जिसे सिर्फ 'बुढ़ापा' समझ रहे हैं, कहीं वो आपके डॉग की दिमागी बीमारी तो नहीं? पढ़ें Dog Dementia के लक्षण
उम्र बढ़ने के साथ जैसे इंसानों का दिमाग कमजोर होता है, वैसे ही डॉग्स का भी होता है। इसलिए बढ़ती उम्र के साथ डॉग्स भी डिमेंशिया का शिकार हो सकते हैं, ज ...और पढ़ें

कहीं आपके डॉग को भी तो नहीं हो गया है डिमेंशिया? (Picture Courtesy: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। किसी भी पेट ओनर के लिए अपने डॉग को बूढ़ा होते हुए देखना काफी मुश्किल होता है। उम्र बढ़ने के साथ उनकी चंचलता कम होने लगती है, उनके सेंसेज कमजोर होने लगते हैं, फर ग्रे होने लगते हैं। हालांकि, इन बदलावों के लिए पेट ओनर पहले से ही तैयार होते हैं, लेकिन एक बदलाव ऐसा भी है, जिसकी ज्यादातर लोग कल्पना भी नहीं करते।
उम्र बढ़ने के साथ डॉग्स में कैनाइन कॉग्निटिव डिसफंक्शन (CCD) भी हो सकता है। इसे साधारण भाषा में डॉग्स का डिमेंशिया (Dog Dementia) कह सकते हैं। यह स्थिति उम्र बढ़ने के साथ दिमाग में होने वाले बदलावों के कारण होता है, जो इंसानों में होने वाले डिमेंशिया से काफी मिलता-जुलता होता है। यह एक न्यूरोडीजेनेरेटिव स्थिति है, जो धीरे-धीरे बढ़ती है और डॉग के रोजमर्रा के जीवन को प्रभावित करने लगती है।
ऐसे में डॉग ओनर के लिए जरूरी है कि वे CCD के लक्षणों को पहचानें और सही इलाज और देखभाल की मदद से अपने प्यारे डॉग के जीवन को आसान बनाने की कोशिश करें। आइए जानें डॉग डिमेंशिया के लक्षण कैसे होते हैं और इस दौरान उनका ध्यान कैसे रखें।
लक्षणों को कैसे पहचानें?
सीसीडी के लक्षण अचानक नहीं, बल्कि धीरे-धीरे दिखाई देते हैं। शुरुआती संकेत अक्सर ये होते हैं-
- रात में बेचैनी- नींद-जागने की साइकिल में गड़बड़ी के कारण रात में इधर-उधर घूमना, भौंकना या घबराहट।
- दिन में सुस्ती- पहले की तुलना में कम एक्टिव रहना, खेलने या टहलने में रुचि कम होना।
- सामाजिक व्यवहार में बदलाव- अपने ओनर या अन्य पालतू जानवरों के साथ संपर्क कम कर देना, या अजीब तरह से चिपके रहना।
- भटकाव और दिशा भ्रम- घर के परिचित कोनों में भी खो जाना, दरवाजे के गलत तरफ खड़े रहना या फर्नीचर से टकराना।
- घर में गंदगी करना- पहले से ट्रेंड होने के बावजूद, अचानक घर के अंदर ही यूरिन या स्टूल डिसचार्ज करना।
समय के साथ ये लक्षण बढ़ सकते हैं। ध्यान रहे, दर्द, दिखाई या सुनाई कम देना या अन्य मेटाबॉलिक डिसऑर्डर भी इन्हीं जैसे लक्षण पैदा कर सकते हैं, इसलिए पशु चिकित्सक से सही इलाज जरूरी है।
इस दौरान उनकी देखभाल कैसे करें?
हालांकि सीसीडी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन सही देखभाल से इसे तेजी से बढ़ने से रोका जा सकता है और डॉग के जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है।

(AI Generated Image)
- पशु चिकित्सक से सलाह- कुछ दवाएं, डाइट्री सप्लीमेंट्स और सही खान-पान लक्षणों में सुधार या बीमारी के बढ़ने की गति को धीमा कर सकते हैं। साथ ही, नियमित जांच कराते रहें।
- स्थिर और सुरक्षित वातावरण- घर के फर्नीचर की जगह न बदलें। अंधेरे में हल्की रोशनी रखें। रात में अकेले में घबराहट हो तो शांत म्यूजिक या रेडियो चालू रख सकते हैं।
- रुटीन बनाए रखें- खाने, टहलने और सोने का समय फिक्स रखें। यूरिन और स्टूल डिसचार्ज करने की ट्रेनिंग दोबारा देनी पड़ सकती है।
- मानसिक व शारीरिक बदलाव- आसान इंडोर गेम, छोटी वॉक, नए लेकिन सुरक्षित खिलौने दें। सबसे जरूरी बात, उन पर किसी तरह का दबाव न डालें।
- पॉजिटिव कनेक्शन बनाए रखें- आपका डॉग कभी-कभी भ्रमित हो सकता है या परिचित लोगों को पहचानने में भी परेशानी महसूस कर सकता है। ऐसे में प्यार और शांत व्यवहार जरूरी है। डांटने या सजा देने से बचें।
- शारीरिक स्वास्थ्य का खयाल- दर्द, इन्फेक्शन या अन्य बीमारियां डिमेंशिया के लक्षण बढ़ा सकती हैं। उनसे बचाने की कोशिश करें।

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