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    अगर आते हैं खर्राटे तो जरूर पढ़ें खबर, आपको हो सकती है यह बीमारी; AIIMS ने किया अध्ययन

    सोते समय खर्राटे आना आम बात है लेकिन अगर यह समस्या हफ्ते में दो दिन से ज्यादा हो तो सावधान हो जाएं। यह ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) का संकेत हो सकता है। भागदौड़ भरी जिंदगी नींद की कमी मोटापा डायबिटीज आदि कारणों से यह बीमारी बढ़ रही है। एम्स के डॉक्टर्स के अनुसार OSA से पीड़ित व्यक्ति को दिन में भी नींद आती है और खर्राटे भी ज्यादा आते हैं।

    By Ranbijay Kumar Singh Edited By: Geetarjun Updated: Sun, 08 Dec 2024 11:50 PM (IST)
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    खर्राटे लेने वाले हो जाएं सावधान, डॉक्टर्स को दिखाने की पड़ सकती है जरूरत।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। सोते वक्त यदि सप्ताह में दो दिन से अधिक खर्राटे (Snoring) आते हों तो इसे नजरअंदाज न करें। यह ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) बीमारी के लक्षण हो सकते हैं। भागदौड़ भरी जिंदगी, नींद कम लेने, मोटापा, डायबिटीज सहित कई अन्य कारणों से यह बीमारी बढ़ रही है, जो हृदय रोग सहित कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। एम्स (AIIMS) में पल्मोनरी विभाग द्वारा ओएसए (Obstructive Sleep Apnea) की बीमारी पर आयोजित एक कार्यशाला में डॉक्टर्स ने यह बात बताई।

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    एम्स के पल्मोनरी विभाग के प्रमुख डॉ. अनंत मोहन ने बताया कि ओएसए (OSA) से पीड़ित व्यक्ति को दिन में भी नींद अधिक आने की समस्या होती है और खर्राटे अधिक आते हैं। इससे हृदय रोग होने का खतरा रहता है लेकिन खर्राटे की बीमारी को लेकर लोगों में जागरूकता का अभाव है।

    मोटापा सबसे कारण

    लोग इसे नजरअंदाज करते हैं। मोटापा इसका सबसे बड़ा कारण है। सोते वक्त सांस की नली से हवा ठीक से नहीं जा पाती। इससे सांस लेने में अवरोध उत्पन्न होता है तो खर्राटे की समस्या होती है।

    10 प्रतिशत लोग गंभीर

    कार्यशाला के दौरान डॉक्टर्स ने भोपाल एम्स (Bhopal AIIMS) में हुए एक शोध पत्र को प्रदर्शित किया। डॉक्टर्स ने बताया कि भोपाल एम्स में 1015 लोगों पर एक अध्ययन किया गया। जिसमें से 75.9 प्रतिशत लोगों को ओएसए की समस्या पाई गई। 30.5 प्रतिशत लोग मध्यम से गंभीर स्तर के ओएसए और करीब दस प्रतिशत लोग गंभीर स्तर के ओएसए की बीमारी से पीड़ित थे।

    पहले के मुकाबले लोगों में बढ़ी यह बीमारी

    अध्ययन में शामिल एक तिहाई पुरुष व एक चौथाई महिलाओं को मध्यम से गंभीर स्तर का ओएसए था। 30 वर्ष पहले किसी अन्य अस्पताल द्वारा किए एक अध्ययन में 24 प्रतिशत पुरुष व नौ प्रतिशत महिलाएं इससे पीड़ित पाई गई थीं। इसके मुकाबले अब ओएसए की बीमारी बढ़ी है। खासतौर पर महिलाओं में यह बीमारी ज्यादा बढ़ी है।

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    अगर इस तरह आते हैं खर्राटे तो बीमारी गंभीर

    दिल्ली एम्स के पल्मोनरी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. सौरभ मित्तल ने बताया कि सोने के दौरान कभी-कभी खर्राटे आना सामान्य होता है लेकिन सप्ताह में दो रातों से अधिक बार खर्राटे की समस्या होती है और हर रोज तेज खर्राटे आते हैं तो बीमारी का संकेत है। ऐसी स्थिति में डाक्टर से दिखाना जरूरी है।