एक साधारण चित्रकार जिसने रचा इतिहास, एक 'चूहे' के सहारे खड़ा किया मनोरंजन का सबसे बड़ा साम्राज्य
क्या आप जानते हैं बच्चों के पसंदीदा कार्टून मिकी माउस को बनाने वाले वॉल्ट डिज्नी (Walt Disney) का जीवन काफी संघर्षों से भरा था। उनका जन्म एक बेहद साधा ...और पढ़ें

आपके बचपन को रंगीन बनाने वाले कलाकार की कहानी (Picture Courtesy: Pinterest/Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। "सपने तभी सच होते हैं, जब हम उन्हें पाने का साहस रखते हैं।" यह विश्वास था वॉल्टर एलियास डिज्नी (Walt Disney) का, जिन्होंने अपनी लगन और कल्पना से दुनिया भर के करोड़ों लोगों के बचपन में रंग भर दिया। वे सिर्फ मिकी माउस के जनक ही नहीं, बल्कि आधुनिक एनिमेशन उद्योग के पिता और एक ऐसे सपनों के साम्राज्य के निर्माता थे, जो आज भी अरबों दिलों पर राज करता है।
साधारण परिवार में जन्में वॉल्ट डिज्नी आज एक ऐसा नाम है, जिसके बिना सिनेमा जगत अधूरा माना जाता है। आइए जानते हैं करोड़ों बच्चों के सपनों को सच करने वाले इस जादूगर की कहानी (Walt Disney Biography)।
बचपन से ही मेहनत और कला का संगम
वॉल्ट डिज्नी का जन्म एक साधारण परिवार में 5 दिसंबर 1901 में हुआ था। पिता इलियास डिज्नी के सख्त अनुशासन और आर्थिक तंगी ने उन्हें बचपन से ही मेहनत की आदत डाल दी। कागज और पेंसिल उनके सबसे अच्छे दोस्त थे। हालांकि, परिवार इसे समय की बर्बादी मानता था, वॉल्ट ने अपने चित्रकारी और कहानी कहने के शौक को कभी नहीं छोड़ा। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान रेड क्रॉस में ड्राइवर बनने और बाद में कॉमर्शियल आर्टिस्ट के तौर पर शुरुआत करने के बाद, उन्होंने 1920 में 'लॉफ-ओ-ग्राम' नाम से अपना पहला एनिमेशन स्टूडियो खोला।
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(Picture Courtesy: Pinterest)
असफलताओं से उठकर और मिकी माउस का जन्म
शुरुआती स्टूडियो दिवालिया हो गया, लेकिन वॉल्ट ने हार नहीं मानी। लॉस एंजिल्स जाकर उन्होंने अपने भाई रॉय के साथ डिज्नी ब्रदर्स स्टूडियो की नींव रखी। 1928 में पहली सिंक्रोनाइज्ड साउंड वाली एनिमेटेड फिल्म 'स्टीमबोट विली' के साथ 'मिकी माउस' ने दुनिया पर तूफान कैसे खड़ा कर दिया, यह इतिहास है। दिलचस्प बात यह है कि शुरुआत में वॉल्ट खुद ही मिकी माउस की आवाज देते थे। यह चरित्र उनकी जिद, रचनात्मकता और जीवन के प्रति आशावादी दृष्टिकोण का प्रतीक बन गया।

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एक जोखिम जिसने इतिहास रच दिया
जब 1934 में उन्होंने दुनिया की पहली पूर्ण लंबाई वाली एनिमेटेड फीचर फिल्म 'स्नो व्हाइट एंड द सेवन ड्वार्फ्स' बनाने का फैसला किया, तो पूरा उद्योग उन्हें मूर्ख कहने लगा। लोगों को लगा कि यह प्रोजेक्ट कंपनी को तबाह कर देगा। लेकिन 1937 में रिलीज होने पर यह फिल्म जबरदस्त सफल रही और उस समय की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी। इसके लिए वॉल्ट डिज्नी को एक विशेष ऑस्कर (एक मुख्य और सात छोटे) मिले। यह एनिमेशन के 'स्वर्ण युग' की शुरुआत थी।

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डिज्नीलैंड: एक और सपना जो सच हुआ
वॉल्ट डिज्नी की कल्पना सिर्फ पर्दे तक सीमित नहीं थी। 1955 में उन्होंने एक ऐसी दुनिया बनाने का सपना साकार किया, जहां बच्चे और बड़े सब वास्तविकता से दूर एक जादुई दुनिया में खो सकें। कैलिफोर्निया में खुला 'डिज्नीलैंड' दुनिया का पहला आधुनिक थीम पार्क बना, जो आज उनकी विरासत का एक जीवित प्रतीक है।

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विरासत जो आज भी जिंदा है
15 दिसंबर 1966 को फेफड़ों के कैंसर के कारण उनके निधन के समय तक, वॉल्ट डिज्नी 'वॉल्ट डिज्नी वर्ल्ड' की योजनाएं बना रहे थे, जिसे बाद में उनके भाई रॉय ने पूरा किया। आज 'द वॉल्ट डिज्नी कंपनी' दुनिया के सबसे बड़े मीडिया और मनोरंजन साम्राज्यों में से एक है। मिकी माउस से लेकर पिक्सर, मार्वल और स्टार वॉर्स तक, यह सब एक उस व्यक्ति के सपने और साहस की देन है, जिसने कभी हार नहीं मानी और दुनिया को यह विश्वास दिलाया कि "अगर आप इसे सपने में देख सकते हैं, तो आप इसे कर सकते हैं।" वॉल्ट डिज्नी की कहानी केवल एक उद्यमी की सफलता की कहानी नहीं, बल्कि असंभव को संभव कर दिखाने की एक अमिट प्रेरणा है।

(Picture Courtesy: Pinterest)
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