सिर्फ डाइट नहीं, फिट रहने के लिए थोड़ा 'मतलबी' बनना भी है जरूरी; आज ही अपनाएं 5 Selfish Habits
बचपन से हमें सिखाया जाता है कि 'बांटकर खाना चाहिए' और 'दूसरों की खुशी पहले आती है', लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी फिटनेस जर्नी में यह आदत कभी-कभी आप ...और पढ़ें

सेहत की खातिर आज ही अपनाएं ये 5 Selfish Habits (Image Source: AI-Generated)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। सोचिए, कितनी बार आपने सिर्फ इसलिए अनहेल्दी खाना खाया क्योंकि दोस्त बुरा न मान जाएं? या कितनी बार अपना जिम मिस किया क्योंकि घर पर किसी को आपकी जरूरत थी?
फिटनेस सिर्फ हरी सब्जियां खाने या पसीना बहाने का नाम नहीं है, यह एक 'जंग' है जहां आपको अपनी सेहत के लिए दुनिया से थोड़ा लड़ना पड़ता है। अगर आप सच में वो फिट बॉडी चाहते हैं, तो आपको 'मिस्टर या मिस नाइस' बनना छोड़ना होगा (Why Being Selfish Is Good For Health)। चलिए जानते हैं वो 5 तरीके जहां आपको अपनी सेहत के लिए थोड़ा 'बेशर्म' और 'मतलबी' बनना ही पड़ेगा।

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अपनी नींद के लिए 'मतलबी' बनें
अक्सर हम दोस्तों के साथ देर रात तक पार्टी करने या फैमिली के साथ देर तक गप्पें लड़ाने के चक्कर में अपनी नींद कुर्बान कर देते हैं, लेकिन एक फिट बॉडी के लिए यह सबसे बड़ी गलती है। आपको अपनी नींद को लेकर थोड़ा सख्त होना पड़ेगा। अगर आपका सोने का समय हो गया है, तो बिना झिझक फोन रख दें और दूसरों को 'गुड नाइट' कहकर सो जाएं। याद रखें, जब आप 7-8 घंटे की गहरी नींद लेते हैं, तभी आपकी मसल्स रिपेयर होती हैं और अगले दिन के लिए शरीर फैट बर्न करने के लिए तैयार होता है।
खाने की टेबल पर 'ना' कहना सीखें
हम भारतीय अपनी मेहमाननवाजी के लिए जाने जाते हैं, जहां "बस एक गुलाब जामुन और" या "थोड़ा-सा तो चख लो" कह कर हमें जबरदस्ती खिलाया जाता है। यहां आपको थोड़ा 'ढीठ' बनना होगा। अगर आप डाइट पर हैं या आपका पेट भर चुका है, तो मुस्कुराते हुए लेकिन दृढ़ता से 'ना' कहना सीखें। लोग शायद एक पल के लिए बुरा मान सकते हैं, लेकिन बाद में आपकी फिटनेस देखकर वही लोग आपकी तारीफ करेंगे। आपकी प्लेट में क्या जाएगा, इसका कंट्रोल सिर्फ आपके हाथ में होना चाहिए, दूसरों के नहीं।
अपने 'मी-टाइम' से कोई समझौता नहीं
क्या अक्सर ऐसा होता है कि जिम जाने के टाइम पर घर का कोई काम आ जाता है या दोस्त मिलने आ जाते हैं और आप अपना वर्कआउट छोड़ देते हैं? फिट रहने वाले लोग अपने वर्कआउट के समय को लेकर बहुत सेल्फिश होते हैं। दिन का वह 45 मिनट या 1 घंटा सिर्फ आपका है। उस समय फोन को साइलेंट करें और दुनिया को भूल जाएं। जब आप खुद को यह समय देंगे, तभी आप शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बन पाएंगे। दूसरों के लिए आप 23 घंटे मौजूद रह सकते हैं, लेकिन वह 1 घंटा सिर्फ आपके शरीर का हक है।
अपनी एनर्जी को बचाना सीखें
फिटनेस का मतलब सिर्फ फिजिकल हेल्थ नहीं, मेंटल हेल्थ भी है। अगर आप हर किसी की समस्या सुनने, गॉसिप करने या दूसरों के ड्रामा में उलझे रहेंगे, तो आपका स्ट्रेस लेवल बढ़ जाएगा, और ज्यादा स्ट्रेस का सीधा मतलब है- पेट की चर्बी का बढ़ना। इसलिए, अपनी मेंटल हेल्थ के लिए थोड़ा मतलबी बनें। उन लोगों या बातों से दूर रहें जो आपको तनाव देते हैं। अपनी एनर्जी को अपने वर्कआउट और खुश रहने में लगाएं, न कि दूसरों की नेगेटिविटी में।
थकान होने पर प्लान कैंसिल करना
कभी-कभी हमें थकान महसूस होती है, लेकिन हम सिर्फ इसलिए बाहर चले जाते हैं ताकि दोस्त नाराज न हों। ध्यान रहे, अगर आपका शरीर आराम मांग रहा है, तो बेझिझक सोशल प्लान्स को कैंसिल कर दें। एक दिन घर पर रुककर रेस्ट करना आपकी रिकवरी के लिए किसी भी पार्टी से ज्यादा जरूरी है। जब आप अपनी बॉडी की सुनेंगे, तभी बॉडी आपकी सुनेगी और आपको वो फिटनेस रिजल्ट्स देगी जो आप चाहते हैं।

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