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    "मम्मी-पापा, प्लीज ये कहना बंद करो!", हर बच्चे को चोट पहुंचाती हैं पेरेंट्स की ये 5 बातें

    Updated: Sun, 05 Oct 2025 04:08 PM (IST)

    क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी कुछ बातें (Common Parenting Mistakes) आपके बच्चों के दिल पर कितनी गहरी चोट कर सकती हैं? जी हां अक्सर हम प्यार और चिंता में कुछ ऐसा कह जाते हैं जो बच्चों को अंदर तक दुखी कर देता है। ये बातें उन्हें लगता है कि वे काफी नहीं हैं या उनके माता-पिता उन्हें प्यार नहीं करते हैं।

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    माता-पिता की 5 बातें, जो बच्चों को बिल्कुल पसंद नहीं (Image Source: AI-Generated)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आपने कभी सोचा है कि आपके कुछ अनजाने शब्द आपके बच्चे के दिल में एक गहरा घाव छोड़ सकते हैं? हम अक्सर प्यार और चिंता में कुछ ऐसी बातें कह जाते हैं, जो बच्चों को यह सोचने पर मजबूर कर देती हैं कि शायद वे इतने अच्छे नहीं हैं या वे अपने माता-पिता के प्यार के लायक नहीं हैं।

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    कई बार बच्चों की खामोशी का मतलब नाराजगी नहीं, बल्कि उनके मन की वो टीस होती है जिसे वो जाहिर नहीं कर पाते। आज हम पेरेंट्स की उन 5 बातों (What Not To Say To Kids) के बारे में बात करेंगे, जो उन्हें लगता है कि सिर्फ छोटी-मोटी बातें हैं, लेकिन बच्चों के दिल पर हमेशा के लिए चोट छोड़ जाती हैं।

    "देखो उनका बेटा तुमसे कितना अच्छा है"

    जब आप अपने बच्चे की तुलना किसी दूसरे बच्चे से करते हैं, तो उन्हें लगता है कि वे हमेशा किसी और के जैसा बनने की कोशिश कर रहे हैं। इससे उनका आत्मविश्वास कम होता है और वे खुद को अधूरा महसूस करने लगते हैं। हर बच्चा अलग होता है, और हमें उसकी अपनी खूबियों की तारीफ करनी चाहिए।

    "तुम्हें तो बात करने की तमीज नहीं है"

    अक्सर बच्चे अपनी भावनाओं को सही तरीके से व्यक्त नहीं कर पाते। ऐसे में जब आप उनसे कहते हैं कि उन्हें बात करने की तमीज नहीं है, तो वे चुप हो जाते हैं। इससे उनके मन में यह डर बैठ जाता है कि अगर वे कुछ बोलेंगे तो उन्हें डांट पड़ेगी। बेहतर है कि आप उन्हें प्यार से समझाएं कि अपनी बात कैसे रखें।

    "इतनी छोटी बात पर क्यों रो रहे हो?"

    बच्चों के लिए उनकी छोटी-बड़ी हर भावना मायने रखती है। जब आप उनकी भावनाओं को "छोटा" कहकर खारिज करते हैं, तो उन्हें लगता है कि उनकी तकलीफ कोई नहीं समझता। इससे वे अपनी भावनाओं को छिपाना सीख जाते हैं, जो बाद में उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

    "हमारा तो सपना ही अधूरा रह गया"

    कई बार पेरेंट्स अपने अधूरे सपनों का बोझ बच्चों पर डाल देते हैं। जब आप ऐसा कहते हैं, तो बच्चों को लगता है कि वे आपके सपनों को पूरा करने की मशीन हैं, न कि आपके बच्चे। उन्हें लगता है कि अगर वे आपके सपनों को पूरा नहीं कर पाए, तो आप उनसे प्यार नहीं करेंगे।

    "हम तुम्हारे लिए इतना कुछ करते हैं, और तुम...?"

    यह बात बच्चे को बहुत बड़ा अपराधबोध देती है। उन्हें लगता है कि वे अपने माता-पिता के एहसानों का बदला नहीं चुका सकते। वे हर कदम पर यह सोचते हैं कि कहीं वे आपको निराश तो नहीं कर रहे। माता-पिता का प्यार बिना शर्त होता है और इसे कभी भी "बदले" के रूप में नहीं देखना चाहिए।

    इन बातों को कहने से बचें और अपने बच्चों के साथ एक सकारात्मक रिश्ता बनाएं। उन्हें बताएं कि वे जैसे हैं, वैसे ही काफी हैं। आपका प्यार और समर्थन ही उन्हें एक बेहतर इंसान बनने में मदद करेगा।

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