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    Year Ender 2025: इस साल इन 5 बीमारियों का रहा सबसे ज्यादा खौफ, आने वाले समय में भी रहना होगा सतर्क

    Updated: Sun, 14 Dec 2025 11:25 AM (IST)

    साल 2025 अब विदा ले रहा है। अगर हम इस साल को पलट कर देखें, तो यह साल सेहत के लिहाज से काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा। एक तरफ मेडिकल साइंस ने तरक्की की, तो दूस ...और पढ़ें

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    साल 2025 में इन बीमारियों ने बढ़ाई दुनियाभर की चिंता (Image Source: AI-Generated)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। साल 2025 अब अलविदा कह रहा है, लेकिन सेहत के लिहाज से यह साल हमें कई खौफनाक अनुभव देकर जा रहा है। एक तरफ जहां 2025 में टेक्नोलॉजी और AI ने हमारी जिंदगी आसान बनाई, वहीं दूसरी तरफ हमारे शरीर ने कई परेशानियों को झेला। यह वो साल था जब बीमारी ने 'उम्र' देखना बंद कर दिया- क्या बच्चे और क्या जवान, इस साल अस्पताल की लाइनों में हर कोई खड़ा मिला।

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    जी हां, कोविड का साया तो धुंधला पड़ गया, लेकिन 2025 में सेहत से जुड़ी इन 5 समस्याओं ने ऐसा कोहराम मचाया कि डॉक्टर भी हैरान रह गए। आइए, साल के आखिरी पन्नों को पलटते हैं और जानते हैं उन बीमारियों के बारे में जिन्होंने इस साल सबसे ज्यादा डर पैदा किया...

    युवाओं में 'साइलेंट हार्ट अटैक'

    इस साल की सबसे डरावनी हेडलाइन्स दिल की बीमारियों से जुड़ी रहीं। पहले यह बीमारी 50 पार के लोगों की मानी जाती थी, लेकिन 2025 में 25 से 40 साल के फिट दिखने वाले युवाओं में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़े। जिम में कसरत करते हुए या ऑफिस में काम करते हुए अचानक दिल का दौरा पड़ना एक बड़ी चिंता का विषय बन गया।

    • वजह: जरूरत से ज्यादा तनाव, खराब खानपान और बिना मेडिकल सलाह के हैवी वर्कआउट।

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    'सुपर फ्लू' और जिद्दी खांसी

    क्या आपको याद है इस साल का वह दौर जब हर दूसरे घर में कोई न कोई खांस रहा था? 2025 में इन्फ्लूएंजा के ऐसे वैरिएंट देखे गए, जिसमें बुखार तो 3 दिन में ठीक हो गया, लेकिन खांसी 3-4 हफ्तों तक नहीं गई। इसे डॉक्टरों ने 'लॉन्ग लास्टिंग कफ' का नाम दिया। एंटीबायोटिक्स का असर कम होना भी इस साल एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा।

    डेंगू का बदलता रूप

    आमतौर पर डेंगू बरसात के बाद खत्म हो जाता है, लेकिन 2025 में जलवायु परिवर्तन के कारण डेंगू का प्रकोप नवंबर-दिसंबर तक देखा गया। इस बार डेंगू के ऐसे मामले सामने आए जिनमें प्लेटलेट्स गिरने के साथ-साथ लिवर पर भी असर पड़ा। मच्छरों से होने वाली इस बीमारी ने अस्पतालों में सबसे ज्यादा भीड़ बढ़ाई।

    प्रदूषण जनित सांस की तकलीफें

    साल के अंत तक आते-आते खराब हवा (AQI) ने लोगों का दम घोंट दिया। अस्थमा और ब्रोंकाइटिस सिर्फ मरीजों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि स्वस्थ लोगों को भी सांस लेने में भारीपन महसूस हुआ। छोटे बच्चों में नेब्युलाइजर की जरूरत इस साल सबसे ज्यादा महसूस की गई।

    फैटी लिवर

    साल 2025 में पेट और पाचन से जुड़ी समस्याओं में सबसे ज्यादा खौफ 'नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर' का रहा। पहले माना जाता था कि लिवर सिर्फ शराब पीने वालों का खराब होता है, लेकिन इस साल यह भ्रम टूट गया। हेल्थ चेकअप्स के आंकड़े बताते हैं कि इस साल बड़ी तादाद में बच्चों और युवाओं के लिवर में सूजन पाई गई। वजह है- पिज्जा, बर्गर जैसे जंक फूड का बढ़ता चलन, शुगरी ड्रिंक्स और फिजिकल एक्टिविटी की कमी।

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    डरें नहीं, सतर्क रहें

    बीमारियों के नए नाम सुनकर घबराने से कुछ नहीं होगा, बल्कि तनाव और बढ़ेगा। साल 2025 ने हमें सिखाया है कि "इलाज से बेहतर बचाव है"। आने वाला साल आपके और आपके परिवार के लिए सुरक्षित रहे, इसके लिए आपको अपनी दिनचर्या में ये जरूरी बदलाव करने होंगे:

    • लक्षण दिखने का इंतजार न करें: हम अक्सर डॉक्टर के पास तब जाते हैं जब बीमारी बहुत बढ़ जाती है। इस आदत को बदलें। भले ही आप खुद को कितना भी फिट महसूस करें, साल में एक बार 'फुल बॉडी चेकअप' जरूर कराएं।
    • 'डॉक्टर गूगल' से बचें: आजकल हल्की सी खांसी या सिरदर्द होने पर लोग इंटरनेट पर लक्षण खोजते हैं और खुद ही दवाई ले लेते हैं। यह बहुत खतरनाक ट्रेंड है। 2025 में कई केस बिगड़े क्योंकि लोगों ने सही समय पर सही डॉक्टर को नहीं दिखाया।
    • अपने दिल और लिवर को 'एक्टिव' रखें: जिम जाकर भारी वजन उठाना ही कसरत नहीं है। दिल और लिवर को स्वस्थ रखने के लिए रोजाना 30 से 40 मिनट की वॉक काफी है। अगर आप दिन भर कुर्सी पर बैठकर काम करते हैं, तो हर एक घंटे बाद 5 मिनट का ब्रेक लेकर टहलें।
    • ऐसी रखें डाइट: इम्युनिटी बढ़ाने के लिए कोई जादुई गोली नहीं आती, यह आपके खाने से आती है। अपनी प्लेट में सिर्फ रोटी-चावल नहीं, बल्कि रंग-बिरंगी सब्जियां और फल शामिल करें।
    • प्रदूषण और संक्रमण से बेसिक सुरक्षा: फ्लू और प्रदूषण अभी खत्म नहीं हुए हैं। जब भी आप भीड़भाड़ वाली जगह जाएं या शहर में प्रदूषण का स्तर ज्यादा हो, तो मास्क पहनने में शर्म न करें। वहीं, बाहर से आने के बाद हाथ धोने की आदत को न छोड़ें।

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