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    Meditative Mediation: एक-दूसरे से कैसे अलग है मेडिएशन और मेडिटेशन? जानें दोनों में अंतर

    By Harshita SaxenaEdited By: Harshita Saxena
    Updated: Wed, 06 Dec 2023 06:57 PM (IST)

    Meditative Mediation अक्सर लोग मेडिटेशन और मेडिएशन को एक ही समझ लेते हैं। हालांकि यह दोनों शब्द एक-दूसरे काफी अलग है। दोनों का मतलब और उद्देश्य भी काफी अलग है लेकिन साउंड और स्पेलिंग काफी हद तक एक जैसी होने की वजह से लोग इन्हें लेकर कंफ्यूज हो जाते हैं। अगर आप भी अक्सर इसे लेकर कंफ्यूज हो रहे हैं तो आइए जानते हैं दोनों की अंतर-

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    क्या आप जानते हैं मेडिएशन और मेडिटेशन में अंतर

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Meditative Mediation: लोग अक्सर मेडिटेशन और मेडिएशन के बीच कंफ्यूज हो जाते हैं। पहली नजर में देखने पर यह दोनों शब्द होमोफोंस नजर आते हैं, क्योंकि इनका साउंड और स्पेलिंग काफी हद तक एक जैसी होती है। हालांकि जब करीब से इसे देखा जाए तो दोनों ही शब्दों के अपने अलग मतलब और कॉन्सेप्ट होते हैं। मेडिटेशन और मेडिएशन दोनों ही एक-दूसरे के डेरिवेटिव भी नहीं है। हालांकि, अलग-अलग मतलब और उद्देश्य होने के बावजूद यह एक-साथ मेल खा सकते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम इन दोनों शब्दों के मूल उद्देश्य और अंतर के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करेंगे।

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    क्या है मेडिएशन?

    मेडिएशन यानी मध्यस्थता एक कम्युनिकेटिव प्रक्रिया है ,जहां एक थर्ड पर्सन दो लोगों के बीच के विवादों को संचार और बातचीत की एक विशेष तकनीक की मदद से सुलझाने में मदद करता है।

    मेडिटेशन क्या है?

    वहीं, मेडिटेशन जिसे ध्यान भी कहा जाता है, एक तरह की प्रेक्टिस है, जिसमें व्यक्ति किसी विशेष वस्तु, विचार या गतिविधि पर ध्यान केंद्रित कर अपने अंदर जागरूकता बढ़ाने की कोशिश करता है। आमतौर पर व्यक्ति इस अभ्यास को मानसिक रूप से स्थिर और भावनात्मक तौर पर शांत होने के लिए इस्तेमाल करता है।

    मेडिएशन और मेडिटेशन में अंतर

    मेडिएशन दो लोगों के बीच यानी इंटरपर्सनल कॉन्फ्लिक्ट को डील करने का एक तरीका होता है, जबकि मेडिटेशन अपने अंदर मौजूद संघर्ष यानी इंट्रापर्सनल कॉन्फ्लिक्ट से निपटने का एक तरीका है।

    हालांकि, मेडिएशन के लिए मेडिटेशन बेहद जरूरी है। किसी भी दो लोगों के विवादों को सुलझाने के लिए एक व्यक्ति का मानसिक और भावनात्मक तौर पर स्थिर होना बेहद जरूरी है, जो मेडिटेशन की मदद से संभव हो सकता है और इस तरह जब हम मेडिएशन और मेडिटेशन को मिलाते हैं, तो यहां मिलकर मेडिटेटिव मेडिएशन बन जाता है।

    क्या है मेडिटेटिव मेडिटेशन

    एक ऐसी प्रक्रिया जिसमें थर्ड पार्टी निष्पक्ष, फोकस और मानसिक एवं भावनात्मक तौर पर स्थिर होकर दो लोगों के बीच के विवादों को संचार और नेगोशिएशन के जरिए सुलझाता है, तो इसे मेडिटेटिव मेडिएशन के तौर पर परिभाषित किया जाता है।

    मेडिएशन के लिए क्यों जरूरी है मेडिटेशन

    एक सफल या असफल मेडिएशन प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार व्यक्ति मेडिएटर कहलाता है। दो लोगों के बीच के विवादों को सुलझाने के लिए एक मेडिएटर को आत्मविश्वास से भरपूर, फोकस और मानसिक एवं भावनात्मक तौर पर स्थिर होना पड़ता है, जो सिर्फ रोजाना मेडिटेशन करने से ही संभव है। यह मेडिएटर को न सिर्फ दो लोगों के विवादों को सुलझाने में मदद करता है, बल्कि इससे खुद के दिमाग पर पड़ने वाले असर को भी हैंडल करने में मदद करता है।

    मेडिएटर द्वारा मेडिटेशन करने के कुछ फायदे-

    • समाधान निकालने की आपकी एबिलिटी को बढ़ाता है।
    • फोकस्ड और खुले तौर पर बात रखने की क्षमता को बढ़ाता है।
    • दो लोगों की विवाद को सुलझाते समय आपको मानसिक और भावनात्मक तौर पर स्थिर रखता है।
    • विवादों को सुलझाने के दौरान निष्पक्ष रहने में मदद करता है।
    • स्ट्रेस और फ्रस्ट्रेशन के लेवल को काम करता है।
    • संवेदनशील मुद्दों पर लोगों की भावनाओं को समझने में मदद करता है।
    • एक्शन, रिएक्शन और आउटकम्स को समझने में मदद करता है।

    लेखक के बारे में

    जीवेश मेहता 16 वर्षों से अधिक समय से वकालत कर रहे हैं। मेहता ने दिल्ली उच्च न्यायालय मेडिएशन एवं सुलह केंद्र 'समाधान' द्वारा मेडिएशन में प्रशिक्षित लिया है। वह साल 2007 से आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के साथ मेडिटेशन का अभ्यास कर रहे हैं। साथ ही वह कई मेडिटेशन वर्कशॉप्स में भी हिस्सा ले चुके हैं।

    लेखक का कहना है, “मैं रोजाना 15 मिनट मेडिटेशन करता हूं और इस दौरान मुझे कई अद्भुत विचार, समाधान मिलते हैं। साथ ही कई वैकल्पिक दृष्टिकोण भी मिलते हैं। ध्यान से हमारे मस्तिष्क आराम मिलता है और इससे सोचने की क्षमता बढ़ती है।”

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    लेखक: जीवेश मेहता

    Picture Courtesy: Freepik