World Ovarian Cancer Day 2025: इन 5 लक्षणों को भूलकर भी न करें अनदेखा, ओवेरियन कैंसर का हो सकते हैं संकेत
ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) एक खतरनाक बीमारी है लेकिन सही जानकारी और सावधानियों से इसके जोखिम को कम किया जा सकता है। लक्षणों (Ovarian Cancer Symptoms) को पहचानकर समय पर डॉक्टर से संपर्क करना और स्वस्थ लाइफस्टाइल अपनाना इससे बचाव में मददगार साबित हो सकता है। यदि आपको कोई भी असामान्य लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। ओवेरियन कैंसर (ओवरीज का कैंसर) महिलाओं में होने वाली एक गंभीर बीमारी है। इसका पता अक्सर देर से चलता है, क्योंकि इसके शुरुआती लक्षण बेहद सामान्य होते हैं, जिनकी ओर लोगों का ध्यान अक्सर देर से जाता है। यह कैंसर तब विकसित होता है जब ओवरीज के सेल्स की अनकंट्रोल्ड ग्रोथ होने लगती है।
आइए वर्ल्ड ओवेरियन कैंसर डे के मौके पर डॉ. रमन नारंग (सीनियर कंसल्टेंट- मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, एंड्रोमेडा कैंसर हॉस्पिटल, सोनीपत) से जानते हैं कि ओवेरियन कैंसर के शुरुआती लक्षण कैसे होते हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है।
ओवेरियन कैंसर के लक्षण
ओवेरियन कैंसर के लक्षण शुरुआती स्टेज में साफ नहीं होते, लेकिन कुछ संकेतों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, जैसे-
- पेट में सूजन या बार-बार गैस बनना- अगर पेट में लगातार सूजन या भारीपन महसूस होता है, तो यह ओवेरियन कैंसर का संकेत हो सकता है।
- पेल्विक या पेट दर्द- ओवरीज के आसपास लगातार दर्द या असहजता होना।
- भूख कम लगना या जल्दी पेट भर जाना- थोड़ा खाने के बाद ही पेट भरा हुआ महसूस होना।
- बार-बार पेशाब आना- अचानक पेशाब की आदतों में बदलाव होना।
- थकान और वजन घटना- बिना किसी कोशिश के वजन कम होना और लगातार थकान महसूस होना।
- पाचन संबंधी समस्याएं- कब्ज, अपच या मतली जैसी समस्याएं होना।
यदि ये लक्षण दो-तीन सप्ताह से ज्यादा समय तक बने रहें, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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ओवेरियन कैंसर से बचाव के उपाय
हालांकि, ओवेरियन कैंसर को पूरी तरह से रोकना मुमकिन नहीं है, लेकिन कुछ उपाय अपनाकर इसके रिस्क को कम किया जा सकता है।
लाइफस्टाइल में सुधार
- हेल्दी डाइट- फल, सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन से भरपूर डाइट लें। प्रोसेस्ड फूड और ज्यादा फैट वाले खाने से बचें।
- नियमित एक्सरसाइज- फिजिकल एक्टिविटीज करने से शरीर हेल्दी रहता है और कैंसर का खतरा कम होता है।
- स्मोकिंग और शराब से परहेज- ये आदतें कई प्रकार के कैंसर के जोखिम को बढ़ाती हैं।
गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल
लंबे समय तक गर्भनिरोधक गोलियां लेने से ओवेरियन कैंसर का खतरा कम हो सकता है। हालांकि, इन्हें बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेना चाहिए।
प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग
मां बनने और ब्रेस्टफीड कराने से भी ओवेरियन कैंसर का खतरा कुछ हद तक कम होता है।
जेनेटिक टेस्ट
अगर परिवार में ओवेरियन या ब्रेस्ट कैंसर का इतिहास है, तो BRCA जीन म्यूटेशन की जांच करवाना सही रहेगा। इससे जोखिम का पता लगाकर सावधानी बरती जा सकती है।
नियमित जांच
- पेल्विक एग्जाम- स्त्री रोग विशेषज्ञ से नियमित जांच करवाते रहें।
- अल्ट्रासाउंड या ब्लड टेस्ट (CA-125 टेस्ट)- हाई रिस्क वाली महिलाओं को डॉक्टर की सलाह से ये टेस्ट करवाने चाहिए।
सर्जिकल ऑप्शन
जिन महिलाओं में ओवेरियन कैंसर का ज्यादा जोखिम होता है, उनके लिए डॉक्टर प्रोफाइलेक्टिक ओओफोरेक्टॉमी (ओवरीज निकालने की सर्जरी) की सलाह दे सकते हैं।
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