HEPA फिल्टर को पानी से धोकर न करें बर्बाद, पढ़ें बदलने का सही समय और सफाई का तरीका
वायु प्रदूषण से बचने के लिए लोग अपने घरों में एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में कई लोग एयर प्यूरिफायर के फिल्टर को धोकर साफ करते हैं और फिर से इस्तेमाल कर लेते हैं। लेकिन HEPA फिल्टर का फिर से इस्तेमाल नुकसानदेह हो सकता है। आइए जानें कब करना चाहिए फिल्टर चेंज और इसे साफ करने का सही तरीका।

क्या है एयर प्यूरिफायर को साफ करने का सही तरीका? (Picture Courtesy: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आप भी अपना HEPA फिल्टर धोकर बार-बार इस्तेमाल कर रहे हैं? अगर हां, तो यह आदत आपके एयर प्यूरीफायर के लिए तो नुकसानदेह है ही, बल्कि आपकी सेहत के लिए भी गंभीर जोखिम पैदा कर सकती है। दरअसल, बढ़ते प्रदूषण में बार-बार फिल्टर बदलवाने से बचने के लिए कई लोग अपने HEPA फिल्टर को धोकर दोबारा इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन क्या वास्तव में ऐसा करना सही है? आइए जानें इस बारे में।
HEPA फिल्टर का काम क्या है?
HEPA (High-Efficiency Particulate Air) फिल्टर की रचना एक खास तरह के घने फाइबर से की गई है। इसका एकमात्र उद्देश्य हवा में मौजूद बेहद छोटे कणों, जैसे धूल, पोलन, जानवरों की रूसी, धुआं और यहां तक कि कुछ बैक्टीरिया और वायरस को भी फंसाना है। यह फिल्टर 0.3 माइक्रोन आकार के कणों को 99.97% तक को रोक सकता है। यह काम वह अपने नाजुक फाइबर नेटवर्क के जरिए करता है।
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फिल्टर को धोना क्यों है नुकसानदेह?
जब आप HEPA फिल्टर को पानी से धोते हैं, तो इसकी संरचना को गहरा नुकसान पहुंचता है, जिसके कारण-
- फाइबर संरचना का टूटना- HEPA फिल्टर के फाइबर बेहद नाजुक होते हैं। पानी की तेज धार, साबुन या डिटर्जेंट का इस्तेमाल, और रगड़-रगड़ कर साफ करना इन फाइबर को तोड़ देता है या उनके बीच की दूरी को बढ़ा देता है। एक बार संरचना टूटने के बाद, फिल्टर की छोटे कणों को फंसाने की क्षमता कम हो जाती है। वह अब एक साधारण फिल्टर की तरह काम करने लगता है और हानिकारक पार्टिकल्स उसमें से गुजर जाते हैं।
- प्रदूषण फिल्टर करने की क्षमता घटती है- एक डैमेज HEPA फिल्टर हवा को तो साफ करता हुआ दिख सकता है, लेकिन असल में वह सबसे खतरनाक छोटे प्रदूषकों को आपके सांस लेने की हवा में वापस छोड़ रहा होता है। इससे एयर प्यूरीफायर रखने का मकसद ही फेल हो जाता है।
- मोल्ड का खतरा- HEPA फिल्टर के मटीरियल को पूरी तरह सूखने में काफी समय लगता है। अगर नम फिल्टर को वापस मशीन में लगा दिया जाए, तो अंदर की गर्मी और नमी फफूंदी और बैक्टीरिया पनपने के लिए परफेक्ट कंडीशन बन जाती है। इसके कारण आपका एयर प्यूरीफायर प्रदूषकों को रोकने की बजाय उन्हें पूरे कमरे में फैलाने लगता है, जो अस्थमा और एलर्जी के मरीजों के लिए बेहद हानिकारक है।
- मशीन पर एक्स्ट्रा दबाव- एक गीला या अधूरा सूखा फिल्टर हवा के फ्लो में रुकावट पैदा करता है। इससे एयर प्यूरीफायर के ब्लोअर मोटर पर ज्यादा दबाव पड़ता है, जिससे बिजली की खपत बढ़ सकती है और मोटर के जल्दी खराब होने का खतरा रहता है।
एयर प्यूरीफायर को सही तरीके से साफ कैसे करें?
- प्री-फिल्टर की सफाई- ज्यादातर एयर प्यूरीफायर में एक बाहरी प्री-फिल्टर लगा होता है, जो बड़े कणों जैसे बाल और धूल को रोकता है। इस प्री-फिल्टर को आमतौर पर हल्के पानी से धोकर दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे अच्छी तरह सुखाकर ही वापस लगाएं।
- HEPA फिल्टर की सफाई- अगर निर्माता ने 'वॉशएबल' या 'क्लीनएबल' नहीं लिखा है, तो HEPA फिल्टर को कभी पानी से न धोएं। इसकी हल्की सफाई के लिए, आप एक सॉफ्ट ब्रश अटैचमेंट वाली वैक्यूम क्लीनर का इस्तेमाल कर सकते हैं। फिल्टर को धीरे-धीरे वैक्यूम करके उसकी सतह पर जमी धूल हटाई जा सकती है। हफ्ते में एक बार ऐसा करना काफी है।
- कार्बन फिल्टर- कार्बन फिल्टर को भी धोया नहीं जा सकता। इसकी भी वैक्यूमिंग की जा सकती है, लेकिन एक समय बाद इसे भी बदलना जरूरी होता है क्योंकि इसकी गंध सोखने की क्षमता समाप्त हो जाती है।
- नियमित रिप्लेसमेंट सबसे जरूरी- HEPA फिल्टर एक कंज्यूमेबल प्रोडक्ट है। पैकेजिंग पर बताए गए समय (लगभग 12-18 महीने) के बाद इसे जरूर बदल लेना चाहिए। भले ही वह बाहर से साफ दिखे, लेकिन अंदर तक भर चुका होता है और काम करने के लायक नहीं रह जाता।

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