Snoring Causes: इस वजह से लोगों में बढ़ रही खर्राटे की समस्या, पूरी नहीं हो पा रही नींद; पढ़िए डॉक्टर की खास सलाह
स्लीप एप्निया एक गंभीर नींद विकार है जिसमें सांस रुकती और शुरू होती है। इससे नींद पूरी नहीं हो पाती और दिन में अत्यधिक थकान और उनींदापन महसूस होता है। यह उच्च रक्तचाप हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। इस लेख में स्लीप एप्निया के कारणों लक्षणों और बचाव के उपायों के बारे में विस्तार से बताया गया है।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। बीआरडी मेडिकल काॅलेज के मेडिसिन ओपीडी में आज से 10 साल पहले दो-चार माह में स्लिप एप्निया (खर्राटे आने की समस्या) के एक-दो रोगी आते थे, अब प्रतिदिन तीन-चार रोगी पहुंच रहे हैं। उपचार के साथ डाॅक्टर बचाव के उपाय भी बता रहे हैं, इनमें सबसे प्रमुख है वजन कम करना।
डाॅक्टरों के अनुसार खानपान पर नियंत्रण न रख पाने की वजह से लोग मोटापा के शिकार हो रहे हैं। इसकी वजह से अनेक बीमारियां पैदा हो रही हैं, इनमें से एक गंभीर बीमारी है- स्लीप एप्निया। खर्राटे आने से व्यक्ति की नींद पूरी नहीं पाती, शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है। इस वजह से दिन में कार्य के दौरान झपकी आ सकती है। साथ ही तनाव समेत अनेक प्रकार की बीमारियां जन्म ले सकती हैं। इसकी वजह से व्यक्ति उच्च रक्तचाप व दिल का रोगी भी हो सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार स्लीप एप्निया एक गंभीर स्थिति है, जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह एक स्लीप डिस्आर्डर है, जिसमें सांस रुकती और शुरू होती है। नींद में तेज आवाज के साथ खर्राटे आने से नींद पूरी नहीं हो पाती है और दिन में व्यक्ति थका हुआ महसूस करता है। इस वजह से गंभीर हृदय रोग और दूसरी स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
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इसमें सांस के रुककर चलने के कारण रक्त में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि जिन लोगों को स्लीप एप्निया हो वे खर्राटे लें या जो खर्राटे लेते हैं, उन्हें स्लीप एप्निया हो। अगर सात-आठ घंटे सोने के बाद भी अत्यधिक थकान और उनींदेपन से व्यक्ति पीड़ित हैं तो स्लीप एप्निया का शिकार हो सकता है।
डॉक्टर की सलाह। जागरण
प्रमुख कारक
- अनुवांशिक कारण
- वजन अधिक होना। इससे श्वसन मार्ग के ऊपरी भाग में वसा का जमाव हो जाता है
- जिन लोगों की गर्दन पतली होती है, उनका श्वसन मार्ग संकरा होता है। इसके अलावा टांसिल्स बढ़े होने से भी श्वसन मार्ग में अवरोध होता है
- अल्कोहल, नींद की गोलियां और अवसाद दूर करने वाली दवाइयां गले की मांसपेशियों को ढीला कर देती हैं
- धूमपान करने वाले लोगों में इसका खतरा धूमपान न करने वालों की तुलना में तीन गुना अधिक होता है, क्योंकि इससे श्वसन मार्ग में सूजन आ जाती है
- एलर्जी या किसी और कारण से जिन लोगों को नाक से सांस लेने में समस्या होती है, उनमें इसकी आशंका बढ़ जाती है
सामान्य लक्षण
- दिन में अत्यधिक उनींदापन अनुभव करना
- नींद में थोड़ी देर के लिए सांस का रुक जाना
- सुबह उठने पर मुंह में सूखापन और गले में खराश का अनुभव होना
- सुबह-सुबह सिरदर्द होना
- सोने में कठिनाई होना
- ध्यान केंद्रित करने में समस्या होना
- टीवी देखते समय, किसी से बात करते समय या ड्राइव करते-करते झपकी लग जाना
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रोकथाम के उपाय
- वजन कम करें
- नियमित व्यायाम करें
- अल्कोहल और नींद की गोलियों के सेवन से बचें
- धूमपान न करें
- पीठ के बल सोने के बजाय पेट के बल या करवट लेकर सोएं
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