साल 2025 में इस थीम के साथ मनाया जा रहा है World Sexual Health Day, पढ़ें इतिहास और महत्व
हर साल 4 सितंबर को पूरी दुनिया में World Sexual Health Day मनाया जाता है। इस दिन का मकसद लोगों में सेक्शुअल हेल्थ इससे जुड़े अधिकार न्याय और गरिमा के मुद्दों पर जागरूकता फैलाना है। यह दिन इस बात पर जोर देता है कि सेक्शुअल हेल्थ सिर्फ शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक और सामाजिक भलाई के लिए भी बेहद जरूरी है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आपने कभी सोचा है कि सेक्शुअल हेल्थ सिर्फ बीमारियों से बचाव है, या इसका मतलब कुछ और भी होता है? जी हां, यह सवाल जितना आसान लगता है, इसका जवाब उतना ही गहरा है। हर साल 4 सितंबर को मनाया जाने वाला World Sexual Health Day हमें इसी मुद्दे पर सोचने का मौका देता है।
यह दिन सिर्फ जानकारी देने के लिए नहीं है, बल्कि हमें यह बताता है कि हमारी सेक्शुअल हेल्थ, फिजिकल, मेंटल और सोशल वेलफेयर के लिए कितनी जरूरी है। यह दिन इस बात पर जोर देता है कि हर व्यक्ति को सेक्शुअल हेल्थ, इससे जुड़े अधिकार और प्लेजर का पूरा हक है।
कब और कैसे हुई शुरुआत?
वर्ल्ड सेक्शुअल हेल्थ डे की शुरुआत साल 2010 में हुई थी। इसे सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया की रोजमेरी कोट्स ने अपने WAS (World Association for Sexual Health) के अध्यक्षीय कार्यकाल में शुरू किया था। इस पहल का मकसद था लोगों को यह समझाना कि सेक्शुअल हेल्थ भी उतनी ही जरूरी है जितना फिजिकल और मेंटल हेल्थ।
दरअसल, 25 साल पहले हुए WAS Sexual Rights Declaration ने यौन अधिकारों को इंसानी अधिकारों के रूप में मान्यता दी थी। उसी सोच को आगे बढ़ाने के लिए हर साल यह दिवस मनाया जाता है, ताकि दुनिया भर में सेक्शुअल हेल्थ को सम्मान और प्राथमिकता मिल सके।
क्यों है यह दिन इतना जरूरी?
आज भी कई समाजों में यौन शिक्षा और यौन स्वास्थ्य पर खुलकर बात नहीं की जाती। नतीजा यह होता है कि लोग सही जानकारी से वंचित रह जाते हैं और अक्सर शर्म, डर या सामाजिक दबाव में अपने अधिकारों से समझौता करते हैं।
वर्ल्ड सेक्शुअल हेल्थ डे हमें यह याद दिलाता है कि,
- सेक्शुअल हेल्थ भी एक मानव अधिकार है।
- हर व्यक्ति को अपनी शारीरिक स्वतंत्रता और प्रजनन के अधिकार प्राप्त हैं।
- सहमति किसी भी संबंध का सबसे अहम आधार है।
- सभी को सुरक्षित और सही जानकारी तक पहुंच मिलनी चाहिए।
क्या है साल 2025 की थीम?
इस साल वर्ल्ड सेक्शुअल हेल्थ डे की थीम है “Sexual Justice: What Can We Do?”
इस थीम के तहत कुछ अहम मुद्दों पर फोकस किया जा रहा है:
- सेक्शुअल जस्टिस और राइट्स: सभी लोगों को बिना भेदभाव, डर या शर्मिंदगी के यौन सुख और अधिकार पाने का हक है।
- शारीरिक स्वतंत्रता और प्रजनन का अधिकार: हर व्यक्ति को यह निर्णय लेने का हक़ है कि उसका शरीर और उसका जीवन किस तरह हो।
- LGBTQ+ समुदाय के अधिकार: खासकर ट्रांसजेंडर, नॉन-बाइनरी, गे और लेस्बियन युवाओं की पहचान, गरिमा और जरूरतों की रक्षा करना।
- सही जानकारी तक पहुंच: लोगों को सेक्स और सेहत से जुड़ी जानकारी बिना सेंसरशिप, वैज्ञानिक आधार और सटीक रूप से उपलब्ध कराना।
वर्ल्ड सेक्शुअल हेल्थ डे सिर्फ एक दिन नहीं बल्कि यह समाज को बदलने का मौका है। सरकारों, संस्थाओं, मीडिया और आम लोगों सभी की जिम्मेदारी है कि वे सेक्शुअल एजुकेशन को आम-जन तक पहुंचाने का काम करें और हर किसी को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराएं।
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Source:
- WHO: https://www.worldsexualhealth.net/world-sexual-health-day
- WAS: https://www.who.int/news-room/events/detail/2025/09/04/default-calendar/world-sexual-health-day-2025
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