिप का मतलब सिर्फ चुगली करना नहीं है। इसका मतलब है किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में बात करना जो उस समय वहां मौजूद नहीं है, चाहे वह बात सकारात्मक हो या थोड़ी-बहुत आलोचनात्मक। इस तरह की बातचीत कपल्स के बीच काफी आम होती है और यह दिन भर के अनुभवों को एक-दूसरे के साथ शेयर करने का एक तरीका बन जाती है।
कैसे रिश्ते को मजबूत बनाती है गॉसिप?
जब पार्टनर आपस में अपने आसपास के लोगों या घटनाओं के बारे में बात करते हैं, तो उन्हें यह महसूस होता है कि वे एक-दूसरे की टीम में हैं। यह बातचीत एक मजाकिया या हल्की-फुल्की रस्म की तरह काम करती है, जो यह दर्शाती है कि "हम एक-दूसरे को समझते हैं।" इससे दोनों के बीच विश्वास और इमोशनल कनेक्शन और भी मजबूत होता है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह एक कम्युनिकेशन टूल की तरह काम करता है, जो पार्टनर को दिनभर की घटनाओं को एक साथ समझने में मदद करता है। हालांकि, यह रिश्ते की खुशहाली के लिए सिर्फ एक छोटा-सा हिस्सा है और अच्छे कम्युनिकेशन की जगह नहीं ले सकता।
गॉसिप को कैसे रखें हेल्दी?
इसे हमेशा हल्के-फुल्के और प्राइवेट रखना चाहिए। किसी सामाजिक समारोह के बाद हल्के-फुल्के अंदाज में की गई बातचीत रिश्ते को मजबूत कर सकती है, लेकिन अगर यह बातचीत किसी की आलोचना या बुराई करने वाली हो, तो इसका उल्टा असर हो सकता है। इसका मकसद एक-दूसरे के साथ जुड़ना होना चाहिए, न कि किसी का मजाक उड़ाना।
इसलिए, अगली बार जब आप और आपका पार्टनर किसी दोस्त की अजीब आदत या किसी सहकर्मी की अजीब टिप्पणी के बारे में बात करें, तो ज्यादा चिंता न करें। विज्ञान कहता है कि यह आपको एक-दूसरे के करीब रहने में मदद कर सकता है।
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