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    ये 7 संकेत बताते हैं कि खुद ही अपने बच्चे को बिगाड़ रहे हैं आप, नहीं किया सुधार तो मलते रह जाएंगे हाथ

    हर मां-बाप की चाह होती है कि वे अपने बच्चे की सभी इच्छाएं पूरी करें और उनपर खूब सारा प्यार लुटाएं। लेकिन कई बार जाने-अनजाने में पेरेंट्स अपने बच्चों को बिगाड़ने लग जाते हैं (Parenting Mistakes)। इसके कारण बच्चा जिद्दी और घमंडी हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि इसमें सुधार किया जाए। आइए जानें ऐसे संकेत जो बताते हैं कि बच्चे को बिगाड़ रहे हैं आप।

    By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Mon, 07 Apr 2025 04:12 PM (IST)
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    Parenting Tips: कहीं आप भी तो नहीं कर रहे पेरेंटिंग में ये गलतियां? (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। पेरेंटिंग काफी चैलेंजिंग सफर है, लेकिन फिर भी हर पेरेंट यहीं चाहता है कि वह अपने बच्चे की सभी जरूरतें और इच्छाएं पूरी करें। माता-पिता अपनी पूरी कोशिश करते हैं कि वे बच्चों को सही रास्ता दिखाएं। लेकिन कई बार प्यार और सुरक्षा की चाहत में (Parenting mistakes) वे अनजाने में ही उन्हें बिगाड़ने लगते हैं।

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    लाड़-प्यार अगर जरूरत से ज्यादा बढ़ जाए, तो यह परेशानी की वजह बन सकता है। इसका असर आपके बच्चे के भविष्य पर भी पड़ता है। इसलिए अगर आपके बच्चे का व्यवहार (Spoiled child behavior) चिंताजनक है, तो हो सकता है कि आपकी कुछ आदतें इसके लिए जिम्मेदार हों। आइए जानते हैं 7 ऐसे संकेत (Unintentional bad parenting), जो बताते हैं कि आप अपने बच्चे को बिगाड़ रहे हैं।

    हर छोटी-बड़ी जरूरत पूरी करना

    अगर आप बच्चे की हर मांग को बिना किसी सीमा के पूरा करते हैं, तो वह जिद्दी और असंतुष्ट बन सकता है। बच्चों को "न" सुनने की आदत डालें, ताकि वे जीवन की चुनौतियों के लिए तैयार हो सकें।

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    गलतियों पर डांटने की  बजाय हमेशा बचाना

    अगर बच्चा कुछ गलत करे और आप उसे सजा देने की बजाय बहाने बनाने लगें, तो वह जिम्मेदारी लेना नहीं सीखेगा। उसे अपनी गलतियों का परिणाम भुगतने दें, ताकि वह सही और गलत में फर्क समझ सके।

    दूसरों के सामने ज्यादा तारीफ करना

    बच्चे की हर छोटी उपलब्धि पर खूब बढ़ चढ़कर तारीफ करने से उसमें अहंकार आ सकता है। बच्चों का मनोबल बढ़ाने के लिए तारीफ करें, लेकिन इसकी सीमा तय करें। साथ ही, यह भी सिखाएं कि विनम्र रहना भी जरूरी है। 

    उसकी तुलना दूसरे बच्चों से करना

    "तुम्हारा दोस्त तो इतना अच्छा है, तुम क्यों नहीं?" जैसे वाक्य बच्चे के आत्मविश्वास को तोड़ते हैं। हर बच्चा अलग होता है, उसकी खूबियों को पहचानें और उसे उसी रूप में स्वीकार करें।

    हर समय कंट्रोल करना

    अगर आप बच्चे के हर कदम पर नजर रखते हैं और उसे खुद फैसला लेने नहीं देते, तो वह आत्मनिर्भर नहीं बन पाएगा। उसे थोड़ी आजादी दें, ताकि वह अपने अनुभवों से सीख सके।

    इमोशनल ब्लैकमेल करना

    "तुम ऐसा करोगे तो मैं बीमार पड़ जाऊंगी" या "तुम्हारी वजह से मेरी तबीयत खराब हो जाती है" जैसे वाक्य बच्चे पर गलत दबाव डालते हैं। इससे वह खुद में गुनहगार महसूस करने लगता है और मानसिक रूप से कमजोर हो सकता है।

    अनुशासन की कमी

    अगर आप बच्चे को समय पर सोने, पढ़ने या काम करने के लिए नहीं कहते, तो वह आलसी और अनुशासनहीन हो सकता है। उसे एक टाइम टेबल बनाने में मदद करें, ताकि वह जीवन में बैलेंस बना सके और समय का महत्व सीख सकें। 

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