Gift खोलने से लेकर Cheers करने तक... इन आदतों के पीछे छिपे हैं सदियों पुराने राज
जब कोई आपको गिफ्ट देता है तो आप उसे तुरंत खोलते हैं या बाद में? या जब आप दोस्तों के साथ जाम टकराते हैं तो कभी सोचा है कि आखिर Cheers क्यों किया जाता है? दरअसल हमारी रोजमर्रा की कुछ आदतें हमें बहुत आम लगती हैं लेकिन इनके पीछे सदियों पुराने राज छिपे हैं। आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ मजेदार परंपराओं के बारे में।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हम सभी रोजमर्रा की जिंदगी में कई ऐसी चीजें करते हैं, जिनके पीछे कोई न कोई परंपरा या इतिहास छिपा होता है। चाहे वह किसी को तोहफा देना हो, हाथ मिलाना हो या फिर सेलिब्रेशन के वक्त चियर्स करना, हर बात का अपना एक सांस्कृतिक महत्व होता है। इसके अलावा, दुनियाभर में इनका तरीका भी अलग होता है और इनके पीछे की सोच भी। ऐसे में, आइए इस आर्टिकल में जानते हैं रोजमर्रा की इन आदतों से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें।
क्यों लोग आपके सामने नहीं खोलते गिफ्ट?
अगर आप एशियाई देशों में किसी को गिफ्ट देते हैं, तो वहां लोग उसे आपके सामने नहीं खोलते। ऐसा करना असभ्यता या लालच समझा जाता है। सामने खोलने से यह मैसेज जा सकता है कि व्यक्ति बहुत एक्साइटेड है या सब्र नहीं रख सकता। इसलिए वे बड़े शांत भाव से तोहफा एक तरफ रख देते हैं और जब आप चले जाते हैं, तब उसे खोलते हैं।
लेकिन यही बात अगर अमेरिका में करें, तो उसका मतलब कुछ और ही निकलता है। वहां अगर किसी को तोहफा दिया जाए और वह व्यक्ति बिना खोले उसे रख दे, तो इसे अपमानजनक माना जा सकता है। जी हां, अमेरिकी कल्चर में गिफ्ट देने वाले के सामने ही उसे खोलना और उस पर खुशी जताना एक तरह से आदर दिखाने का तरीका होता है। यह उस फीलिंग की कद्र करने का तरीका है जिसके साथ वह तोहफा दिया गया है।
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कैसे शुरू हुई हैंडशेक की परंपरा
आज हम जब किसी से पहली बार मिलते हैं, तो हाथ मिलाते हैं जिसे 'हैंडशेक' कहा जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका इतिहास क्या है?
पुराने समय में जब दो लोग आपस में मिलते थे, तो वे यह दिखाने के लिए हाथ मिलाते थे कि उनके हाथों में कोई हथियार नहीं है। यह एक तरह से यह जताने का तरीका था कि वे शांतिपूर्ण इरादे से आए हैं। इस परंपरा के जरिए एक-दूसरे पर विश्वास जताया जाता था। धीरे-धीरे यह एक सामाजिक शिष्टाचार बन गया, जो आज भी दुनिया भर में अपनाया जाता है।
क्यों करते हैं चियर्स?
जब भी हम किसी खुशी के मौके पर दोस्तों के साथ बैठते हैं, तो अक्सर एक-दूसरे के साथ गिलास टकराते हैं और कहते हैं- "Cheers!" लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों किया जाता है?
इस परंपरा की जड़ें मध्य युग में छिपी हैं। उस दौर में मेहमानों को जहर देकर मार देने की घटनाएं आम थीं। इसलिए जब मेजबान अपने अतिथियों को शराब या कोई ड्रिंक परोसते थे, तो वे अपने गिलास को इतनी जोर से टकराते थे कि थोड़ी-सी शराब एक-दूसरे के गिलास में मिल जाती थी। इससे यह साबित होता था कि ड्रिंक सेफ है और सभी एक ही चीज पी रहे हैं। यह भरोसे और ईमानदारी की निशानी थी। आज भले ही ऐसा डर न हो, लेकिन यह परंपरा आज भी "एकता और उत्सव" का प्रतीक बन गई है।
संस्कृति की समझ बनाती है रिश्तों को मजबूत
इन छोटी-छोटी परंपराओं से हमें यह समझ में आता है कि दुनिया कितनी विविधताओं से भरी हुई है। हर देश की अपनी एक सोच, मान्यता और तरीका होता है, जिसे जानकर हम एक-दूसरे के और करीब आ सकते हैं।
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