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    World Preeclampsia Day 2025: प्रेग्नेंसी में साइलेंट क‍िलर है ये बीमारी, इन 8 लक्षणों से करें पहचान

    Updated: Thu, 22 May 2025 09:55 AM (IST)

    गर्भावस्था में प्रीएक्लेम्पसिया एक गंभीर समस्या है जिससे मां और बच्चे दोनों की सेहत को खतरा होता है। World Preeclampsia Day 2025 हर साल 22 मई को मनाया जाता है। यह बीमारी गर्भावस्था के 20वें हफ्ते के बाद शुरू होती है। इस दौरान हाई बीपी की समस्‍या हो जाती है।

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    World Preeclampsia Day 2025- प्रीएक्लेम्प्सिया से कैसे करें बचाव? (Image Credit- Freepik)

    लाइफस्‍टाइल डेस्‍क, नई द‍िल्‍ली। World Preeclampsia Day 2025- मां बनने का सपना हर मह‍िला का होता है। एक तरफ बच्‍चे के आनी की खुशी होती है, ताे वहीं 9 महीनों तक मह‍िला को कई बदलावों से गुजरना पड़ता है। मूड स्‍व‍िंग्‍स और बदन दर्द से लेकर कई तरह की द‍िक्‍कतें एक मह‍िला झेलती है। इससे उसके मेंटल हेल्‍थ पर भी असर पड़ता है। गर्भावस्‍था के दौरान मां को अपने साथ-साथ अपने बच्‍चे की सेहत का भी ख्‍याल रखना पड़ता है।

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    मां जो भी कुछ खाती है, उसका पूरा पोषण बच्‍चे को भी म‍िलता है। हालांक‍ि कई मामलाें में प्रेग्‍नेंसी के दौरान मह‍िलाएं कई बीमारि‍यों की चपेट में आ जाती हैं। डायब‍िटीज से लेकर ब्‍लड प्रेशर का बढ़ना तो आम माना जाता है। प्रीएक्लेम्पसिया भी इन्हीं समस्याओं में से एक है। ये प्रेग्नेंसी के दौरान हावी होता है। इससे मां के साथ-साथ बच्‍चे की सेहत पर भी गंभीर असर पड़ता है। इस दौरान मह‍िला को हाई बीपी की समस्‍या हो जाती है।

    क्‍लीवलैंड क्‍लीन‍िक के मुताब‍िक, प्रीएक्लेम्प्सिया आमतौर पर प्रेग्‍नेंसी के 20वें हफ्ते के बाद होता है। इस गंभीर समस्या से लोगों को जागरुक करने के ल‍िए हर साल 22 मई को World Preeclampsia Day 2025 मनाया जाता है। आज हम अपने इस लेख में इस बीमारी के बारे में व‍िस्‍तार से जानेंगे।

    क्या है Preeclampsia?

    ये एक ऐसी स्‍थि‍त‍ि है जब प्रेग्‍नेंसी के दौरान मह‍िलाओं को हाई बीपी की समस्‍या हो जाती है। इसे हाइपरटेंशन भी कहा जाता है। इस दौरान यूर‍िन से हाई लेवल में प्रोटीन बाहर आने लगता है। इस समस्‍या को प्रोटीनुरिया कहते हैं। ये बीमारी शरीर के क‍िसी भी अंग को प्रभावि‍त कर सकता है। क‍िडनी औ ल‍िवर को ज्‍यादा नुकसान होता है। कुल म‍िलाकर ये मां और बच्‍चे दोनों के ल‍िए खतरनाक होता है।

    प्रीएक्लेम्पसिया के लक्षण

    • ब्‍लड प्रेशर हाई होना
    • यूरिन से प्रोटीन आना
    • सिर में तेज दर्द होना
    • सीने में दर्द
    • चेहरे और हाथों में सूजन आना
    • सांस लेने में तकलीफ होना
    • आंखों से कम द‍िखाई देना
    • पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होना

    य‍ह भी पढ़ें: World Preeclampsia Day: प्रेग्नेंसी में बढ़ जाता है प्रीक्लेम्पसिया का खतरा, जानें कैसे करें इससे बचाव

    क्‍या है प्रीएक्लेम्पसिया के कारण

    • पारिवारिक इतिहास
    • हाई बीपी
    • डायब‍िटीज
    • क‍िडनी की बीमारी का इतिहास
    • मोटापा
    • हार्मोनल डिसऑर्डर

    कैसे करें पहचान?

    यूरिन टेस्ट के जर‍िए

    बल्ड टेस्ट के जर‍िए

    अल्ट्रासाउंड

    कब जाएं डॉक्‍टर के पास?

    आपको बता दें क‍ि ये बीमारी ड‍िलीवरी के बाद भी आपको अपनी चपेट में ले सकती है। अगर समय पर इलाज न कराया जाए तो आपका द‍िमाग भी काम करना बंद कर सकता है। अगर आप प्रेग्‍नेंट हैं, तो प्रीक्लेम्पसिया से आपको दौरे भी पड़ सकते हैं। बार-बार बेहोशी आ सकती है। इससे प्‍लेटलेट्स भी कम हो सकता है। अगर आपको ऐसी भी कोई द‍िक्‍कतें हों तो तुरंत डॉक्‍टर से संपर्क करना चाह‍िए।

    कैसे करें बचाव?

    • ज्यादा से ज्यादा पानी प‍िएं।
    • प्रेग्‍नेंसी के दौरान कैल्शियम से भरपूर डाइट लें।
    • ज्यादा तेल-मसाले का सेवन न करें।
    • योगा और एक्सरसाइज करें।
    • नमक सीमित मात्रा में ही लें।

    यह भी पढ़ें: World Preeclampsia Day 2025: मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक है प्रीएक्लेम्प्सिया, ऐसे करें बचाव

    Source-

    • https://my.clevelandclinic.org/health/diseases/17952-preeclampsia