पर्सनैलिटी का आईना है टैटू या सिर्फ एक गलतफहमी? जानें इस बारे में साइंस क्या कहती है
आप भी लोगों के टैटू देखकर किसी व्यक्ति के बारे में कोई न कोई धारणा तो बनाई ही होगी (Tattoo and Personality Test)। लेकिन टैटू को देखकर बनाई गई धारणा सही हो ऐसा जरूरी नहीं। इसी बारे में एक स्टडी की गई है। आइए जानें इस स्टडी में क्या-क्या पता चला है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आज के दौर में टैटू (Tattoo) सिर्फ एक बॉडी आर्ट नहीं, बल्कि खुद को एक्सप्रेस करने का एक जरिया बन चुका है। पहले यह केवल युवाओं तक सीमित था, लेकिन अब टीनेजर्स से लेकर बुजुर्गों तक सभी इसे एक 'स्टाइल स्टेटमेंट' के रूप में अपना रहे हैं।
टैटू बनवाने वाले लोगों का मानना है कि यह उनकी पर्सनैलिटी को दर्शाता है, लेकिन एक नई स्टडी के अनुसार, लोग अक्सर टैटू देखकर व्यक्ति के बारे में गलत धारणा बना लेते हैं (Meaning of Tattoo)। जी हां, यानी हो सकता है कि आपके टैटू को देखकर लोग आपकी पर्सनैलिटी को गलत जज कर रहे हों। आइए जानें इस स्टडी में क्या पता चला।
टैटू और पर्सनैलिटी का क्या है कनेक्शन?
'जर्नल ऑफ रिसर्च इन पर्सनैलिटी' में पब्लिश हुई एक स्टडी के अनुसार, टैटू वाले लोगों के बारे में लोगों की धारणाएं अक्सर गलत होती हैं। इस रिसर्च में 274 वयस्कों को शामिल किया गया, जिनके शरीर पर कुल 375 टैटू थे। इन प्रतिभागियों ने अपने व्यक्तित्व और स्वभाव से जुड़े सवालों के जवाब दिए। बाद में इनके टैटू के फोटो कुछ छात्रों को दिखाए गए और उनसे इन लोगों के व्यक्तित्व का आकलन करने को कहा गया।
दिलचस्प बात यह थी कि छात्रों ने इनकी पर्सनैलिटी के बारे में जो अनुमान लगाया और उन लोगों के असल व्यक्तित्व में बहुत बड़ा अंतर था। यानी, लोग टैटू देखकर व्यक्ति के बारे में जो धारणा बना रहे थे, वह अक्सर गलत साबित हो रही थी।
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जीब या अनोखे टैटू वाले लोगों का सही आकलन
हालांकि, इस रिसर्च में एक एक्सेप्शन भी सामने आया। जिन लोगों के टैटू अजीब, अनोखे या क्रिएटिव थे, उन्हें छात्रों ने 'खुले विचारों वाला' और 'नए अनुभवों को अपनाने वाला' माना। यह आकलन सच्चाई से मेल खाता था, क्योंकि ऐसे लोगों के व्यक्तित्व परीक्षण में भी यही गुण देखे गए। इससे पता चलता है कि कुछ मामलों में टैटू सचमुच व्यक्ति के स्वभाव के बारे में बता सकते हैं।
गलत धारणाएं क्यों बनती हैं?
रिसर्चर्स ने पाया कि टैटू देखकर लोग अक्सर गलत धारणा बना लेते हैं। उदाहरण के लिए-
- मौत या डार्क थीम वाले टैटू वाले लोगों को अक्सर 'उलझा हुआ', 'आक्रामक' या 'समाज विरोधी' समझ लिया जाता है, जबकि असल में ऐसा नहीं होता।
- बड़े और दिखावटी टैटू वाले लोगों को 'सेल्फ-सेंटर्ड' या 'अहंकारी' मान लिया जाता है, हालांकि हो सकता है कि वे असल में बहुत विनम्र हों।
- धार्मिक या सांस्कृतिक टैटू वाले लोगों को 'कंजरवेटिव' या 'अंधविश्वासी' समझा जाता है, जबकि हो सकता है कि वे बहुत प्रोग्रेसिव विचारों वाले हों।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
इस रिसर्च के अनुसार, "लोग टैटू देखकर एक जैसी धारणा बना लेते हैं, लेकिन हकीकत अलग होती है। टैटू व्यक्तित्व का पूरा आईना नहीं होते, बल्कि ये सिर्फ एक आर्ट या इमोशनल एक्सप्रेशन हो सकते हैं।"
इसलिए, अगली बार जब आप किसी टैटू वाले व्यक्ति से मिलें, तो उसके बारे में सिर्फ उसके शरीर के गुदे हुए डिजाइन्स से नहीं, बल्कि उसके व्यवहार और विचारों से जानने की कोशिश करें।
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Source:
Journal of Research in Personality:
https://www.sciencedirect.com/science/article/abs/pii/S0092656625000613

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