क्यों हर साल 2 दिसंबर को मनाया जाता है National Pollution Control Day, पढ़िए इससे जुड़ी कुछ जरूरी बातें
साल 1984 में हुई भोपाल गैस त्रासदी (Bhopal Gas Tragedy) में हजारों लोगों की जान चली गई थी। इस त्रासदी के बाद से हर साल 2 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस (National Pollution Control Day 2024) मनाकर हम प्रदूषण के खतरों के प्रति जागरूकता फैलाते हैं। आइए इस आर्टिकल में आज इससे जुड़ी कुछ खास बातों पर नजर डालते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हर साल 2 दिसंबर को भारत राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस (National Pollution Control Day 2024) मनाता है। बता दें, यह दिन साल 1984 में हुई भोपाल गैस त्रासदी (Bhopal Gas Tragedy) की याद में मनाया जाता है, जिसमें हजारों लोग जहरीली गैस के कारण अपनी जान गंवा बैठे थे। यह दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदियों में से एक थी। इस दिन को मनाने का खास मकसद प्रदूषण के खतरों के प्रति जागरूकता फैलाना और स्वच्छ एवं स्वस्थ पर्यावरण के लिए काम करना है। भोपाल गैस त्रासदी न सिर्फ हमें प्रदूषण के गंभीर परिणामों के बारे में जागरूक करने का काम करती है और बल्कि पर्यावरण संरक्षण के महत्व की भी याद दिलाती है। आइए जानें इससे जुड़ी कुछ खास बातें।

क्यों मनाते हैं राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस?
हर साल 2 दिसंबर को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस, भारत के इतिहास में एक काले अध्याय की याद दिलाता है। वर्ष 1984 में मध्य प्रदेश के भोपाल में यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से निकली जहरीली मिथाइल आइसोसाइनेट गैस ने हजारों लोगों की जान ले ली थी और लाखों लोगों को जीवन भर के लिए अपंग बना दिया था। यह दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदियों में से एक थी। इस भयानक घटना ने देश को प्रदूषण के खतरों के प्रति जागरूक किया और इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य भी यही है।
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राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस का महत्व
यह दिन हमें याद दिलाता है कि प्रदूषण कितना खतरनाक हो सकता है और हमें इसके खिलाफ लड़ने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। इस दिन को मनाने के पीछे कई खास मकसद हैं। आइए जानें।
- जागरूकता फैलाना: प्रदूषण के दुष्प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक करना और उन्हें स्वच्छ पर्यावरण के लिए प्रेरित करना।
- सरकारी नीतियां: प्रदूषण नियंत्रण के लिए सरकार द्वारा बनाई गई नीतियों और कानूनों के बारे में लोगों को बताना।
- औद्योगिक सुरक्षा: उद्योगों में सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता फैलाना।
- नागरिकों की भागीदारी: प्रदूषण कम करने के लिए आम नागरिकों को भी जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित करना।
प्रदूषण के प्रकार और इसके प्रभाव
प्रदूषण कई प्रकार का होता है, जैसे वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और भूमि प्रदूषण। इन सभी प्रकार के प्रदूषण का हमारी सेहत और पर्यावरण पर गहरा प्रभाव पड़ता है। प्रदूषण के कारण सांस से जुड़ी बीमारियां, कैंसर और कई अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। यह जैव विविधता को भी नष्ट करता है और जलवायु परिवर्तन की भी एक बड़ी वजह है।
प्रदूषण को कम करने के तरीके
प्रदूषण को कम करने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं। आइए जानें।
- पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल: निजी वाहनों के यूज कम करके वायु प्रदूषण को कम किया जा सकता है।
- पेड़ लगाएं: पेड़ वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड को अब्जॉर्ब करते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं।
- वेस्ट मैनेजमेंट: कचरे को अलग-अलग करके और रीसाइक्लिंग करके भूमि प्रदूषण को कम किया जा सकता है।
- बिजली बचाएं: ऊर्जा का कम से कम इस्तेमाल करके वायु प्रदूषण को कम किया जा सकता है।
- पानी बचाएं: पानी का दुरुपयोग न करके जल प्रदूषण को कम किया जा सकता है।
राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस हमें याद दिलाता है कि प्रदूषण एक गंभीर समस्या है जिसके लिए हमें सभी को मिलकर काम करना होगा। हम सभी अपनी जिंदगी में छोटे-छोटे बदलाव करके प्रदूषण को कम करने में योगदान दे सकते हैं। आइए हम सभी मिलकर एक स्वच्छ और हरा-भरा पर्यावरण बनाने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।

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