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    दो भाई, एक दुल्हन! क्या है 'जोड़ीदार प्रथा' जहां एक लड़की करती है कई लड़कों से शादी?

    Updated: Wed, 23 Jul 2025 03:33 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में हट्टी जनजाति में दो भाइयों की एक ही लड़की से शादी की अनोखी परंपरा चर्चा में है। इस बहुपतित्व विवाह को जोड़ीदार (Jodidaar Pratha India) कहा जाता है जिसमें एक लड़की एक से अधिक भाइयों से शादी करती है। मान्यता है कि यह प्रथा महाभारत काल से जुड़ी है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।

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    जानें हिमाचल में हट्टी जनजाति की परंपरा (Picture Credit- Instagram)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर अक्सर कोई न कोई खबर चर्चा में बनी रहती है। यहां आए दिन कुछ नया देखने को मिलता है, जिसके बारे में हर तरफ बातें होती रहती हैं। ऐसा ही कुछ हाल ही में देखने को मिला, जहां हिमाचल प्रदेश में हुई एक शादी सुर्खियां बटोर रही है।

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    यहां बीते दिनों हुई दो भाईयों की शादी ने सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा। यह शादी आमतौर पर होने वाली शादी से काफी अलग थी। दरअसल, यहां दो भाईयों ने एक भी लड़की के साथ शादी और इसी वजह से शादी का यह अनोखा समारोह चर्चा में बना हुआ है। यह हिमाचल प्रदेश की हट्टी जनजाति की एक परंपरा है, जो इस शादी के बाद से ही चर्चा में बनी हुई है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे इस अनोखी शादी और हट्टी जनजाति की इस परंपरा के बारे में विस्तार से-

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    क्या है यह परंपरा?

    भारत के उत्तरी राज्य हिमाचल प्रदेश में हट्टी जनजाति में एक अनोखा विवाह होता है, जिसे स्थानीय रूप से जोड़ीदार (what is Jodidaar Pratha) कहा जाता है। यह बहुपतित्व विवाह (polyandry tradition in India) की परंपरा है, जिसमें एक लड़की एक से ज्यादा पुरुषों (one woman multiple husbands), आमतौर पर भाइयों से शादी करती है। यह एक पुरानी परंपरा है, जो कभी हट्टी जनजाति में, खासकर सिरमौर में काफी आम थी। इसे जोड़ीदार या जजड़ा के नाम से भी जाना जाता है।

    कैसे शुरू हुई यह परंपरा?

    जैसाकि हम ऊपर यह जान चुके हैं कि इस परंपरा की जड़ें हिमाचल प्रदेश के ट्रांस-गिरि क्षेत्र में हट्टी जनजाति से जुड़ी हुई है। इसे लेकर कुछ और मान्यताएं भी हैं। दरअसल, इस रिवाज को अक्सर महाभारत से भी जोड़ा जाता है, क्योंकि पांचाल राजकुमारी द्रौपदी ने भी पांच पांडव भाइयों से शादी की थी और इसलिए इसे कभी-कभी द्रौपदी प्रथा भी कहा जाता है। साथ ही स्थानीय लोगों का यह मानना है कि वहीं से जुड़ी हुई है।

    क्या होते हैं इसके नियम?

    इस शादी के तहत पति-पत्नी आपसी सहमति से तय पर रात में या हफ्ते में अपने पतियों के साथ समय बिताती है। इस शादी के होने वाले बच्चों को पूरा परिवार मिलकर पालता है। हालांकि, सबसे बड़े भाई को ही बच्चों का कानून पिता माना जाता है। हालांकि, समय के साथ अब इस तरह की शादी कम होती जा रही है, लेकिन अभी भी कुछ लोग इस परंपरा को निभाते आ रहे हैं।

    क्या भारत में यह लिगल है?

    वैसे तो भारत में बहुपति प्रथा गैरकानूनी है और इसलिए भारतीय कानून इस पर प्रतिबंध लगाता है। हालांकि, हिमाचल प्रदेश में इस परंपरा संरक्षित किया गया है। संगना ग्राम पंचायत गाताधार गिरीपार के रहने वाले समाजसेवी प्रताप सिंह रावत ने बताया कि गिरीपार क्षेत्र में बहुपति एवं बहू पत्नी प्रथा को जोड़ीदारी प्रथा कहा जाता है।

    जोड़ीदारी प्रथा राजस्व रिकॉर्ड में भी दर्ज है। जो महिला दो या तीन भाइयों के साथ शादी करती है, उनसे उत्पन्न होने वाली संतान को दोनों पिता की संपत्ति का हिस्सा मिलता है। गिरिपार क्षेत्र में यह राजस्व रिकॉर्ड में भी दर्ज है।

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