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    World Sleep Day 2025: बार-बार नींद टूटने की बीमारी है दिल के लिए खतरनाक, बढ़ाती है हार्ट अटैक का रिस्क

    Updated: Fri, 14 Mar 2025 09:47 AM (IST)

    इस साल 14 मार्च को वर्ल्ड स्लीप डे (World Sleep Day 2025) मनाया जा रहा है। नींद हमारे दिल के लिए काफी जरूरी है। नींद की कमी या बार-बार नींद टूटने से दिल को नुकसान पहुंचता है। स्लीप एपनिया की कंडिशन में व्यक्ति की नींद बार-बार टूटती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि यह कैसे दिल को नुकसान पहुंचा सकती है और इसके रिस्क फैक्टर्स क्या हैं।

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    World Sleep Day 2025: नींद का है दिल से गहरा नाता (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। जब भी हम दिल के स्वास्थ्य की बात करते हैं, उसमें नींद को अक्सर कम ही महत्व देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नींद का आपके दिल के साथ गहरा नाता है (health risks of poor sleep)। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि नींद आपकी सेहत के लिए कितना जरूरी है। इस साल 14 मार्च को वर्ल्ड स्लीप डे (World Sleep Day 2025) मनाया जा रहा है।

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    आइए इसी मौके पर Dr. Anjan Siotia (बी.एम. बिरला हार्ट हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी विभाग के निदेशक) से जानते हैं कि कैसे स्लीप एपनिया आपके दिल को नुकसान (heart attack risks) पहुंचा सकता है।

    स्लीप एपनिया है दिल का दुश्मन?

    • स्लीप एपनिया असल में दिल के लिए एक गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। स्लीप एपनिया, खासतौर से ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA), एक ऐसी स्थिति है जिसमें नींद के दौरान सांस बार-बार रुकती और शुरू होती है। यह न केवल नींद को बाधित करता है, बल्कि इससे हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट बीट रुकना, एरिथमिया और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है।

    कैसे पहुंचाता है दिल को नुकसान?

    • स्लीप एपनिया के दौरान शरीर को बार-बार ऑक्सीजन की कमी का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति में शरीर तनाव प्रतिक्रिया देता है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है, हार्ट बीट तेज होती है और सूजन बढ़ती है। ये सभी हार्ट डिजीज का कारण बन सकते हैं।
    • हाइपरटेंशन स्लीप एपनिया का सबसे खतरनाक कॉम्प्लीकेशन है। ऑक्सीजन के लेवल में बार-बार गिरावट से स्ट्रेस हार्मोन बढ़ने लगता है, जिससे ब्लड प्रेशर लगातार हाई बना रहता है। यह स्थिति हार्ट अटैक और स्ट्रोक का अहम कारण बन सकती है। इसके अलावा, OSA एट्रियल फिब्रिलेशन से भी जुड़ा हुआ है, जो स्ट्रोक का एक अहम रिस्क फैक्टर है।
    • समय के साथ, ऑक्सीजन के लेवल में उतार-चढ़ाव के कारण दिल पर ज्यादा तनाव पड़ता है, जिससे दिल की फंक्शनिंग प्रभावित हो सकती है और हार्ट बीट बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है।

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    किन्हें होता है ज्यादा खतरा?

    स्लीप एपनिया किसी को भी हो सकता है, लेकिन ज्यादा वजन वाले लोग, स्मोक करने वाले, मेनोपॉज के बाद की महिलाएं और जिनके परिवार में किसी को यह समस्या है, उनमें इसका खतरा ज्यादा होता है।

    कैसे लगाएं इसका पता?

    • शुरुआती निदान इस स्थिति को मैनेज करने के लिए बेहद जरूरी है। पॉलीसोम्नोग्राफी (स्लीप स्टडी) के जरिए इसके डायग्नॉस किया जा सकता है। इलाज के विकल्पों में सीपीएपी थेरेपी, लाइफस्टाइल में बदलाव और कभी-कभी सर्जरी शामिल हैं।
    • स्लीप एपनिया को नजरअंदाज करना आपके दिल के लिए बेहद ही खतरनाक साबित हो सकता है। नींद से जुड़े डिसऑर्डर्स का इलाज अब केवल नींद तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हार्ट हेल्थ और भविष्य में स्वस्थ जीवन जीने के बारे में है।
    • अगर आप या आपके किसी प्रियजन को नींद के दौरान जोर से खर्राटे आते हैं, दिन में नींद आती है या रात में बार-बार सांस रुकने की समस्या होती है, तो तुरंत मेडिकल हेल्प लेना जरूरी है। 

    वर्ल्ड स्लीप डे के इस अवसर पर, आइए नींद के महत्व को समझें और स्लीप एपनिया जैसी स्थितियों को गंभीरता से लें, क्योंकि एक अच्छी नींद न केवल हमारे दिमाग के लिए, बल्कि हमारे दिल के लिए भी जरूरी है।

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