क्या आपकी कंपनी से भी जा रहे हैं लोग? ये 5 कारण करते हैं कर्मचारियों को नौकरी छोड़ने पर मजबूर
एक अच्छा एम्प्लॉई जब कंपनी छोड़ता है, तो यह सिर्फ एक व्यक्ति का जाना नहीं होता; बल्कि उसके साथ-साथ टीम की ऊर्जा, विश्वास और उत्पादकता भी डगमगा जाती है। हम अक्सर यह मान लेते हैं कि लोग बेहतर सैलरी या ऊंचे पद के लिए नौकरी बदलते हैं, लेकिन सच्चाई तो यह है कि ज्यादातर कर्मचारी अपनी नौकरी को नहीं, बल्कि अपने बॉस को छोड़ते हैं।

कर्मचारी क्यों छोड़ते हैं नौकरी? ये गलतियां सुधारें तो रुक सकता है टैलेंट (Image Source: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। किसी कंपनी की असली ताकत उसके एम्प्लॉई होते हैं, लेकिन जब कोई कर्मचारी नौकरी छोड़ देता है, तो उसका असर केवल कामकाज पर ही नहीं, बल्कि टीम के मनोबल और माहौल पर भी पड़ता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जो कर्मचारी नौकरी छोड़ते हैं, उनमें से बड़ी संख्या पहले ही साल में इस्तीफा दे देती है। यानी अगर मैनेजमेंट ध्यान दें, तो उन्हें रोकना संभव है। आइए, इस आर्टिकल में जानते हैं लीडर्स या मैनेजमेंट से होने वाली कुछ ऐसी गलतियां, जिनके कारण कर्मचारी कंपनी छोड़ने का मूड बना लेते हैं।
हकीकत से परे उम्मीदें
कई बार लीडर कर्मचारियों से बहुत ज्यादा उम्मीदें रखने लगते हैं, जो हकीकत से परे होती हैं। जब लक्ष्य अस्पष्ट या अनुचित होते हैं, तो एम्प्लॉई लगातार प्रेशर में रहते हैं और उन्हें लगता है कि चाहे वे कितना भी अच्छा काम करें, तारीफ नहीं मिलेगी। सॉल्यूशन सिंपल है-टारगेट क्लीयर रखें। कर्मचारियों को बताएं कि उनसे क्या उम्मीदें है और वह मैनेजमेंट के बड़े टारगेट से कैसे जुड़ता है, क्योंकि जब लक्ष्य साफ होते हैं, तो काम में दिशा भी मिलती है और मनोबल भी बढ़ता है।
पॉलिसी में उलझे हों कर्मचारी
कई कंपनियों में पॉलिसी इतनी जटिल होती हैं कि कर्मचारी अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल ही नहीं कर पाते। बार-बार की मंजूरी, संसाधनों की कमी या अत्यधिक औपचारिकताएं उन्हें निराश कर देती हैं। एक अच्छे नेता की पहचान यह होती है कि वह टीम के रास्ते से गैरजरूरी रुकावटें हटाए, ताकि लोग स्वतंत्र होकर काम कर सकें। जब कर्मचारियों को भरोसा और स्वायत्तता मिलती है, तो वे अपने काम से जुड़ाव महसूस करते हैं।
रुचि के हिसाब से न हो काम
हर व्यक्ति की अपनी अलग ताकतें और कमजोरियां होती हैं, लेकिन कई बार कर्मचारियों को ऐसा रोल दे दिया जाता है जो उनकी स्किल या इंटरेस्ट से मेल नहीं खाता। इससे न सिर्फ उनकी प्रोडक्टिविटी घटती है, बल्कि वे असंतुष्ट भी महसूस करते हैं। कर्मचारियों की क्षमताओं को समझकर उन्हें सही भूमिका में रखना जरूरी है। इससे वे अपने काम में बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं और लंबे समय तक कंपनी से जुड़े रहते हैं।
गलतियों के लिए नहीं जगह
एक ऐसा वर्क कल्चर जहां छोटी-छोटी गलतियों की सजा मिलती है, वहां क्रिएटिविटी खत्म हो जाती है। अगर कोई लीडर अपनी गलती स्वीकार नहीं करता और दूसरों पर दोष डाल देता है, तो कर्मचारी खुलकर बोलना बंद कर देते हैं। बेहतर है कि मैनेजमेंट ऐसा माहौल बनाएं जहां हर कोई अपने विचार रख सके। मीटिंग्स में सवाल पूछने को मोटिवेट करें, नए सुझावों की तारीफ करें और अपनी गलतियों को स्वीकार करने में हिचकिचाएं नहीं। इससे टीम में भरोसा और पारदर्शिता दोनों बढ़ते हैं।
'कंफर्ट जोन' भी ठीक नहीं
सिर्फ वर्कप्रेशर ही नहीं, बल्कि जरूरत से ज्यादा आराम भी कर्मचारियों को पीछे खींच सकता है। अगर वातावरण बहुत ज्यादा सुरक्षित या निष्क्रिय हो जाए, तो विकास रुक जाता है। एक लीडर के रूप में सीनियर्स को ऐसा माहौल बनाना चाहिए जहां उचित चुनौतियां हों, ताकि कर्मचारी सीखते रहें और आगे बढ़ें। नियमित और संतुलित फीडबैक उनके आत्मविश्वास को बढ़ाता है और प्रदर्शन को निखारता है।
कर्मचारियों को रोकने के लिए बोनस या प्रमोशन ही काफी नहीं होते। असली फर्क पड़ता है उस माहौल से जो मैनेजमेंट उन्हें देता है। इसलिए, बेहतर यही है कि कंपनी अपनी नीतियों से ज्यादा अपने इंसानों पर ध्यान दे, क्योंकि संतुष्ट कर्मचारी ही किसी भी कंपनी की सबसे बड़ी सफलता की कुंजी होते हैं।
यह भी पढ़ें- वर्कप्लेस पर सिर्फ कलीग्स ही नहीं, दोस्त भी है जरूरी; इन 7 वजहों से ऑफिस में बनाएं Bestie
यह भी पढ़ें- ऑफिस में बैठे-बैठे बिगड़ती हेल्थ का साइलेंट इलाज है Microwalking, जान लें इसके बेमिसाल फायदे
Source: Harvard Business Report
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।