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    इन 5 मौकों पर चुप रहना ही होता है सबसे बड़ा हथियार, वजह जानकर बोलने से पहले 10 बार सोचेंगे आप

    Updated: Sun, 03 Aug 2025 03:55 PM (IST)

    सोचिए एक गरमा-गरम बहस चल रही है और आपका खून खौल रहा है। जुबान पर कुछ ऐसे शब्द हैं जिन्हें बोलने के बाद आप सुकून महसूस करेंगे... लेकिन क्या आपने कभी सो ...और पढ़ें

    5 सिचुएशन्स, जब चुप रहना ही होता है समझदारी का काम (Image Source: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। सोचिए, आपने किसी से कुछ कहा और बात बिगड़ गई। फिर आप सोचते हैं, "काश, मैं चुप रहा होता।" ऐसा हम सबके साथ होता है। कई बार चुप रहना सिर्फ एक ऑप्शन नहीं, बल्कि हमारी बुद्धिमत्ता और समझदारी का सबसे बड़ा सबूत होता है। यह एक ऐसा हथियार है, जो बिना लड़े ही आपको जीत दिला सकता है। आज हम ऐसे 5 मौकों के बारे में बात करेंगे, जहां चुप रहना ही सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है।

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    जब सामने वाला गुस्से में हो

    जब कोई बहुत ज्यादा गुस्से में होता है, तो उसका दिमाग सही-गलत का फैसला नहीं कर पाता। ऐसे में, अगर आप भी जवाब देंगे, तो आग में घी डालने जैसा होगा। चुप रहकर आप उस व्यक्ति के गुस्से को शांत होने का मौका देते हैं। आपका मौन उसे सोचने पर मजबूर करता है। इससे न सिर्फ झगड़ा टलता है, बल्कि आपका रिश्ता भी खराब होने से बच जाता है।

    जब आप खुद बहुत ज्यादा भावुक हों

    जब हम बहुत ज्यादा खुश, दुखी या निराश होते हैं, तब हमारे शब्द अक्सर हमारे दिल से निकलते हैं, दिमाग से नहीं। ऐसे में, कई बार हम ऐसी बातें कह जाते हैं, जिनका हमें बाद में पछतावा होता है। इसलिए, जब भावनाएं हावी हों, तो थोड़ी देर के लिए चुप हो जाना चाहिए। अपनी भावनाओं को शांत होने दें, फिर सोच-समझकर बोलें।

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    जब आपको पूरी बात पता न हो

    बिना पूरी जानकारी के बोलना, किसी भी बात को बिगाड़ सकता है। कई बार हम सुनी-सुनाई बातों पर तुरंत प्रतिक्रिया दे देते हैं, और बाद में पता चलता है कि बात कुछ और थी। इसलिए, किसी भी मुद्दे पर अपनी राय देने से पहले, पूरी जानकारी इकट्ठा करना जरूरी है। जब तक आपको पूरी बात पता न हो, चुप रहना ही समझदारी है।

    जब आपकी बात का कोई फायदा न हो

    कई बार हम ऐसे लोगों से बहस कर रहे होते हैं, जो अपनी बात से टस से मस नहीं होते। उनका मानना होता है कि सिर्फ वही सही हैं। ऐसे में, कितनी भी कोशिश कर लें, आपकी बात का कोई फायदा नहीं होगा। इस तरह की बेकार की बहस में अपनी एनर्जी बर्बाद करने से बेहतर है कि आप चुप रहें।

    सोचने पर कर दें मजबूर

    कभी-कभी हमारी चुप्पी हजारों शब्दों से ज्यादा असरदार होती है। जब कोई व्यक्ति लगातार आपको गलत ठहराने की कोशिश करे या आपको नीचा दिखाए, तो उस समय चुप रहना सबसे अच्छा जवाब होता है। आपकी चुप्पी उसे यह एहसास कराती है कि उसकी बातों का आप पर कोई असर नहीं हो रहा है और वह खुद अपनी बातों पर सोचने के लिए मजबूर हो जाता है।

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