मेहनत की कमाई पर ताक लगाकर बैठे हैं साइबर ठग, ऑनलाइन चोरों से बचने के लिए अपनाएं 8 टिप्स
इन दिनों साइबर क्राइम तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। साइबर ठग अलग-अलग तरीकों से आपकी मेहनत की कमाई चुराने की कोशिश में लगे रहते हैं। ऐसे में जरूरी है कि उनके मंसूबों पर पानी फेरा जाए और इस तरह की ठगी से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरती जाए। आइए जानते हैं बताते हैं साइबर फ्रॉड से बचने (online safety tips for money) के कुछ कारगर टिप्स।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आजकल ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले काफी तेजी से सामने आ रहे हैं। आए दिन लोग किसी न किसी तरह की साइबर ठगी (online safety tips for money) का शिकार हो रहे हैं। ये साइबर ठग सिर्फ बुजुर्गों को ही नहीं युवाओं और महिलाओं को भी अपना शिकार बना रहे हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में सीनियर एडवोकेट पंकज आनंद झा से जानेंगे इससे बचने के तरीके।
जितना जानेंगे उतने सुरक्षित रहेंगे
पंकज झा बताते हैं कि साइबर अपराधों से बचने का सबसे पहला चरण है जागरूकता। आप इसके बारे में जितनी जानकारी रखेंगे आप उतने सुरक्षित रहेंगे।
पर्सनल डिटेल किसी से शेयर न करें
कभी भी अपना नेट बैंकिंग पासवर्ड, वन टाइम पासवर्ड (OTP), एटीएम या फोन बैंकिंग पिन, सीवीवी नंबर, एक्सपायरी डेट जैसी जानकारी किसी से भी शेयर न करें। भले ही वे आपसे दावा कर रहे हों कि वो आपके बैंक से बात कर रहे हैं, क्योंकि कोई भी बैंक इस तरह की जानकारी नहीं मांगती।
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एक स्ट्रॉन्ग पासवर्ड बनाएं
हमेशा एक स्ट्रॉन्ग पासवर्ड बनाएं। कोई आपके अकाउंट के पासवर्ड का अंदाजा न लगा पाए, इसलिए हर अकांउट के लिए अलग-अलग पासवर्ड रखें। ऑनलाइन बैंकिंग पासवर्ड थोड़े-थोड़े टाइम पर बदलते रहें।
पब्लिक कंप्यूटर्स पर ट्रांजैक्शन न करें
पब्लिक प्लेस पर कंप्यूटर या वाई-फाई का इस्तेमाल करते समय कोई भी फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन न करें। इन कंप्यूटर्स पर की लॉगर्स इंस्टॉल हो सकते हैं, जो कीबोर्ड से इनपुट लेने के लिए बनाए जाते हैं। इससे फ्रॉड करने वालों को आपका यूजरनेम और पासवर्ड चुराने का मौका मिल सकता है।
लॉग ऑफ करना न भूलें
- किसी भी ऑनलाइन बैंकिंग पोर्टल\वेबसाइट पर क्रेडिट\डेबिट कार्ड से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने के बाद हमेशा लॉग ऑफ करना याद रखें। ऑनलाइन एक्टिविटी पूरी करने के बाद अपने वेब ब्राउजर से ब्राउज किए गए डेटा को डिलीट करना न भूलें।
- बैंक की वेबसाइट का एड्रेस ध्यान से देखें
- अपने बैंक की वेबसाइट पर विजिट करने या फिर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के दौरान हमेशा एड्रेस बार को ध्यान से देखें।
अपने बैंक अकाउंट को नियमित रूप से देखें
- अपने बैंक अकाउंट में नियमित रूप से लॉगिन करें, ताकि आपके अकाउंट से होने वाली किसी भी प्रकार की संदेहजनक या अनाधिकृत एक्टविटी को आप तुरंत पकड़ सकें।
- अपने बैंक का कस्टमर केयर नंबर हमेशा अपने पास रखें, ताकि आप तत्काल संदेहजनक एक्टिविटी या ट्रांजेक्शन रिपोर्ट कर सकें।
ऐसे ईमेल असली लग सकते हैं
साइबर अपराधियों के लिए इस तरह के ईमेल भेजना बहुत आसान है, जो दिखने में आपके बैंक से आए ईमेल की तरह लग सकते हैं। ऐसी लिंक्स पर क्लिक न करें, भले ही वे असली क्यों ना लग रहे हों। आप किसी फ्रॉड वेबसाइट पर जा सकते हैं।
अपने स्मार्टफोन के ऐप स्टोर से ही इंस्टॉल करें
- हमेशा अपने स्मार्टफोन के ऐप स्टोर से ही ई-वॉलेट एप्स को वेरिफाई और इंस्टॉल करें। ई-वॉलेट एप्स को इंस्टॉल करने के लिए ईमेल, एसएमएस या सोशल मीडिया पर दिए गए लिंक्स को फॉलो न करें।
- ई-वॉलेट में अपने कार्ड या बैंक अकाउंट की डिटेल सेव न करें। इससे सिक्योरिटी में सेंध लगने पर फ्रॉड होने का खतरा रहता है।
- हमेशा ऑनलाइन फॉर्म में जानकारी टाइप करें और ऑटो फिल के विकल्प को न चुनें
क्या करें जब फ्रॉड हो जाए
अगर आपके साथ फ्रॉड हो गया है, तो सबसे पहले अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन जाएं। आप आईटी अधिनियम के तहत अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत कर सकते हैं। आप इससे संबंधित कोई सबूत जैसे पिछले महीने के बैंक स्टेटमेंट की प्रतियां, उस धोखाधड़ी में लेन-देन के स्क्रीन शॉट आदि अपने साथ रखें। ऑनलाइन फ्रॉड होने के मामले में आप ऑनलाइन नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (https://cybercrime.gov.in/ ) पर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। आप अपने साथ हुई धोखाधड़ी की जानकारी अपने बैंक को भी दें, ताकि आगे होने वाली गतिविधि को रोका जा सके।
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