फ्रेंड्स' हो या 'सीआईडी', आखिर क्यों हम जाने-पहचाने शोज को बार-बार देखना पसंद करते हैं?
क्या आप भी एक शो को कई बार देख चुके हैं या कुछ समझ नहीं आता तो आप कोई पुराना टीवी शो फिर से देखना शुरू कर देते हैं? अगर हां, तो आप अकेले नहीं है। ऐसा ...और पढ़ें
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क्यों खास होते हैं वो शो जिन्हें हम बार-बार देखते हैं? (AI Generated Image)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हम सभी के पसंदीदा टीवी शोज या वेब सीरीज होते हैं, जिन्हें हम बार-बार देखते हैं। चाहे वह 'फ्रेंड्स' का कॉमेडी वाला एपिसोड हो, 'महाभारत' का ऐतिहासिक प्रसंग हो, या फिर 'सीआईडी' का थ्रिलर, कुछ कहानियां हमें बार-बार आकर्षित करती हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं पुराने शोज बार-बार देखना सिर्फ एक आदत नहीं, बल्कि साइकोलॉजी से जुड़ा एक दिलचस्प विषय है। जी हां, कुछ लोग बार-बार पुराने शोज कुछ साइकोलॉजिकल कारणों से देखते हैं। आइए जानते हैं कि पुराने शो बार-बार देखने का आनंद क्यों आता है।
भावनात्मक सुरक्षा और आराम
पुराने शो हमें एक ऐसी दुनिया में ले जाते हैं जो पूरी तरह से जानी-पहचानी और सुरक्षित महसूस होती है। नए कंटेंट में अचानक से कोई नया मोड़ आ सकता है, जबकि पुरानी कहानियों में हमें पहले से पता होता है कि आगे क्या होगा। यह आगे क्या होने वाला है की जानकारी तनाव कम करती है और मन को शांति देती है, खासकर अगर आप पहले से ही स्ट्रेस में हैं या आपको बदलाव पसंद नहीं हैं।

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यादों से जुड़ाव
कई बार ये शो हमारे अतीत से जुड़े होते हैं। हो सकता है कि हमने उन्हें परिवार या दोस्तों के साथ देखा हो, या वे किसी खास जीवन के दौर से जुड़े हों। बार-बार देखने पर वे यादें ताजा होती हैं और एक सुखद भावनात्मक अनुभव देती हैं।
नए मतलब और विवरण की खोज
पहली बार देखने पर हम कहानी के मुख्य घटनाक्रम पर ध्यान देते हैं, लेकिन बाद के व्यूज में हम छोटे-छोटे कॉन्वर्सेशन, कैरेक्टर के भाव या बैकग्राउंड पर गौर कर पाते हैं। यह नई परतें खोलने जैसा अनुभव देता है।
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कैरेक्टर से इमोशनल कनेक्शन
बार-बार देखने पर हम किरदारों से गहरा जुड़ाव महसूस करते हैं। वे हमारे दोस्त या परिवार जैसे लगने लगते हैं। कई बार कोई किरदार हमें अपनी ही याद दिलाता है। ऐसे में उनकी कहानी फिर से देखना किसी पुराने दोस्त से मिलने जैसा सुकून देता है।
खुशी मिलती है
इंसानी दिमाग जानी-पहचानी चीजों से खुशी हासिल करता है। 'मीरर न्यूरॉन्स' की वजह से हम पर्दे पर देखे गए भावों और अनुभवों से भावनात्मक रूप से जुड़ते हैं। यह दोबारा अनुभव करने पर भी खुशी का अनुभव होता है। ऐसा सिर्फ शोज के साथ नहीं होता है। किसी जानी पहचानी जगह पर वापस जाने पर भी हमें खुशी का अनुभव होता है।
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आधुनिक जीवन में डिजिटल डिटॉक्स
नए कंटेंट की भरमार के दौर में पुराने शो एक तरह का डिजिटल आराम देते हैं। इन्हें देखते समय हमें नई जानकारी प्रोसेस करने का दबाव नहीं होता, बस आनंद ले सकते हैं।
पुराने शो बार-बार देखना केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि एक भावनात्मक जरूरत है। यह हमें सुरक्षा, सुख और संबंध की भावना देता है। तो अगली बार जब आप कोई पुराना एपिसोड दोबारा देखें, तो बाद में ऐसा न सोचें कि आपने समय बर्बाद कर दिया, बल्कि यह समझें कि यह आपकी मानसिक सेहत के लिए अच्छा है।

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